
बिहार पुलिस ने मंगलवार को गोपाल खेमका हत्याकांड में सफलता हासिल करने का दावा किया और कहा कि व्यवसायी की हत्या का कारण एक भूमि सौदा था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार एवं अन्य अधिकारियों ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शनिवार रात को खेमका के आवास के बाहर उन पर गोली चलाने के लिए इस्तेमाल आग्नेयास्त्र कथित शूटर के ठिकाने से बरामद कर लिया गया है.
डीजीपी ने कहा, 'जैसा कि पहले बताया गया है, कल बंदूकधारी उमेश यादव को गिरफ्तार किया गया, साथ ही अजय साव को भी गिरफ्तार किया गया, जिसे खेमका की हत्या के लिए 50,000 रुपये की अग्रिम राशि दी गई थी.'
'जमीन के सौदे के चलते ही हत्यारे को सुपारी दी'
डीजीपी ने कहा, 'हमने खेमका पर गोली चलाने में इस्तेमाल किया गया आग्नेयास्त्र बरामद कर लिया है. इसके अलावा यादव के घर से बड़ी संख्या में कारतूस भी बरामद किए गए हैं. बताया जाता है कि साव प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़ा है और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उसने जमीन के सौदे के चलते ही हत्यारे को सुपारी दी थी.''
हालांकि, उन्होंने कोई और ब्योरा नहीं दिया और कहा कि जांच अभी जारी है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम जांच कर रहे हैं कि क्या खेमका की हत्या और आठ साल पहले उनके दो बेटों पर हुए जानलेवा हमले के बीच कोई जुड़ाव है.''
गोपाल खेमका की शुक्रवार रात 11.40 बजे पटना में उनके आवास के बाहर बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना गांधी मैदान इलाके में खेमका के घर के गेट के पास हुई. इससे सात साल पहले हाजीपुर में बदमाशों ने उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
खेमका के दो बेटों को 2018 में राज्य की राजधानी से लगभग 30 किलोमीटर दूर हाजीपुर में गोलियों से भून दिया गया था. खेमका के छोटे बेटे गुंजन की हत्या कर दी गई, जबकि उनके बड़े बेटे गौरव बच गए. गौरव ने अपने पिता की हत्या के बाद सुरक्षा की मांग की है.
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