शिकायत में आरोप था कि तेज प्रताप ने 'गलत' जानकारी देकर पेट्रोल पंप लिया..
पटना:
शनिवार का दिन बिहार की राजनीति में काफी गहमागहमी वाला रहा. पहले खबर आई कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (बीपीसीएल) ने शनिवार को रद्द कर दिया है. बीपीसीएल ने यह कार्रवाई पेट्रोल पंप के लिए 'अवैध' तरीके से जमीन लिए जाने के आरोप के तहत की है. हालांकि शाम होते-होते खबर आई कि एक स्थानीय अदालत ने बीपीसीएल के आदेश पर रोक लगा दी है. तेज प्रताप ने बीपीसीएल के रद्द करने के आदेश को एक स्थानीय अदालत में चुनौती दी थी, जिसके बाद अंतरिम रोक का आदेश सामने आया. तेज प्रताप यादव के वकील एस.डी. यादव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, "उप-न्यायाधीश 11, पटना ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें बीपीसीएल के एकपक्षीय आदेश पर अस्थायी रोक लगाई गई है." तेज प्रताप यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं.
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि अनीसाबाद बाईपास रोड पर जिस जमीन पर पेट्रोल पंप है, उसके असली मालिक तेज प्रताप यादव नहीं हैं. इस आरोप के मद्देनजर, बीपीसीएल ने 29 मई को तेज प्रताप को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था. यह नोटिस बीपीसीएल (पटना) के क्षेत्रीय प्रबंधक (खुदरा) मनीष कुमार ने भेजा था. शिकायत में कहा गया है कि तेज प्रताप ने 'गलत' जानकारी देकर पेट्रोल पंप लिया. उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया, जो बीत गया.
तेज प्रताप ने साल 2012 में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था और इस साल 27 फरवरी को लाइसेंस जारी कर दिया गया, जो एम/एस लारा ऑटोमोबाइल्स के नाम पर था, जिसके मालिक तेज प्रताप हैं. शिकायत के मुताबिक, मंत्री ने आवेदन में गलत सूचना दी कि जमीन उनके नाम पर है. जमीन का असली मालिक एम/एस ए.के.इंफोसिस्टम्स है, जिसने कभी तेज प्रताप को अपनी जमीन लीज पर नहीं दी. तेज प्रताप के छोटे भाई व बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीपीसीएल के फैसले को 'एकतरफा' करार दिया. उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर एकतरफा कार्रवाई हो रही है. सच जल्द ही
सामने आ जाएगा."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि अनीसाबाद बाईपास रोड पर जिस जमीन पर पेट्रोल पंप है, उसके असली मालिक तेज प्रताप यादव नहीं हैं. इस आरोप के मद्देनजर, बीपीसीएल ने 29 मई को तेज प्रताप को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था. यह नोटिस बीपीसीएल (पटना) के क्षेत्रीय प्रबंधक (खुदरा) मनीष कुमार ने भेजा था. शिकायत में कहा गया है कि तेज प्रताप ने 'गलत' जानकारी देकर पेट्रोल पंप लिया. उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया, जो बीत गया.
तेज प्रताप ने साल 2012 में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था और इस साल 27 फरवरी को लाइसेंस जारी कर दिया गया, जो एम/एस लारा ऑटोमोबाइल्स के नाम पर था, जिसके मालिक तेज प्रताप हैं. शिकायत के मुताबिक, मंत्री ने आवेदन में गलत सूचना दी कि जमीन उनके नाम पर है. जमीन का असली मालिक एम/एस ए.के.इंफोसिस्टम्स है, जिसने कभी तेज प्रताप को अपनी जमीन लीज पर नहीं दी. तेज प्रताप के छोटे भाई व बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीपीसीएल के फैसले को 'एकतरफा' करार दिया. उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर एकतरफा कार्रवाई हो रही है. सच जल्द ही
सामने आ जाएगा."
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