![अपहरण के बाद CM हाउस में होता था सेटलमेंट : लालू के साले के बयान से बिहार की सियासत में मची खलबली अपहरण के बाद CM हाउस में होता था सेटलमेंट : लालू के साले के बयान से बिहार की सियासत में मची खलबली](https://c.ndtvimg.com/2025-02/ja55avho_lalu-yadav_625x300_13_February_25.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
एक बयान से बिहार में सियासी तापमान बढ़ गया है. लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुभाष यादव ने कहा कि आरजेडी शासनकाल में मुख्यमंत्री आवास से किडनैपिंग और फिरौती मामलों की डील होती थी. उनका दावा है कि लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते अपहरण और फिरौती के मामलों में सीधे मुख्यमंत्री आवास से बातचीत होती थी और ये पूरी डील लालू यादव ही तय करते थे.
हालांकि, आरजेडी ने सुभाष यादव के इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि ये बयान झूठे और मनगढ़ंत हैं.
लालू यादव के साले सुभाष यादव ने आरोप लगाया कि लालू यादव अपने मुख्यमंत्री काल में एवं जब राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं, तब वो मुख्यमंत्री आवास में अपराधियों को संरक्षण देते थे. अपहरण के मामलों में बीच बचाव कर लोगों को छुड़वाते थे. सुभाष यादव ने यह भी कहा कि लालू यादव ने अपनी बेटी के शादी में पटना में गाड़ियों के शोरूम से नई गाड़ियों को उठवाया था. उनके मना करने के बावजूद भी ऐसा हुआ.
लालू प्रसाद यादव के दोनों सालों, साधु और सुभाष यादव की जोड़ी का पूरे बिहार में दबदबा था. लालू-राबड़ी की सरकार के दौरान, राबड़ी देवी के भाई और लालू के साले सुभाष यादव की बिहार की राजनीति में बड़ी हैसियत थी. उन्हें सरकार का दायां हाथ माना जाता था और उनकी राय का खास महत्व था. लेकिन जब लालू यादव बिहार की सत्ता से बाहर हुए तो साधु और सुभाष के रिश्ते भी बिगड़ने लगे. पहले तो बहन राबड़ी देवी और जीजा लालू यादव के साथ रिश्तों में तल्खी आई और बाद में सुभाष यादव ने लालू परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
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