बिहार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो गए. यह फैसला बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद लिया. मुलाकात के दौरान मांझी के बेटे और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन भी साथ रहे.
जीतन राम मांझी मंगलवार को ही बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर नीतीश सरकार से समर्थन वापस लिया था. हम पार्टी के चार विधायक हैं. फिर मांझी अपने बेटे के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने रवाना हो गए थे.
मांझी ने शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'आज से हम एनडीए के सहयोगी हैं. हम एनडीए को समर्थन देने के लिए सहमत हो गए हैं. एनडीए भी हमारे साथ रहने के लिए तैयार है. हमने आज इसी पर चर्चा की.' यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे का मुद्दा उठा? मांझी ने कहा कि समय आने पर ऐसी कोई भी चर्चा होगी.
जीतन राम मांझी ने कहा, 'फिलहाल हम एनडीए के साथ चलने पर सहमत हुए हैं. एनडीए भी हमारे साथ चलने को तैयार हो गया है. बैठक में हमने केवल इसी पर चर्चा की. मांझी ने अपने बेटे संतोष कुमार समुन के साथ शाह से मुलाकात की. इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी उपस्थित थे। राय बिहार के उजियारपुर से सांसद हैं.
अमित शाह से मुलाकात के बाद सुमन ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुलाकात हुई है और बहुत अच्छे वातावरण में बातें हुई हैं. सभी मुद्दों पर बात करने के बाद एक सहमति बनी है. हम निश्चित रूप से हम साथ चलने को तैयार हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘आज हमने सहमति जता दी है कि हम राजग के साथ रहेंगे. आने वाले समय में चर्चा होगी कि हम कितने सीटों पर लड़ेंगे.''
ज्ञात हो कि हम ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. उनके इस कदम के बाद से उनके राजग में शामिल होने की चर्चा जोरों पर थी.
बिहार विधानसभा में ‘हम' के मांझी सहित चार विधायक हैं. बिहार विधान परिषद के सदस्य सुमन ने एक सप्ताह पहले राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. मांझी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उनकी पार्टी का जनता दल (यूनाइटेड) में विलय करने का दबाव डाल रहे थे.
वह 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थे. इस चुनाव को जद (यू) और बीजेपी ने एक साथ लड़ा था. बिहार के कुछ हिस्सों में ‘मांझी' समुदाय में जीतन राम मांझी का खासा प्रभाव है.
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के पास लगभग 160 विधायक हैं. इस गठबंधन में जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और तीन वाम दल शामिल हैं. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है.
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