प्रतीकात्मक फोटो
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुजफ्फरपुर: 
                                        बिहार के मुजफ्फरपुर के बंदरा प्रखंड के मतलूपुर पंचायत के युवा दीपक कुमार महतो एवं प्रीति कुमारी को पंचों द्वारा गांव छोड़ने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है जिसके बाद आरोपी प्रेमी-प्रेमिका गांव छोड़कर सदा के लिए चले गए हैं. उन्होंने गांव में अंतरजातीय विवाह किया था. प्रेमी प्रेमिका के परिजन दोनों को पहचानने से भी इंकार कर गए. अंतरजातीय विवाह को इस कदर गुनाह माना गया कि पंचायत ने प्रेमी युगल को गांव निकालने का फरमान सुना दिया. गांव से बाहर जाने से पहले उन्हें घर तक जाने की इजाजत नहीं मिली. यह तुगलकी फरमान पंचायत के सरंपच ने सुनाया, वहीं इस फैसले में अन्य पंचों एवं लड़का- लड़की के परिजनों की भी सहमति थी.
जातिवाद खत्म करने के लिए अंतरजातीय शादी को बढ़ावा दें : केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले
प्रेमी युगल के अलग-अलग जाति से होने के कारण गांव के लोगों की नाराजगी अधिक बढ़ गई. भय से पहले तो दोनों दिल्ली भाग गए. बाद में परिजन उन्हें घर वापस तो बुलाया मगर दोनों को अलग-अलग रहने की शर्ते लगा दी. परिजनों को संतुष्ट करने एवं दिखावे के लिए कुछ दिनों तक दोनों अलग- अलग रहे, लेकिन फिर से छुप-छुप कर मिलने-जुलने लगे.
इस बात की शिकायत को लेकर गांव में पंचायत बुलाई गई जिसमें समाज एवं जाति के आधार पर जुटे पंचों ने दोनों के परिजन को बुलाया. पंचायत में दोनों लड़का -लड़की विवाह कर साथ-साथ रहने की जिद पर अड़े रहे. दोनों के परिजन पंचों के फैसले के साथ थे. दोनों के परिजन इस कदर गुस्से में थे कि उन्हें अपने लड़का -लड़की को पहचानने एवं अपना मानने तक से इन्कार करते हुए नाते-रिश्ते तोड़ने की बात कह डाली. इसके बाद पंचायत के सरपंच निर्मला देवी ने लड़का -लड़की को गांव के बाहर निकलने की सजा सुना दी.
पियर थाना के अध्यक्ष धर्मवीर भारती ने बताया कि उन्हें इस तरह के मामले की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि की पुलिस भी मानती है कि सजा देने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है. पंचायत में मामले का समझौता कराया जाता है. इधर कहीं से कोई समर्थन मिलता नहीं देख दोनों ने गांव छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी.
                                                                        
                                    
                                जातिवाद खत्म करने के लिए अंतरजातीय शादी को बढ़ावा दें : केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले
प्रेमी युगल के अलग-अलग जाति से होने के कारण गांव के लोगों की नाराजगी अधिक बढ़ गई. भय से पहले तो दोनों दिल्ली भाग गए. बाद में परिजन उन्हें घर वापस तो बुलाया मगर दोनों को अलग-अलग रहने की शर्ते लगा दी. परिजनों को संतुष्ट करने एवं दिखावे के लिए कुछ दिनों तक दोनों अलग- अलग रहे, लेकिन फिर से छुप-छुप कर मिलने-जुलने लगे.
इस बात की शिकायत को लेकर गांव में पंचायत बुलाई गई जिसमें समाज एवं जाति के आधार पर जुटे पंचों ने दोनों के परिजन को बुलाया. पंचायत में दोनों लड़का -लड़की विवाह कर साथ-साथ रहने की जिद पर अड़े रहे. दोनों के परिजन पंचों के फैसले के साथ थे. दोनों के परिजन इस कदर गुस्से में थे कि उन्हें अपने लड़का -लड़की को पहचानने एवं अपना मानने तक से इन्कार करते हुए नाते-रिश्ते तोड़ने की बात कह डाली. इसके बाद पंचायत के सरपंच निर्मला देवी ने लड़का -लड़की को गांव के बाहर निकलने की सजा सुना दी.
पियर थाना के अध्यक्ष धर्मवीर भारती ने बताया कि उन्हें इस तरह के मामले की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि की पुलिस भी मानती है कि सजा देने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है. पंचायत में मामले का समझौता कराया जाता है. इधर कहीं से कोई समर्थन मिलता नहीं देख दोनों ने गांव छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं