
- बिहार में एसआईआर के तहत 1 करोड़ 69 लाख मतदाताओं ने पुनरीक्षण के लिए फॉर्म भरा है.
- मतदाता बिना दस्तावेज भी फॉर्म जमा कर सकते हैं, उनका नाम ड्राफ्ट रोल में आएगा. ERO स्थानीय स्तर पर बिना दस्तावेज वालों का वेरिफिकेशन करेंगे.
- दस्तावेज के साथ फॉर्म जमा करने पर नाम फाइनल रोल में आएगा
- 25 जुलाई तक फॉर्म भरने वाले मतदाता 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दस्तावेज जमा कर सकते हैं.
बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के बीच रविवार शाम तक 1 करोड़ 69 लाख मतदाताओं ने फॉर्म भर दिया है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता बिना दस्तावेज के भी फॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं. इसके बाद फॉर्म भरने में और तेजी आने की उम्मीद है.
बिना दस्तावेज के फॉर्म जमा करेंगे तो क्या होगा?
ड्राफ्ट रोल में शामिल होने के लिए फॉर्म भरना अनिवार्य है. अगर कोई मतदाता बिना दस्तावेज दिए फार्म जमा करेगा तो भी उसका नाम ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा. अगर मतदाता के पास आयोग के सुझाए 11 दस्तावेजों में से कोई दस्तावेज नहीं है तो ERO स्थानीय स्तर पर आकर उसका वेरिफिकेशन करेंगे. मतदाता की आयु जानेंगे, आसपास के लोगों से बातचीत करेंगे और अन्य उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर फैसला करेंगे. अगर ERO संतुष्ट हुए तो मतदाता का नाम फाइनल रोल में आ जाएगा.
अगर दस्तावेज हैं तो क्या करें
- अगर दस्तावेज के साथ फॉर्म जमा करेंगे तो ERO मतदाता को वेरिफाई कर देंगे और उनका नाम फाइनल रोल में आ जाएगा.
- अगर 25 जुलाई तक दस्तावेज नहीं जमा कर पाए तो -
- मतदाता अगर 25 जुलाई तक फॉर्म जमा कर देते हैं और दस्तावेज नहीं दे पाते हैं तो उनके पास 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दस्तावेज जमा करने का विकल्प रहेगा, लेकिन यह समय उन्हीं मतदाताओं को मिल पाएगा, जिन्होंने 25 जुलाई से पहले फॉर्म भरा था.
ऑनलाइन भी भर सकते हैं गणना प्रपत्र
यह फॉर्म ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन भी भरे जा सकते हैं. इसके लिए https://voters.eci.gov.in/ पर जाना होगा. यहां Fill Enumeration Form online पर क्लिक कर, मोबाइल नंबर और ईपिक नंबर के सहारे लॉग इन करना होगा. ईपिक नंबर डालने पर एक फॉर्म आएगा जिसमें कुछ सूचनाएं पहले से भरी होंगी, कुछ भरनी होंगी. उसके बाद फॉर्म में सूचनाएं भरनी होंगी और सिग्नेचर अपलोड करना होगा. अगली प्रक्रिया में मतदाता को 6 कैटेगरी में से अपनी कैटेगरी का चयन करना होगा, उससे संबंधित दस्तावेज अपलोड करने होंगे और फिर फॉर्म सबमिट करना होगा. सबमिट करने के बाद मोबाइल पर मैसेज आएगा.
कौन -कौन से दस्तावेज मान्य हैं
1.केंद्र, राज्य या पीएसयू के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)
2. 01.07.1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज
3. जन्म प्रमाण पत्र
4. पासपोर्ट
5. मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र।
6. स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
7. वन अधिकार प्रमाण पत्र
8. जाति प्रमाण पत्र।
9. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां यह उपलब्ध हो)।
10. राज्य/स्थानीय प्राधिकारों द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर।
11. सरकार का कोई भी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र
हालांकि यह दस्तावेज अंतिम नहीं हैं, अगर कोई मतदाता इन दस्तावेजों के अलावा किन्हीं दूसरे दस्तावेजों के जरिए अपने जन्म और पहचान का प्रमाण देकर ईआरओ को संतुष्ट कर लेता है तो उसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया जाएगा।.
जागरूकता अभियान, वॉलंटियर्स के सहयोग से चल रहा पुनरीक्षण
आयोग ने मतदाताओं तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया है. अलग-अलग जिलों में प्रचार गाड़ियों के माध्यम से लोगों को पुनरीक्षण प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा राज्य में जीविका दीदी, एनसीसी और एनएसएस कैडेट, सरकारी कर्मियों की भी मदद स्वयंसेवक के रूप में ली जा रही है.
क्या नियमों में हुआ है बदलाव?
आयोग के अनुसार दस्तावेज के बगैर फॉर्म जमा करने का विकल्प पहले से मौजूद था। SIR के नियमों को कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. आयोग भले ही नियमों का हवाला दे रहा हो, लेकिन यह सच है कि आयोग ने इस विकल्प को पहले प्रचारित - प्रसारित नहीं किया था.25 जून को जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में आयोग ने लिखा था कि फॉर्म को दस्तावेजों के साथ जमा करना है। 5 जून से पहले किसी पोस्टर में आयोग ने बिना दस्तावेजों के फॉर्म सबमिट करने की बात नहीं कही थी.
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