बिहार के नालंदा और बिहारशरीफ में हुई हिंसक घटना की चर्चा पूरे देश में हुई. मामले में बिहार पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच जारी है. अब इस मामले को लेकर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस हिंसा को लेकर कई खुलासे हुए हैं. एक व्हाट्सएप ग्रुप की पहचान की गई है और आर्थिक अपराध शाखा ने केस दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में अभी कई तरह की जांच हो रही है और अपराधियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि फेसबूक, यूट्यूब, व्हाट्सएप ग्रुप की जांच हुई है. कुछ पोस्टों की पहचान की गई है. एक व्हाट्सएप ग्रुप में 456 लोग थे. जिसमें 14 लोगों को नामजद बनाया गया है. सोशल मीडिया के चैट को भी चिन्हित किया गया और आर्थिक अपराध शाखा मामले की जांच में जुटी हुई है.
पुलिस के अधिकारी ने कहा कि बिहार हिंसा को लेकर पुलिस ने कई नामजद आरोपियों के फोन जब्त किए गए हैां और हिंसा में उपयोग डिजिटल साक्ष्य को एकत्रित किया जा रहा है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला है कि कुछ लोगों ने रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा को लेकर पहले से ही प्लांनिंग की थी और इसमें व्हाट्सएप ग्रुप की अहम भुमिका रही है.
#Bihar में #RamNavami पर हुई हिंसा को लेकर ADG जितेंद्र सिंह गंगवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस pic.twitter.com/pEf4ABhwqi
— NDTV India (@ndtvindia) April 9, 2023
बीते दिनों में बिहार में रामनवमी जुलूस के दौरान सासाराम और नालंदा में भारी बवाल हुआ था. इसमें सबसे ज्यादा उपद्रव नालंदा में हुआ था. यहां रामनवमी जुलूस के दौरान दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस दौरान जमकर दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए. पत्थरबाजी की घटना जमकर हुई. उपद्रवियों ने कई वाहनों और दुकानों में आग लगा दी थी. करीब 4 दिनों तक उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा. रोड़ेबाजी, गोलीबारी, आगजनी, बम ब्लास्ट व लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा-144 लगानी पड़ी. साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद करनी पड़ी.
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