बिहार के पटना में 13 जुलाई को बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में बीजेपी के नेता की मौत के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव के खिलाफ CBI द्वारा एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में बिहार के डीजीपी, मुख्य सचिव, बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को पक्षकार बनाया गया है. इस याचिका में मामले को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा जांच की भी मांग की गई है.
टीचर भर्ती को लेकर हुए प्रदर्शन में लाठीचार्ज में जांच की मांग की गई. याचिका में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की इस पूरे मामले में भूमिका की जांच की मांग की भी गई है.
पटना में 13 जुलाई को शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज में बीजेपी नेता की मौत का गई थी. दरअसल बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पटना के गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च निकालकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को विधानसभा का घेराव करना था. उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसकी वजह से एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
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