
बिहार में चुनाव से पहले महिलाओं को रिझाने के लिए सरकार ने बड़ा दांव खेला है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपए शुरुआती सहायता मिलेगी. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी आधिकारिक शुरुआत की. इस योजना के लिए बिहार कैबिनेट ने 20 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की. चुनाव से पहले इस योजना को गेम चेंजर माना जा रहा है. यह राशि कैसे मिलेगी? किन महिलाओं को मिलेगी?
इस योजना के लिए सिर्फ वही महिलाएं पात्र होंगी जो ग्रामीण क्षेत्र में जीविका स्वयं सहायता समूह और शहरी क्षेत्र में शहरी आजीविका मिशन के तहत बने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी होंगी. आमतौर पर स्वयं सहायता समूह में 12 से 15 महिलाएं होती हैं. इस समूह से वही महिलाएं जुड़ सकती हैं जो आयकरदाता न हों, पति भी आयकरदाता नहीं होने चाहिए. महिला या उनके पति सरकारी नौकरी में नहीं होने चाहिए। सरकारी कार्यालयों में संविदा पर रहने पर भी वे इस समूह से नहीं जुड़ पाएंगी. बिहार में फिलहाल 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. स्वयं सहायता समूह में जोड़ने के लिए भी महिलाओं के आवेदन मांगे गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में यह आवेदन किसी भी नजदीकी ग्राम संगठन को दिए जा सकते हैं. वहीं शहरी क्षेत्र के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया है.
शहरी क्षेत्र की महिलाओं को क्या करना होगा?
शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए स्पेशल मीटिंग बुलाई जाएगी. एरिया लेवल ऑर्गेनाइजेशन या कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन स्वयं सहायता समूह की स्पेशल मीटिंग बुलाएंगे, वहीं से इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकेगा. जिस तरह ग्रामीण क्षेत्र के आवेदन की स्क्रुटनी विलेज ऑर्गेनाइजेशन करता है, उसी तरह शहरी क्षेत्र में एरिया लेवल ऑर्गेनाइजेशन आवेदनों की स्क्रुटनी करेगा. शहरी क्षेत्र की जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए mmryurban.brlps.in लॉन्च किया गया है.
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