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This Article is From Nov 27, 2017

केंद्र सरकार ने लालू प्रसाद और जीतनराम मांझी की जेड प्लस सुरक्षा वापस ली

केंद्र की सरकार ने वीवीआईपी सुरक्षा की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया, बिहार सरकार के अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह स्पेशल सिक्योरिटी गार्ड की सुरक्षा मिलेगी

केंद्र सरकार ने लालू प्रसाद और जीतनराम मांझी की जेड प्लस सुरक्षा वापस ली
आरजेडी प्रमुख लालू यादव और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की सुरक्षा में कटौती कर दी गई है.
  • राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की NSG सुरक्षा वापस ली
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय का आदेश राज्य के गृह विभाग को मिला
  • इस मुद्दे पर बिहार में सियासी तापमान बढ़ने की संभावना
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पटना: केंद्र सरकार ने लालू प्रसाद और जीतनराम मांझी की सुरक्षा में कटौती कर दी है. लालू को अब जेड प्लस की बजाए जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी. केंद्र की सरकार ने वीवीआईपी सुरक्षा की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने इस फैसले में यह दिखाने की कोशिश की है कि सुरक्षा में कटौती अकेले लालू ही नहीं, जीतनराम मांझी की भी गई है.

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अनुसार तत्काल प्रभाव से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की NSG सुरक्षा वापस होगी.  उन्हें अब तक जेड प्लस केटेगरी की सुरक्षा मिल रही थी. अब उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी. लालू  के साथ जेड श्रेणी में कैसी सुरक्षा होगी यह अभी तय होना है. केंद्र ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को मिली जेड प्लस सुरक्षा भी वापस ले ली है. अब उनके साथ किसी भी केटेगरी में सीआरपीएफ की तैनाती का आदेश अभी तक नहीं दिया गया है.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा वापसी का आदेश पटना गृह विभाग को प्राप्त हुआ है.  राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ लंबे अरसे से नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (NSG) के कमांडो तैनात रहते थे. बताया जाता है कि आदेश के बाद अब जेड केटेगरी में उन्हें NSG कमांडो नहीं मिलेंगे. जेड केटेगरी में अब  CRPF के जवान लालू प्रसाद की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे.
 
jitanram manjhi security

केंद्र ने जीतनराम मांझी की सुरक्षा की व्यवस्था खत्म कर दी है. उनके साथ अब सुरक्षा कर्मी नहीं रहेंगे. मांझी बिहार के गया जिले से आते है जो कि नक्सल प्रभावित इलाका है. ऐसे में उनकी सुरक्षा को हमेशा जरूरी माना जाता रहा है. माना जाता है कि यह मांझी की केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी का नतीजा है.

बहरहाल ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार ने इस फैसले से पहले बिहार सरकार की राय नहीं ली होगी. केंद्र सरकार के इस फैसले को निश्चित तौर पर बिहार की राजनीति में अलग-अलग चश्मे से देखा जाएगा. मगर इतना तय माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में बिहार में सियासी तापमान बढ़ जाएगा.  

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बताया जा रहा है कि अब इन नेताओं को भी बिहार सरकार के अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह स्पेशल सिक्योरिटी गार्ड की सुरक्षा मिलेगी. यह सुरक्षा बल एसपीजी की तरह बताया गया है.

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