- दिल्ली में बड़े लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी को बिहार के बांका से गिरफ्तार किया गया
- मुख्य आरोपी अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार पर दिल्ली में ठगी का मामला दर्ज था और वह लंबे समय से फरार था
- अमित कुमारने खुद को RBI, CBI और ब्रिटिश पुलिस फोर्स का अधिकारी बताकर 43 करोड़ का लोन दिलाने का झांसा दिया
दिल्ली में बड़े लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. गिरोह के मुख्य आरोपी और उसके दो साथियों को सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार के बांका जिले से गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली से आई सीबीआई की विशेष टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से रजौन थाना क्षेत्र के एक होटल में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया. इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. यह कार्रवाई गुरुवार की संध्या को की गई, जिसके बाद सीबीआई की टीम तीनों आरोपियों को अपने साथ दिल्ली लेकर रवाना हो गई.
ठिकाना लगातार बदल रहा था
बांका जिले से गिरफ्तार मुख्य आरोपी की पहचान अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार के रूप में हुई है, जो भागलपुर जिले के नवगछिया थाना क्षेत्र के नया टोला का निवासी है. सीबीआई के अनुसार, अमित कुमार सिंह के खिलाफ 23 जनवरी 2015 को दिल्ली में ठगी का मामला दर्ज किया गया था. केस दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था. लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी सीबीआई को आखिरकार सफलता हाथ लगी. जानकारी के मुताबिक, अमित कुमार सिंह पिछले दो दिनों से बांका जिले के रजौन बाजार स्थित एक होटल में ठहरा हुआ था. गुप्त सूचना मिलने के बाद दिल्ली से सीबीआई की टीम रजौन पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से होटल में छापेमारी की. इस दौरान अमित कुमार सिंह के साथ मौजूद उसके दो अन्य सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया. छापेमारी अभियान के दौरान रजौन थानाध्यक्ष चंद्रदीप कुमार, अपर थानाध्यक्ष रवि कुमार, सब इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह समेत पुलिस बल के जवान मौजूद थे.
खुद को RBI, CBI और ब्रिटिश पुलिस फोर्स का अफसर बताया
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि केरल के त्रिवेंद्रम निवासी आइवी सदानंदन से आरोपियों ने बड़ी ठगी की थी. आरोप है कि अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार, सैयद मेराज और उनके अन्य साथियों ने खुद को आरबीआई, सीबीआई और ब्रिटिश पुलिस फोर्स का अधिकारी बताकर ई-मेल के जरिए करीब 43 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का झांसा दिया था. इस झांसे में आकर पीड़ित से 3 लाख 46 हजार रुपये की ठगी की गई.
इस मामले में माननीय ACMM RADC कोर्ट, नई दिल्ली द्वारा बार-बार न्यायालय में उपस्थित नहीं होने के कारण अमित कुमार सिंह को भगोड़ा घोषित किया गया था. इसके बाद से सीबीआई उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगातार लगी हुई थी. आखिरकार 25 दिसंबर 2025 को रजौन से उसकी गिरफ्तारी की गई. बांका के पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. वहीं, सीबीआई की टीम ने मामले की जांच जारी होने का हवाला देते हुए अधिक जानकारी देने से फिलहाल इनकार किया है.
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