बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
- BJP और JDU के नेताओं में एक दूसरे को नसीहत देने की होड़
- जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जाहिर की
- भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के डीजीपी से मिला था
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पटना:
बिहार में पिछले दिनों भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के डीजीपी से क्या मिला, जेडीयू और भाजपा में एक दूसरे को नसीहत देने का दौर शुरू हो गया. राज्य के पुलिस महानिदेशक को दिये गए पत्र में उठाये गये बिन्दुओं पर जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जाहिर की. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना है कि भाजपा के नेताओं को सरकार के अंदर बातचीत करनी चाहिए थी. जहां तक अपने सरकार के उठाये कदमों पर आपत्ति कर उसे मीडिया में सार्वजनिक करना अपने विरोधियों को बैठे बिठाए मुद्दा देने के समान है.
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वहीं, भाजपा के नेताओं का कहना है कि पार्टी के विभिन्न जिला इकाई का काफी दबाव था और उन्हें मालूम है कि सरकार फिलहाल कोई राहत नहीं देने वाली, लेकिन कम से कम कार्यकर्ताओं को ये एहसास तो होगा कि पार्टी उनके साथ खड़ी है. हालांकि, इस प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्य के डीजीपी के साथ मिलने के बाद विज्ञप्ति जारी करने के पार्टी नेताओं के निर्णय को एक भूल अब बताया जा रहा है. इस बीच पार्टी को मालूम है कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
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भाजपा के नेता जो इस मुद्दे पर अब सार्वजनिक रूप से बयान देकर तूल देना नहीं चाहते. लेकिन उनका कहना है कि जेडीयू के नेता कभी नीतीश कुमार को भी इस बात की याद दिला देते कि संयुक्त विधायक दल का नेता होने के बावजूद नीतीश कुमार ने एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाने की जरूरत नहीं समझी.
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वहीं, नीतीश कुमार को जब लालू का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामना था तो पहले से खाना तैयार कर बैठे थे.
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वहीं, भाजपा के नेताओं का कहना है कि पार्टी के विभिन्न जिला इकाई का काफी दबाव था और उन्हें मालूम है कि सरकार फिलहाल कोई राहत नहीं देने वाली, लेकिन कम से कम कार्यकर्ताओं को ये एहसास तो होगा कि पार्टी उनके साथ खड़ी है. हालांकि, इस प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्य के डीजीपी के साथ मिलने के बाद विज्ञप्ति जारी करने के पार्टी नेताओं के निर्णय को एक भूल अब बताया जा रहा है. इस बीच पार्टी को मालूम है कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
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भाजपा के नेता जो इस मुद्दे पर अब सार्वजनिक रूप से बयान देकर तूल देना नहीं चाहते. लेकिन उनका कहना है कि जेडीयू के नेता कभी नीतीश कुमार को भी इस बात की याद दिला देते कि संयुक्त विधायक दल का नेता होने के बावजूद नीतीश कुमार ने एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाने की जरूरत नहीं समझी.
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वहीं, नीतीश कुमार को जब लालू का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामना था तो पहले से खाना तैयार कर बैठे थे.
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