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बिहार की नेचुरल'जूट राखी' ने बनाई मार्केट में अपनी खास जगह, पढ़ें ये क्यों है इतनी खास

NDTV ने ऐसी राखी तैयार कराने वाले शंकर और पंकज से बात की. इन दोनों ने बताया कि इन्होंने इस राखी को बनाने से पहले कोलकाता से इसकी ट्रेनिंग ली है.

बिहार की नेचुरल'जूट राखी' ने बनाई मार्केट में अपनी खास जगह, पढ़ें ये क्यों है इतनी खास
कटिहार की जूट राखी ने बाजार में मचाई धूम
  • कटिहार के कारीगरों ने जूट से पूरी तरह प्राकृतिक और स्कीन फ्रेंडली राखी बनाई है.
  • जूट की इस राखी को बनाने के लिए कोलकाता से प्रशिक्षण लिया गया है.
  • कटिहार में जूट से बने उत्पादों को बढ़ावा देकर शहर को पुनः जूट नगरी बनाने की तैयारी है.
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कटिहार:

इस रक्षाबंधन पर बाजार में बिहार की एक राखी की धूम है. हर कोई इस राखी को देखकर अचंभित हो रहा है. इस राखी की खासीयत ये है कि ये बिल्कुल ही नेचुरल है. और इससे स्कीन पर किसी तरह का कोई बुरा प्रभाव या एलर्जी नहीं होता है. अब आप सोच रहे हैं होंगे कि आखिर ये राखी कौन सी है और बनी किस चीज से है. आपको बता दें कि इस राखी को जूट से तैयार किया गया है. और इसे तैयार किया है बिहार के कटिहार के कुछ कारीगरों ने. अब इस राखी की सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी मांग आ रही है. ये राखी देखने में आर्कर्षित होने के साथ-साथ इकोफ्रेंडली भी है. 

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NDTV ने ऐसी राखी तैयार कराने वाले शंकर और पंकज से बात की. इन्होंने बताया कि उन्होंने इस राखी को बनाने से पहले कोलकाता से इसकी ट्रेनिंग ली है. अब वह कटिहार में महिलाओं की मदद से इस राखी को तैयार करवा रहे हैं. वो एक साथ कई महिलाओं को उनके घर के पास ही रोजगार भी दे पा रहे हैं. उनका कहना है कि जूट की राखी को लेकर मार्केट से उनको जिस तरह के रिस्पॉन्स की उम्मीद थी उससे कहीं ज्यादा रिस्पॉन्स उन्हें मिला है. वो इस रिस्पॉन्स से बेहद खुश है. 

उन्होंने बताया कि वह इस राखी और जूट से बने अन्य उत्पाद की मदद से कटिहार को एक बार फिर जूट नगरी के तौर पर पहचान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. वह चाहते हैं यहां बने उत्पाद को ना सिर्फ दूसरे राज्यों बल्कि बाहर के देशों में भी सराहा जाए. कटिहार की पहचान पहले जूट नगरी के तौर पर थी. ये पूरी तरह से नेचुरल राखी है. इसे हाथ से बनाते हैं. इस राखी से आपके स्कीन में भी कोई नुकसान नहीं होता है. ये प्राकृतिक खेती से बना एक उत्पाद है. ये बाजार में मौजूद दूसरी राखी तुलना में सस्ता भी है. 

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राखी बनाने के काम में फिलहाल एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं लगी हुई है. जूट से अलग-अलग सामान बनाने वाली राधा कुमारी ने कहा कि हमने राखी के साथ-साथ कई अन्य उत्पाद भी बनाना सीखा है. राधा ने कहा कि घर में खाली बैठने से अच्छा है कि हम यहां आकर कुछ काम सीखें. ये बहुत अच्छा काम है. हम अलग-अलग उत्पाद बनाना भी सीख रहे हैं. 

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