विज्ञापन
This Article is From Jul 28, 2020

नीतीश कुमार ने प्रत्यय अमृत को ही क्यों दिया स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना संकट और अपनी सरकार की आलोचना से तंग आकर सोमवार को एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को हटाकर उनके जगह प्रत्यय अमृत को अब इस विभाग का जिम्मा दिया है.

नीतीश कुमार ने प्रत्यय अमृत को ही क्यों दिया स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार - फाइल फोटो
पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कोरोना संकट और अपनी सरकार की आलोचना से तंग आकर सोमवार को एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को हटाकर उनके जगह प्रत्यय अमृत को अब इस विभाग का जिम्मा दिया है. कहने को कुमावत का तबादला स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा कैबिनेट बैठक में शनिवार को इस शिकायत के बाद की गई, जब उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव उनकी बात नहीं सुनते. लेकिन सवाल हैं कि नीतीश ने प्रत्यय अमृत जो बिजली और आपदा जैसे दो महत्वपूर्ण विभाग चला रहे थे, उन्हें ही क्यों चुना?

बिहार में कोरोना टेस्ट‍िंग को लेकर नीतीश कुमार पर तेजस्वी का हमला, पूछे कई गंभीर सवाल

अगर बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो खुद नीतीश कुमार के पास बहुत ज़्यादा विकल्प नहीं थे. एक पूरे देश में उनकी जमकर आलोचना हो रही थी. खुद उन्हें यह समझ में आ गया था कि दो महीने पूर्व गठबंधन के दबाव में तब विभाग का जिम्मा संजय कुमार ठीक-ठाक चला रहे थे और मंत्री के दबाव में नीतीश कुमार ने हटाकर ग़लत किया, जिसका खामियाज़ा उन्हें सबसे ज़्यादा उठाना पर रहा हैं. दूसरी गलती उन्होंने कुमावत पर भरोसा कर किया, जिनकी कोई इच्छा स्वास्थ्य विभाग में ना काम करने की और ना कोरोना जैसे संकट और चुनौती से निबटने में थी.

ऐसे में नीतीश कुमार के पास तेज तर्रार और अनुभवी अधिकारियों में बहुत ज्यादा विकल्प नहीं बचा था. खासकर उन्हें किसी भी तरह पहले मीडिया में पूरे देश में उनकी सरकार की नाकामियों को लेकर जैसी आलोचना हो रही हैं, नीतीश कुमार उससे जल्द से जल्द निजात चाहते हैं. प्रत्यय अमृत ने वो चाहे लालू-राबड़ी राज में जिला अधिकारी के रूप में काम हो या नीतीश के समय पहले पुल निगम या पथ निर्माण विभाग हो और बाद में बिजली उनके द्वारा दिए गए लक्ष्यों को पूरा ही नहीं किया. पूरे देश में खूब प्रसिद्धि भी बटोरी. सबसे बड़ी बात यह रही हैं कि नीतीश कुमार के राजनीतिक संकट के समय भी एक अधिकारी के आचरण के विपरीत कभी पाला नहीं बदला.

सरकार में है अंधेरा या अंधेरे में है सरकार, कोरोना वायरस से क्या हार रहा है बिहार?

हाल में जब प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने का मसला हुआ तो हर राज्य और रेल से संपर्क और तालमेल कर पूरे बीस लाख से अधिक लोगों की घर वापसी करायी. हालांकि स्वास्थ्य विभाग वो भी कोरोना के समय बहुत आसान काम करने की जगह नहीं हैं. खासकर जब स्वास्थ्य विभाग के फ्रंटलाइन पर लगे लोगों का मनोबल काफी ऊंचा नहीं है. फिलहाल अभी तक कोरोना में नीतीश कुमार के सारे दांव सही नहीं हुए हैं और अब देखना हैं कि यह निर्णय कितना सही होता है.

बिहार में फैलता कोरोना और अस्पतालों में बदइंतजामी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com