
उत्तर बिहार की दरभंगा विधानसभा सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है. यहां 14 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 5 बार बीजेपी ने अपना झंडा गाड़ा है. पिछले पांच विधानसभा चुनावों से बीजेपी नेता संजय सरावगी लगातार विधायक बनते चले आ रहे हैं. मिथिला में पड़ने वाले जिला दरभंगा की दरभंगा विधानसभा कई मायनों में महत्वपूर्ण है. मिथिला क्षेत्र की प्रमुख यूनिवर्सिटी होने के चलते दरभंगा शैक्षणिक और जबकि ऐतिहासिक और पौराणिक मूल्यों के चलते सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. हालांकि यहां बुनियादी सुविधाओं में सुधार की जरूरत बनी हुई है.
सामाजिक समीकरण
दरभंगा नगर विधानसभा सीट पर 14 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें 5 बार बीजेपी को सफलता मिली है और 4 बार कांग्रेस को. इस सीट पर मुस्लिम, कायस्थ और दलित वोटर्स की अच्छी आबादी है. वहीं, यादव (18) और ब्राह्मण (12) वोटर्स की भूमिका भी अहम है. साल 2020 के अनुसार, यहां करीब 3.6 लाख वोटर्स हैं.

लगातार जीतती आ रही बीजेपी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में दरभंगा पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की ओर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय सरावगी चुनाव जीते थे. दूसरे नंबर पर महागठबंधन की ओर से आरजेडी प्रत्याशी अमर नाथ गामी रहे. हालांकि चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. महागठबंधन को 43.08 फीसदी वोट पड़े तो वहीं 49.32 फीसदी वोटों के साथ एनडीए नंबर वन पार्टी रही.
साल 2005 के विधानसभा चुनाव से ही यह सीट बीजेपी के कब्जे में है. इस सीट पर साल 2005 में दो दफे चुनाव हुए और साल 2010 और 2015 के चुनाव हुए. विपक्षी महागठबंधन ने बीजेपी के इस मजबूत किले को ध्वस्त करने के लिए पूरा जोर लगाया. लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई है.

क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
प्रमुख मुद्दों की बात करें तो दरभंगा विधानसभा, चूंकि शहर कवर करती है, इसलिए यहां नागरिक सुविधाएं एक अहम मुद्दा रही हैं. शहरी विकास और ट्रैफिक व्यवस्था यहां बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा स्वास्थ्य और मेडिकल सुविधाएं, बाढ़ और जलनिकासी और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बड़े मुद्दों में शामलि है. शिक्षा के उच्च स्तर की भी मांग समय-समय पर होती रही है.

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