लालू यादव और नीतीश कुमार (फाइल फोटो).
- विधायक भाई बीरेन्द्र को राबड़ी देवी के आवास पर तलब किया गया
- जेडीयू द्वारा रामनाथ कोविंद का समर्थन करने पर उपजा विवाद
- तेजस्वी यादव की सोशल मीडिया पर टिप्पणी से विवाद बढ़ा
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पटना:
जनता दल यू (जेडीयू) के साथ वाकयुद्ध के बीच आरजेडी ने सोमवार को अपने एक प्रवक्ता को हटा दिया तथा अपने एक ''बड़बोले'' विधायक भाई बीरेन्द्र को चेतावनी दी जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधे हुए थे.
बिहार के आरजेडी प्रमुख रामचंद्र पुरबे ने अशोक सिन्हा को पद से हटा दिया जो बतौर प्रवक्ता अक्सर समाचार चैनलों पर पार्टी के विचार रखते देखे जाते थे.
मनेर से विधायक भाई बीरेन्द्र को भी राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड आवास पर तलब किया गया.
राज्य में महागठबंधन के दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की उस टिप्पणी से शुरू हुआ था जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन करने के जनता दल यू के फैसले को ''ऐतिहासिक भूल'' करार दिया था.
जनता दल यू प्रमुख नीतीश कुमार ने भी यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने फैसले से पीछे हटने नहीं जा रहे हैं.
आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और विधायक भाई बीरेन्द्र, नीतीश कुमार और जनता दल यू के खिलाफ टिप्पणी करने का कोई मौका नहीं जाने देते थे लेकिन मामले ने उस समय गंभीर मोड़ ले लिया जब उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की जिसे नीतीश कुमार के खिलाफ देखा गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बिहार के आरजेडी प्रमुख रामचंद्र पुरबे ने अशोक सिन्हा को पद से हटा दिया जो बतौर प्रवक्ता अक्सर समाचार चैनलों पर पार्टी के विचार रखते देखे जाते थे.
मनेर से विधायक भाई बीरेन्द्र को भी राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड आवास पर तलब किया गया.
राज्य में महागठबंधन के दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की उस टिप्पणी से शुरू हुआ था जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन करने के जनता दल यू के फैसले को ''ऐतिहासिक भूल'' करार दिया था.
जनता दल यू प्रमुख नीतीश कुमार ने भी यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने फैसले से पीछे हटने नहीं जा रहे हैं.
आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और विधायक भाई बीरेन्द्र, नीतीश कुमार और जनता दल यू के खिलाफ टिप्पणी करने का कोई मौका नहीं जाने देते थे लेकिन मामले ने उस समय गंभीर मोड़ ले लिया जब उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की जिसे नीतीश कुमार के खिलाफ देखा गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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