बिहार में कई नदियां उफान पर हैं. इसके चलते कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. वहीं किशनगंज जिले की चिल्हनियां पंचायत का सुहिया गांव रेतुआ नदी के कटाव के कारण उजड़ गया है. पिछले कई दिनों से सुहिया गांव के पीड़ित परिवार स्थानीय प्रशासन से बचाव कार्य की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. गुरुवार को नदी में एक बार फिर से बाढ़ आ गई और कटाव शुरू हो गया.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया 28 सितंबर से अब तक सुहिया गांव के दो दर्जन से अधिक घर रेतुआ नदी में विलीन हो चुके हैं. साथ ही पीड़ित परिवारों का सारा सामान बर्बाद हो गया है. नदी में मकानों के बहने से कई परिवार बेघर हो गए हैं. हालांकि प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को अचानक रेतुआ नदी में फिर से बाढ़ आ गई, जिसके कारण गांव में कटाव और भी तेजी से होना शुरू हो गया है.
आंखों के सामने नदी में समा गए मकान : पीड़ित
पीड़ितों ने बताया कि उनका मकान आंखों के सामने ही नदी में समा गया. वह बेबस देखते रहे और अपने घरों को नदी में समान से नहीं बचा पाए. उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से भी कटाव रोकने के लिए कदम उठाने की गुहार लगाई है. हालांकि प्रशासन अभी तक मौन है. पीड़ित परिवारों ने जिला पदाधिकारी से कटाव रोधी कार्य करने एवं उन्हें सहायता करने की मांग की है.
अभी तक बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ : पीड़ित
उन्होंने बताया कि नदी में कटाव की तस्वीर लेकर राजस्व कर्मचरियों और अन्य लोगों ने स्थानीय प्रशासन को रिपोर्ट भेजी है. स्थानीय जिला परिषद ने भी कटाव का जायजा लेने के बाद जिला पदाधिकारी से कटाव पीड़ित परिवारों की सहायता करने और कटावरोधी कार्य कराने का भरोसा दिया था. हालांकि अभी तक कोई बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया है.
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