नई दिल्ली: 
                                        बिहार सरकार की नई खनिज नियमावली, परमिट शुल्क, सेवा शुल्क तथा अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) शुल्क में हुई भारी बढ़ोतरी के विरोध में राज्य के एक लाख से अधिक ट्रक आज (बुधवार) की रात 12 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. यह हड़ताल बिहार राज्य मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन (बीएमटीएफ) के आह्वान पर हो रही है.
बिहार राज्य मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन और अन्य जिला ट्रक एसोसिएशनों के आह्वान पर राज्य में निबंधित 1.30 लाख ट्रक और 50 हजार बड़े मालवाहक वाहनों का परिचालन पूरे तरीके से ठप रहने की संभावना है.
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बिहार मोटर्स ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार की नियमावली के तहत मालवाहक वाहनों के दूसरे राज्यों से खनिज संपदा लाने पर रोक लगा दी गई है. बालू खनन पर भी रोक लगाने के बाद परिवहन उद्योग का धंधा पूरी तरीके से चौपट हो चुका है. सभी शुल्कों में भी वृद्धि कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि "हमें ऑल इंडिया मोटर वाहन एसोसिएशन का समर्थन मिला है. अन्य राज्य संघों ने भी आश्वासन दिया है कि उनके वाहन भी बिहार में नहीं चलेंगे." आगे उन्होंने कहा कि सरकार के सामने फेडरेशन लगातार अपनी मांग रखता रहा है, मगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना. ऐसे में अनिश्चितकालीन हड़ताल के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है.
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ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि नई खनिज नियमावली के अलावा परमिट शुल्क, सेवा शुल्क तथा लाइसेंस शुल्क में हुई भारी बढ़ोतरी से भी ट्रांसपोर्टरों का धंधा चौपट हो गया है.
VIDEO: टोल प्लाजा के विरोध में बेमियादी हड़ताल पर ट्रक ड्राइवर
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                बिहार राज्य मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन और अन्य जिला ट्रक एसोसिएशनों के आह्वान पर राज्य में निबंधित 1.30 लाख ट्रक और 50 हजार बड़े मालवाहक वाहनों का परिचालन पूरे तरीके से ठप रहने की संभावना है.
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बिहार मोटर्स ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार की नियमावली के तहत मालवाहक वाहनों के दूसरे राज्यों से खनिज संपदा लाने पर रोक लगा दी गई है. बालू खनन पर भी रोक लगाने के बाद परिवहन उद्योग का धंधा पूरी तरीके से चौपट हो चुका है. सभी शुल्कों में भी वृद्धि कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि "हमें ऑल इंडिया मोटर वाहन एसोसिएशन का समर्थन मिला है. अन्य राज्य संघों ने भी आश्वासन दिया है कि उनके वाहन भी बिहार में नहीं चलेंगे." आगे उन्होंने कहा कि सरकार के सामने फेडरेशन लगातार अपनी मांग रखता रहा है, मगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना. ऐसे में अनिश्चितकालीन हड़ताल के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है.
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ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि नई खनिज नियमावली के अलावा परमिट शुल्क, सेवा शुल्क तथा लाइसेंस शुल्क में हुई भारी बढ़ोतरी से भी ट्रांसपोर्टरों का धंधा चौपट हो गया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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