
- बिहार चुनाव में इंडिया गठबंधन के बीच आम सहमति बनाने की कवायद शुरू हो गई है.
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत पटना आ रहे हैं. वो तेजस्वी यादव से बातचीत करेंगे.
- 23 अक्टूबर को तेजस्वी की अगुवाई में इंडिया गठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हो सकती है.
Mahagathbandhan in Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव में आम सहमति से सीट बंटवारे का कम पूरा ना कर पाने और इसकी वजह से करीब एक दर्जन सीटों पर फ्रेंडली फाइट की चुनौती का सामना कर रहे इंडिया गठबंधन में तालमेल बिठाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. इसके मद्देनजर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए अशोक गहलोत बुधवार सुबह पटना पहुंचेंगे.
अशोक गहलोत बुधवार को तेजस्वी से करेंगे बात
सूत्रों के मुताबिक पटना में अशोक गहलोत की तेजस्वी यादव से मुलाकात हो सकती है. इस दौरान गठबंधन में फ्रेंडली फाइट वाली सीटों का हल निकालने की कोशिश की जाएगी. कांग्रेस को उम्मीद है कि गहलोत का तजुर्बा काम आएगा.
RJD और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दल यानी वाम दल, वीआईपी आदि के नेताओं की भी आपस में बैठक हो सकती है.
गुरुवार को तेजस्वी की अगुवाई में ज्वाइंट प्रेस कॉफ्रेंस
सूत्रों ने बताया कि सब ठीक रहा तो 23 अक्टूबर को तेजस्वी यादव की अगुवाई में इंडिया गठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस हो सकती है जिसमें एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जाएगी. संभव है कि इस दौरान तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार भी घोषित किया जाए.

फ्रेंटली फाइट का चक्कर खत्म करने में जुटे नेता
दरअसल 23 अक्टूबर को ही दूसरे चरण के चुनाव के लिए नाम वापसी का अंतिम दिन है. फ़िलहाल आधा दर्जन से ज़्यादा सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति है. चार सीटों पर तो कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने–सामने हैं. नाम वापसी की डेडलाइन से ठीक पहले पटना में इंडिया गठबंधन के नेता कोशिश करेंगे कि ज्यादातर सीटों पर सहमति बन जाए.
पहले चरण की 6 सीटों पर फ्रेंडली फाइट की नौबत
इसके बावजूद पहले चरण की आधा दर्जन सीटों पर फ़्रेंडली फाइट तय है. अगर आम सहमति बन गई तो इन सीटों पर भी गठबंधन एक प्रत्याशी का एलान कर सकता है. पहले चरण की एक सीट पर कांग्रेस पहले ही उम्मीदवार वापस ले चुकी है.

सहमति बन पाना बहुत मुश्किल
हालांकि सूत्रों का मानना है कि मौजूदा स्थिति में सौ फीसदी सहमति बना पाना नामुमकिन है. जैसे पहले चरण में आने वाले बेगूसराय की बछवाड़ा सीट पर कांग्रेस और सीपीआई में से किसी एक को बिठा पाना संभव नहीं होगा. अब आख़िरी विकल्प के तौर पर इंडिया गठबंधन में नेताओं की कोशिश विवाद से बचते हुए अधिकांश सीटों पर एकजुटता बनाने की होगी.
सत्ताधारी एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ. देखना होगा कि क्या देर से ही सही इंडिया गठबंधन में सब कुछ दुरुस्त हो पाएगा?
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