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पीएम मोदी ने क्यों मगध, मगही, मंदिर और मगही पान का जिक्र किया? पढ़िए इनसाइड स्टोरी

नवादा की रैली में पीएम मोदी ने बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह का चार दफा जिक्र किया. उन्होंने कहा कि श्रीबाबू ने विकास की जो नींव रखी थी, वह जंगल राज के पैर पड़ते ही बदहाल हो गया.

पीएम मोदी ने क्यों मगध, मगही, मंदिर और मगही पान का जिक्र किया? पढ़िए इनसाइड स्टोरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की चार दफा जिक्र किया
  • PM मोदी ने नवादा में मगध की मातृभाषा मगही में भाषण शुरू कर क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को सम्मानित किया
  • मोदी ने मगध के ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व को उजागर करते हुए स्थानीय नायकों श्रीकृष्ण सिंह का उल्लेख किया
  • मगही भाषा में बात पीएम मोदी ने स्थानीय जनता से जुड़ाव बढ़ाने का प्रयास किया
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नवादा:

अपने सबके अभिनंदन करय हियो. हड़िया सूर्यमंदिर के पवित्र भूमि के हम नमन कर हिए. संकटमोचन आउ गोनावां की तपोभूमि, बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण बाबूजी की धरती पर अपने सबके अभिनंदन करई हियो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवादा में अपने भाषण की शुरुआत मगध क्षेत्र की मातृभाषा मगही में भाषण की शुरुआत की. यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जिक्र कर खुद को पब्लिक से जोड़ने की कोशिश की. यही नहीं, मगही पान और संसदीय क्षेत्र बनारस को जोड़ने की कोशिश की. अब सवाल है कि चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मगध, मगही, मंदिर, मगही पान और श्रीबाबू और जयप्रकाश नारायण का जिक्र क्यों किया. इसके क्या मायने हैं?

मगध की गौरव से शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मगही में लोगों का अभिवादन करने के बाद मगध की प्राचीनता का जिक्र किया. मोदी ने कहा कि मगध का गौरवशाली अतीत रहा है. इसे वापस लाना है. जाहिर तौर पर मगध का इतिहास गौरवशाली रहा है. मौजूदा मगध का इलाका बिहार की राजनीति के लिए अहम रहा है. मगध के पांच जिले में 26 सीटें हैं. लेकिन एनडीए सिर्फ छह छह सीटों पर काबिज है. बाकी 19 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है. मोदी ने कहा नवादा, शेखपुरा, नालंदा, गया, जहानाबाद औरंगाबाद या अरवल हो यहां के लोगों में अद्भभुत सामर्थ्य है. इस क्षेत्र के नायक बिहार केसरी श्री कृष्ण बाबू ने बिहार के विकास की जो नींव रखी वह हमसब के लिए प्रेरणा देती है. ये धरती लोक नायक जयप्रकाश नारायण और भोला सिंह जैसे जनसेवकों की कर्मभूमि रही हैं. मगध की मिट्टी ने इतिहास में अनेक महान संतानों को मां भारती ने  दी है. उन्होंने माता सीता की शरण स्थली और लवकुश की जन्मस्थली का भी जिक्र किया. साथ ही जैन, बुद्ध,आर्यभट्ट, जेपी की कर्मभूमि के साथ बिहार केसरी कृष्ण सिंह को याद किया . उन्होंने रामायण सर्किट और बौद्ध सर्किट के विकास की बात कही. 

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मगही भाषी की बड़ी आबादी

मगध में मगही भाषी स्थानीय भाषा है. आम बोलचाल की भाषा है. मगही लोगों की दिल की भाषा है. इसकी बड़ी आबादी है. बिहार के गया, नवादा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, शेखपुरा, नालंदा, जमुई, लखीसराय और पटना में मगही भाषा बोली जाती है. लोगो के दिल के करीब तक पहुंचने के लिए मोदी ने मगही भाषा से अपने भाषण की शुरुआत की.

मगही पान और बनारस का रिश्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मगही पान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं बनारस का सांसद हूं और मगही पान का सम्मान हमसे अच्छा और कौन जान सकता है. दरअसल, मगध का इलाका मगही पान के लिए ख्यात है. इस इलाका में बड़े पैमाने पर मगही पान का उत्पादन होता है. मगही पान का निर्यात बनारस के अलावा पाकिस्तान और बंगला देश तक होता है. पान उत्पादन में ज्यादातर चौरसिया समाज के लोग जुड़े हैं.  आम लोगों के खान पान में मगही पान शामिल है. मगही पान का जिक्र कर मोदी उस वर्ग तक पहुंचने की कोशिश की.

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हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिरों  का जिक्र

पीएम मोदी अपने भाषण में कई मंदिरों का जिक्र किया. उन्होंने नवादा के हड़िया सूर्यं मंदिर का जिक्र किया. यह मंदिर सूर्य पूजा के लिए इलाका में काफी ख्यात है. बड़ी तादाद में लोग छठ के अलावा प्रत्येक रविवार को पूजा करने जुटते हैं. यही नहीं, सीतामढ़ी में अवस्थित सीता मंदिर का जिक्र किया. यह मगध का प्रसिद्ध स्थान है. यह सीता की निर्वासन स्थली माना जाता है. लव कुश की जन्मस्थली है. इसे रामायण सर्किट से जोड़ने की बात कही. कोइरी और कुर्मी खुद को जोड़ते रहे हैं. इस इलाका में कोइरी कुर्मी एक बड़ा फैक्टर रहा है. यही नहीं, बौद्ध और जैन मंदिर का भी जिक्र किया. इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की चर्चा की.

श्रीबाबू और जेपी की चर्चा

पीएम मोदी ने बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह का चार दफा जिक्र किया. उन्होंने कहा कि श्रीबाबू ने विकास की जो नींव रखी थी, वह जंगल राज के पैर पड़ते ही बदहाल हो गया. दरअसल, नवादा का खनवां गांव श्रीबाबू का ननिहाल है, जहां उनका जन्म हुआ था. जबकि शेखपुरा का माऊर गांव श्रीबाबू का पैतृक गांव. श्रीबाबू भूमिहार जाति से थे. इस इलाका में भूमिहार एनडीए का बड़ा समर्थक वर्ग रहा है. दूसरी तरफ, मगध का इलाका लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कर्मभूमि रही है. इसका केंद्र नवादा का सेखोदेवरा रहा हैं, जिसके जरिए मगध के इलाका में रोजगार सृजन का काम किया गया था.

मोदी के मंच पर मगध के कई प्रत्याशी

बिहार चुनाव की घोषणा के बाद मगध में मोदी की पहली सभा 2 नवंबर को नवादा में हुई. इस मौके पर बिहार की पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, नवादा के सांसद विवेक ठाकुर, नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार के अलावा हिसुआ से भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह, वारिसलीगंज से भाजपा प्रत्याशी अरुणा देवी, नवादा से जदयू प्रत्याशी विभा देवी, गोविंदपुर से लोजपा प्रत्याशी विनीता मेहता, रजौली से प्रत्याशी विमल राजवंशी,  राजगीर से जेडीयू प्रत्याशी कौशल किशोर, बिहारशरीफ से भाजपा प्रत्याशी डॉ सुनील कुमार , शेखपुरा से जदयू प्रत्याशी रणधीर कुमार सोनी, बरबीघा से जदयू प्रत्याशी पुष्पंजय ,गया जिले के वजीरगंज प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह बोधगया से लोजपा रामविलास के श्यामदेव पासवान समेत कई कई जिलों के एनडीए प्रत्याशी मौजूद रहे.

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