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बिहार चुनाव 2025: चैनपुर की जनता इस बार किसे देगी अपना आशीर्वाद, क्या है यहां चुनावी इतिहास

चैनपुर विधानसभा में कुल जनसंख्या 557692 है. इसमें कुल मतदाता 333388 हैं. इनमें पुरुष मतदाता173980 हैं,, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 159407 है, जबकि थर्ड जेंडर का एक वोटर शामिल है.

बिहार चुनाव 2025: चैनपुर की जनता इस बार किसे देगी अपना आशीर्वाद, क्या है यहां चुनावी इतिहास

बिहार में कैमूर जिले की चैनपुर विधानसभा सीट पर इस बार राजद प्रत्याशी बृज किशोर बिंद और जदयू उम्मीदवार मोहम्मद जमा खान के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. पिछले चुनाव में जमा खान ने बृज किशोर बिंद को 24 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. पांच साल बाद ये दोनों नेता एक बार फिर चुनाव मैदान में एक-दूसरे के सामने हैं. इस बार के मतदान की बात करें तो यहां कुल 69.42 फीसदी मतदान हुआ है. 

2020 के चुनाव में बृज किशोर बिंद भाजपा की टिकट पर, जबकि मोहम्मद जमा खान बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े थे. इस सीट पर कब्जा करने के लिए जदयू ने विधायक जमा खान को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, राजद ने भाजपा से आए बृज किशोर बिंद को चुनावी मैदान में उतारा है. 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की. भाजपा की ओर से बृज किशोर बिंद ने चुनाव जीता था. बृज किशोर बिंद इस बार विधानसभा चुनाव से पहले राजद में शामिल हो गए हैं.

इस विधानसभा क्षेत्र में जमा खान और बृज किशोर की अच्छी पकड़ है. दोनों नेताओं ने इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. जमा खान की जहां मुस्लिम इलाकों में पकड़ है, तो वहीं बृज किशोर की हिंदू इलाकों में अच्छी पकड़ मानी जाती है.हालांकि, स्थानीय विधायक के प्रति लोगों में नाराजगी है. लोगों का मानना है कि स्थानीय विधायक इलाके में नहीं आते हैं. हाल ही में उनका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं.

चैनपुर विधानसभा में कुल जनसंख्या 557692 है. इसमें कुल मतदाता 333388 हैं. इनमें पुरुष मतदाता173980 हैं,, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 159407 है, जबकि थर्ड जेंडर का एक वोटर शामिल है. चैनपुर एक पिछड़ा ग्रामीण क्षेत्र है, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और आर्थिक चुनौतियां प्रमुख हैं. यहां पर बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. इसके अलावा, यहां पर अधिकतर लोग कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से किसानों को जूझना पड़ता है.

स्थानीय लोगों का मानना है कि समस्याएं तो काफी ज्यादा हैं. सरकार को यहां पर अच्छी सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है. रोजगार के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे, जिससे युवाओं को पलायन न करना पड़े.

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