- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में वोटिंग के बाद शुक्रवार को नतीजे आ गए, जिसमें एनडीए ने जीत दर्ज की है.
- इस चुनाव में भाजपा को 89 और जेडीयू को 85 सीटों पर जीत मिली है.
- वहीं महागठबंधन में राजद 25 और कांग्रेस महज 6 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है.
Bihar Election 2025 Results: बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में हुई वोटिंग के बाद 14 नवंबर, शुक्रवार को नतीजे आए. प्रदेश में एक बार फिर से नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनने जा रही है. वहीं तेजस्वी यादव, सीएम कैंडिडेट तो घोषित हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के सपने से काफी दूर रह गए. एनडीए की आंधी में महागठबंधन की करारी हार हुई है. एनडीए ने महागठबंधन को जड़ सहित उखाड़ फेंका है. एनडीए ने 2010 के 15 साल बाद बिहार विधानसभा चुनाव में इस तरह का प्रदर्शन दोहराया है. महागठबंधन के कई दिग्गज नेताओं के लिए साख बचाना भी मुश्किल हो गया.
बिहार की 243 विधानसभा सीटों का रिजल्ट
यहां हम आपको राज्य की सभी 243 सीटों पर हुई वोटों की गिनती के बाद ये बता रहे हैं कि किस सीट से किस पार्टी और किस कैंडिडेट ने जीत दर्ज की. यहां आप सीटें स्क्रॉल कर अपनी विधानसभा का परिणाम देख सकते हैं.
एनडीए की बड़ी सफलता, महागठबंधन फेल
बिहार चुनाव के नतीजों से यह भी साफ है कि नीतीश कुमार का राजनीतिक प्रभुत्व महिला-केंद्रित कल्याणकारी नीतियों पर उनके रणनीतिक फोकस की वजह से है, जिसकी वजह से इस विधानसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड), भाजपा और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों को व्यापक सफलता मिलती नजर आ रही है.
दूसरी तरफ महागठबंधन पूरी तरह से महिला मतदाताओं को आकर्षित करने में फेल रहा. तेजस्वी यादव की 'माई बहन मान' योजना तक को नीतीश कुमार की पहले से ही चल रही योजनाओं के सामने महिलाओं ने नहीं स्वीकारा.
बिहार की राजनीति में अपने आप को 'सन ऑफ मल्लाह' कहने वाले महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी, जिनकी राजनीतिक शुरुआत ही एनडीए की बैसाखी के सहारे हुई थी, ने एनडीए से अलग रास्ता चुना और महागठबंधन में शामिल हुए, लेकिन अब हालत ऐसी है कि उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है, जबकि वह तो बिहार का उपमुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए बैठे थे. मुकेश सहनी की पार्टी को कुल 15 सीटें महागठबंधन में मिली लेकिन उनका रॉकेट तो फुस्स निकला.
कांग्रेस की भी बिहार में यह हालत पहले नहीं हुई थी. इस बार तो कांग्रेस से अच्छा स्ट्राइक रेट जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की पार्टियों का नजर आ रहा है जो एनडीए के खेमे में हैं, जबकि कांग्रेस 60 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. 2020 में कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि इस बार यह आंंकड़ा महज 6 है.
मतलब बिहार की जनता, खासकर वहां की महिला मतदाताओं को नीतीश सरकार में ही आशा की किरण नजर आई और इसी कारण मतदान का जो प्रतिशत रहा, उसमें महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं से लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा मतदान किया और यही मतदान सरकार बनाने के लिए निर्णायक साबित हुआ.
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