- स्मृति इरानी ने कहा कि 10-10 हजार रुपये दिए जाने को खैरात या राजनीतिक रिश्वत बताना महिलाओं का अपमान है
- पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार की जीत विकास की जीत है. बिहार को जाति के आधार पर बांटने वालों की हार है
- नीतीश के अगला सीएम होने को लेकर आशंकाओं पर इरानी का कहना था कि इसका फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने बिहार की जनता को बधाई देते हुए उन सवालों का भी जवाब दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि ये जीत महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए जाने की बदौलत मिली है. NDTV को खास इंटरव्यू में स्मृति इरानी ने कहा कि इस तरह के आरोप बिहार की उन 1 करोड़ 30 लाख महिलाओं का अपमान है, जो अपनी मेहनत के दम पर परिवार का पालन करती हैं. इस तरह के सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों को बिहार की जनता ने जवाब दे दिया है. इसे किसी भी तरह खैरात या राजनीतिक रिश्वत की तरह देखना उन महिलाओं का अपमान है.
NDTV के सीईओ और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल के इस सवाल पर कि कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को 10 हजार रुपये बांटने जैसी योजनाओं की लोगों को आदत पड़ जाएगी, ये कितना सही है. इस पर स्मृति इरानी ने कहा कि ऐसा कहने वाले शायद जानते नहीं है कि देश में 9 करोड़ महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए सालाना 35 अरब डॉलर का टर्नओवर रखती हैं, देश में करीब 25 करोड़ महिलाओं ने जनधन खाता खोला है, मुद्रा लोन लेने वालों में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं हैं. ये महिलाएं खैरात पर नहीं जी रही हैं. ये महिलाएं इस सीड मनी से अपना व्यापार रोजगार को आगे बढ़ा रही हैं. ये खैरात नहीं है.
'बिहार के भविष्य को रचने के लिए वहां की जनता ने दोनों नेताओं की जोड़ी को चुना'- BJP नेता स्मृति ईरानी
— NDTV India (@ndtvindia) November 14, 2025
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लंदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंटरव्यू में इरानी ने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि यह 10 हजार रुपये खैरात है, वो नहीं जानते कि यह सीड मनी है. पहली श्रेणी का समर्थन है, जो आगे बढ़कर दो लाख तक जाने वाला है. इसे किसी भी तरह खैरात या राजनीतिक रिश्वत की तरह देखना उन महिलाओं का अपमान है. उन्होंने कहा कि बिहार जनता खासकर महिलाएं और परिवार अपने लिए सम्मानजनक स्थिति चाहते हैं. उन्होंने आरजेडी के शासन में अपराधियों का जो आतंक देखा, उससे वह दहशत में थे. वे नहीं चाहते थे कि वैसा ही दौर फिर से आए. उन्होंने परिवार की सुरक्षा और विकास को चुना है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई पैतरा नहीं बचा, जो विपक्ष ने नहीं लगाया. लेकिन ये जीत विकास की जीत है. ये उन लोगों की हार है जो बिहार को जाति के आधार पर बांटने का प्रयास करते रहे, चुनाव आयोग की संवैधानिक प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे. आज चुनाव आयोग के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है. जो जीता वही सिकंदर और आज का सिकंदर विकास है.
पीएम मोदी, सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी ने युवाओं की जोड़ी को भी पीछे छोड़ दिया. 2014 से पीएम मोदी ने ऐसा क्या किया कि खुद तो लगातार जीत हासिल कर ही रही है, उसके साथ जुड़कर जेडीयू को भी जीत मिल रहा है. इस सवाल पर स्मृति इरानी ने कहा कि समन्वय के आधार पर जो सरकार चलती है, उसका नतीजा सबके सामने हैं. दोनों ही नेता तमाम अपमान सहकर भी बिहार के विकास के लिए काम करते रहे. ये जनता ने देखा और बिहार के भविष्य के लिए वोट किया.
बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद नीतीश कुमार के अगला सीएम होने को लेकर आशंकाओं पर इरानी का कहना था कि इस बारे में पार्टी नेतृत्व फैसला करेगा. उसने तय कर लिया है कि बिहार को आगे कैसे बढ़ाया जाएगा. बीजेपी जूनियर पार्टी से क्या सीनियर पार्टी की भूमिका में आएगी, इस सवाल पर इरानी का कहना था कि बिहार की जनता ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी को समर्थन और आशीर्वाद दिया है और निश्चित रूप से हम बिहार के विकास के संकल्प पर खरे उतरेंगे.
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