सन 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव और सन 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए और भाजपा के लिए शाहाबाद का क्षेत्र एक चिंतनीय विषय रहा जो कि ओल्ड गया यानी मगध के तर्ज पर एनडीए और भाजपा के खिलाफ गया. लोकसभा चुनाव में जमीनी राजनीति इतनी तीखी हो गई कि औरंगाबाद जहां से आज तक कभी कोई गैर राजपूत सांसद नहीं बना, भाजपा चुनाव हार गई. आरा से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह चुनाव हार गए तो भाजपा समर्थित उपेंद्र कुशवाहा की भी शर्मनाक हार हुई.
शाहाबाद एनडीए के लिए सिरदर्द
अमित शाह के लिए मगध और शाहाबाद दोनों सिरदर्द रहा तो उन्होंने भोजपुरी गायक सह कलाकार पवन सिंह को पुनः भाजपा में शामिल करा के उपेंद्र कुशवाहा से मित्रता की तस्वीर वायरल करवाई ताकि मगध और शाहाबाद दोनों क्षेत्र में यह संदेश जाये कि कुशवाहा और राजपूत समाज में अब कोई दिक्कत नहीं है. इसके ऊपर पवन सिंह एक ऐसे भोजपुरी स्टार हैं जिनके लिए युवाओं में जबरदस्त दीवानगी है. भाजपा ने उनकी लोकप्रियता को राजपूत समाज के साथ साथ अन्य गैर यादव समाज के युवाओं को लुभाने के लिए किया है.
शाहबाद के लिए एनडीए का प्लान
गौरतलब है की पिछले विधानसभा चुनाव में शाहाबाद की कुल 22 विधानसभा क्षेत्र में एनडीए को मात्र 2-3 सीटें आई थी और इस बार पवन सिंह फैक्टर से मुकाबला बराबरी का रहा तो एनडीए / भाजपा को बिहार स्तर पर जबरदस्त बढ़त मिल सकती है. इसके कई क्षेत्रों में कुशवाहा निर्णायक हैं तो कई क्षेत्रों में यादव. ऊपर से शाहाबाद के कई क्षेत्र नक्सल प्रभावित भी रहे हैं.
मगध पर भी पड़ेगा असर
शाहाबाद की राजनीति का असर पड़ोसी गया जी पर भी होता है. पिछले विधानसभा यहां की 26 सीटों पर एनडीए मात्र 6 सीट पर चुनाव जीत सकी. अगर टिकट बंटवारा देखें तो इस बार एनडीए कुशवाहा को साथ लेकर चलने के साथ-साथ शाहाबाद और औरंगाबाद में राजपूत और अरवल जहानाबाद नवादा में भूमिहार उम्मीदवारों को उतारकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. कुशवाहा के सबसे बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा को भी मन से साथ लेकर मगध और शाहाबाद दोनों में एक एंटी राजद मजबूत किला बनाया है जहां पवन सिंह जैसे स्टार बड़ी मजबूती से चुनावी सभाओ में अप्रत्याशित भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं .
पवन सिंह करेंगे कमाल
पवन सिंह का असर बाकी के अन्य भोजपुरी क्षेत्रों में भी देखने को मिला है. सारण और चंपारण में भी पवन सिंह अपने गीतों और अभिनय से लोकप्रिय हैं. राजद के छपरा प्रत्याशी खेसारी लाल यादव के खिलाफि भी चुनाव प्रचार को पवन सिंह को उतारा गया. इधर प्रधानमंत्री भी मगध में राजपूत समाज के सबसे बड़े नेता और प्रतीक अनुग्रह नारायण सिंह के साथ-साथ कुशवाहा समाज के जगदेव प्रसाद दोनों को अपनी सभा में श्रद्धांजलि और नमन कर रहे हैं .
बीजेपी चूक नहीं करना चाहती
मगध शाहाबाद के कुल 48 सीटों पर कम से कम आधे पर जीत का इरादा लेकर एनडीए कहीं भी कोई चूक नहीं करना चाहती है जिसमे पवन सिंह की स्टार इमेज से लेकर राजपूत भूमिहार कुशवाहा के साथ अति पिछड़ा की क़िलाबंदी कर रही है .अब बाकी फ़ैसला 14 नवंबर को बारह बजे तक आ जाएगा.
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