मार्च तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार के जनादेश का अपमान किया गया है. हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे....
- नीतीश कुमार ने इस्तीफे के बाद सियासी भूचाल देर रात तक जारी रहा
- नीतीश के इस्तीफा देते ही बीजेपी ने जेडीयू को समर्थन देने का ऐलान किया
- नीतीश कुमार आज सुबह 10 बजे शपथ ले सकते हैं
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पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफे के बाद सियासी भूचाल देर रात तक जारी रहा. बिहार का घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है. नीतीश के इस्तीफा देते ही बीजेपी ने नई सरकार बनाने के लिए जेडीयू को समर्थन देने का ऐलान किया. बीजेपी नेता सुशील मोदी और नीतीश कुमार ने गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी से मिले. नीतीश कुमार और सुशील मोदी को आज सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण का समय दिया गया है.
वहीं, तेजस्वी यादव ने गवर्नर के फैसले पर सवाल उठाए. एक ट्वीट के जरिये उन्होंने शपथ ग्रहण का समय बदले जाने को लेकर आपत्ति जाहिर की. तेजस्वी ने लिखा, राज्यपाल महोदय रातों रात फैसला क्यों बदल रहे है? निर्धारित शाम 5 बजे की जगह सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण. हम राजभवन जा रहे हैं.
मार्च का नेतृत्व करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार में लोकतंत्र की हत्या की गई है. बिहार के जनादेश का अपमान किया गया है. हम लोग हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे. मुझे मोहरा बनाकर पूरा गेम खेला गया है."
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आरजेडी ने 132 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. पार्टी का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू के कुल विधायक 124 हैं. ऐसे में उनकी पार्टी को परंपरा के मुताबिक सबसे पहले सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने राजभवन के सामने धरना देने की बात कही. पार्टी का यह भी कहना है कि अगर न्याय नहीं हुआ तो वह कोर्ट की शरण लेगी. कुल मिलाकार बिहार का सियासी ड्रामा इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है.
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उधर, एएनआई के मुताबिक, गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी ने तेजस्वी समेत 5 विधायकों को मामले पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है.
नीतीश कुमार ने खेला बड़ा सियासी दांव, ये हैं इस्तीफे के अहम कारण
बिहार में जेडीयू के 71 विधायक हैं और बीजेपी के 53, ऐसे में दोनों पार्टियां मिलकर आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती हैं. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है और दोनों पार्टियों के 124 विधायक हो रहे हैं.
VIDEO : नीतीश ने बिहार की जनता को धोखा दिया है : तेजस्वी यादव
इससे पूर्व नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन के बाहर मीडिया से कहा कि 'बिहार में जो माहौल था उसमें महागठबंधन की सरकार चलाना मुश्किल हो गया था'. उन्होंने नई सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन लेने की बात से भी इंकार नहीं किया था.
वहीं, तेजस्वी यादव ने गवर्नर के फैसले पर सवाल उठाए. एक ट्वीट के जरिये उन्होंने शपथ ग्रहण का समय बदले जाने को लेकर आपत्ति जाहिर की. तेजस्वी ने लिखा, राज्यपाल महोदय रातों रात फैसला क्यों बदल रहे है? निर्धारित शाम 5 बजे की जगह सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण. हम राजभवन जा रहे हैं.
Governor gv us time of 11AM and now suddenly has asked NDA for oath ceremony at 10AM. Why so much hurry & rush Mr. Honest & Moral?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 26, 2017
मार्च का नेतृत्व करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार में लोकतंत्र की हत्या की गई है. बिहार के जनादेश का अपमान किया गया है. हम लोग हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे. मुझे मोहरा बनाकर पूरा गेम खेला गया है."
March to Governor house pic.twitter.com/Rp4KHugj9X
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 26, 2017
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उधर, एएनआई के मुताबिक, गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी ने तेजस्वी समेत 5 विधायकों को मामले पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है.
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बिहार में जेडीयू के 71 विधायक हैं और बीजेपी के 53, ऐसे में दोनों पार्टियां मिलकर आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती हैं. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है और दोनों पार्टियों के 124 विधायक हो रहे हैं.
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इससे पूर्व नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन के बाहर मीडिया से कहा कि 'बिहार में जो माहौल था उसमें महागठबंधन की सरकार चलाना मुश्किल हो गया था'. उन्होंने नई सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन लेने की बात से भी इंकार नहीं किया था.
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