 
                                            बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) के बीच रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं. दोनों एक-दूसरे के साथ असहज दिखाई देते हैं. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी दिवस के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान नीतीश और सिन्हा के बीच दूरियां दिखाने वाली कई झलक देखी गईं.
विधानसभा के इस महत्वपूर्ण आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अखबारों में प्रधानमंत्री के स्वागत में कोई विज्ञापन दिखाई नहीं दिया. जबकि पीएम मोदी झारखंड भी गए थे और वहां हेमंत सोरेन की सरकार ने उनके स्वागत में आधे पेज का विज्ञापन दिया था.

बिहार विधानसभा के आयोजन के लिए अध्यक्ष की ओर से दिए गए निमंत्रण कार्ड में न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम था, न ही राज्यपाल का कोई जिक्र था. इसके अलावा इस उपलक्ष्य में प्रकाशित स्मारिका के कवर पर भी उनका कोई फ़ोटो नहीं था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की शाम को पटना में बिहार विधानसभा भवन में शताब्दी स्मृति स्तंभ का लोकार्पण किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा के अलावा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. इस दौरान तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बिहार के लिए दो मांगें रख दीं. तेजस्वी ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाए और राज्य में स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी खोला जाए.
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