
बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. (फाइल फोटो)
खास बातें
- बिहार में तेजी से फैलता कोरोनावायरस
- बुधवार को मिले 1500 से ज्यादा संक्रमित
- संक्रमितों की संख्या 30 हजार के पार
बिहार में कोरोनावायरस (Bihar Coronavirus Report) के संक्रमण से लोगों का हाल बेहाल हैं. राज्य में जहां बुधवार को एक बार फिर 1500 से ज्यादा नए मरीजों की पुष्टि हुई, वहीं अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 30,000 से अधिक हो गई हैं. हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि रिकवरी रेट 65 प्रतिशत है. इस बीच अब हर दिन मीडिया में राज्य के कोविड अस्पतालों में अव्यवस्था और खराब स्थिति के वीडियो वायरल होने के बाद आखिरकार बिहार सरकार हरकत में आई है.
बुधवार को सबसे पहले पटना के सबसे बड़े कोविड अस्पताल (COVID-19 Hospital) नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जहां एक ओर 24 घंटे एक पूरे अस्पताल के प्रबंधन के लिए अधिकारियों की टीम लगाई गई है, जिसमें कुछ ट्रेनिंग कर रहे आईपीएस अधिकारियों के अलावा राज्य सरकार के प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहेंगे. उसके अलावा कोविड वार्ड में वरिष्ठ डॉक्टर का राउंड और उनकी उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन उन्हें 8 से 12 घंटे की ड्यूटी के बदले 4 से 6 घंटे ही इन वॉर्ड में राउंड देना होगा. ऐसा पीपीई किट पहनकर काम करने में कठिनाई के मद्देनजर किया गया है.
इसके अलावा एनएमसीएच में जहां एक ओर 165 बेड पर पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था की गई है, वहीं पीएमसीएच को 25 और अतिरिक्त वेंटिलेटर दिए गए हैं. हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि एक साथ सभी जिलों के अलावा कई अनुमंडल अस्पताल में ऐंटिजेन से जांच शुरू कर दी गई है. लेकिन जांच के लिए सैंपल की रिपोर्ट आने में अभी भी राज्य में कई दिन लग जाते हैं.
राज्य सरकार ने कोरोना वॉर्ड मे घंटों मृत मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए भी अब पटना के बांस घाट पर 24 घंटे अंतिम संस्कार कराए जाने का इंतजाम किया है. इसके लिए राज्य सरकार का दावा है कि एनएमसीएच को अतिरिक्त दो शव वाहन भी उपलब्ध कराए गए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सबसे ज्यादा फजीहत इन शवों के अंतिम संस्कार में विलम्ब के कारण हुई थी.
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