- बिहार विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले समाप्त हो जाएगी
- CEC ज्ञानेश कुमार ने सभी मतदाताओं से चुनाव को एक महापर्व की तरह उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया
- CEC ने मतदाताओं से अपनी जिम्मेदारी निभाने और मतदान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर काउंटडाउन की शुरुआत हो गई है. पटना में मीडिया से बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि पूरी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले समाप्त हो जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मैं बिहार के सभी मतदाताओं से यह आह्वान करता हूं कि जिस तरह हम अपने त्योहारों को उल्लास और श्रद्धा से मनाते हैं...उसी तरह से लोकतंत्र के चुनाव के इस महापर्व को भी उत्सव की तरह मनाएं। अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, जिम्मेदारी निभाएं और मतदान अवश्य करें…"
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हाल ही में बिहार में मतदाता सूची के शुद्धिकरण का कार्य किया गया और हमारे सामने उपस्थित बूथ लेवल अधिकारियों ने न केवल अपने बूथों पर मतदाता सूची के शुद्धिकरण का कार्य किया बल्कि बिहार के 90,217 बूथ लेवल अधिकारियों ने एक ऐसा कार्य किया जो पूरे देश में अनुकरणीय है..."
बूथ के बाहर फोन रखने की होगी व्यवस्था
CEC ने कहा कि अब देशभर में किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता पंजीकृत नहीं होंगे. यह नियम पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाएगा ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी बनी रहे. चुनाव आयोग ने 100 मीटर की दूरी पर पोलिंग बूथ स्थापित करने की अनुमति दी है, जिससे मतदाताओं को सुविधा और भीड़-भाड़ से राहत मिल सके. इसके साथ ही हर बूथ पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी, ताकि मतदान की हर गतिविधि पर रियल-टाइम निगरानी रखी जा सके. वहीं, बूथ के बाहर मोबाइल फोन रखने की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे मतदान केंद्र के अंदर किसी तरह का इलेक्ट्रॉनिक व्यवधान या गड़बड़ी न हो.
🔴 #BREAKING | 'सभी बूथों की वेब कास्टिंग की जाएगी' : ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त#BiharElection | #SIR | #EC pic.twitter.com/hRV0OyxyTK
— NDTV India (@ndtvindia) October 5, 2025
इस चुनाव में होंगे कई बदलाव
चुनाव आयोग ने ऐलान किया कि बिहार में one stop digital platform भी लागू कराया जाएगा. आयोग ने निर्णय लिया है कि किसी भी मतदान केंद्र में 1200 से ज्यादा वोटर्स नहीं होंगे. Evm पर जो बैलेट पेपर होते है वो ब्लैक एंड वाइट होती है लेकिन पहचान में दिक्कत होती है, इसलिए बिहार के चुनाव से अब सीरियल नंबर का फ़ॉन्ट और प्रत्याशियों की फोटो कलरफुल होगी.
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परिणाम प्रक्रिया को बनाया जाएगा और अधिक पारदर्शी: CEC
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत का चुनाव और चुनाव आयोग दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी व्यवस्था का उदाहरण हैं. इस बार बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए 17 नए इनिशिएटिव्स लागू किए गए हैं. अब पोस्टल बैलेट की गिनती EVM के दो राउंड शुरू होने से पहले ही की जाएगी, जिससे परिणाम प्रक्रिया और पारदर्शी बनेगी. चुनाव खत्म होने के बाद यह जानना आसान होगा कि कुल कितने लोगों ने मतदान किया और वोटिंग प्रतिशत कितना रहा.
साथ ही, डिजिटल इंडेक्स कार्ड भी चुनाव समाप्त होने के कुछ ही दिनों में सभी को उपलब्ध करा दिया जाएगा. मतदान केंद्र स्तर पर BLO (Booth Level Officer) जिम्मेदार होंगे, जबकि उनके ऊपर ERO (Electoral Registration Officer) मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी निभाएंगे. यदि किसी व्यक्ति का नाम या मतदाता विवरण सूची में शामिल नहीं हो पाता है, तो वह जिला अधिकारी (DM) के पास अपील कर सकता है. और अगर DM के निर्णय में भी कोई त्रुटि होती है, तो आगे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है.
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