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बिहार की बछवारा सीट का दिलचस्प इतिहास, पिछले छह चुनावों में जनता का हर बार रहा अलग दांव

बछवारा ने आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव से ही अपने लिए विधायकों का चुनाव शुरू किया.पिछले छह विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो यहां किसी भी पार्टी को लगातार दो बार जनादेश नहीं मिला.

बिहार की बछवारा सीट का दिलचस्प इतिहास, पिछले छह चुनावों में जनता का हर बार रहा अलग दांव
बिहार में चुनाव (प्रतीकात्मक फोटो)

बिहार के बेगूसराय जिले की एक प्रमुख विधानसभा सीट बछवारा का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. ये विधानसभा क्षेत्र अब तक किसी राजनीतिक दल का सगा नहीं रहा. बछवारा ने आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव से ही अपने लिए विधायकों का चुनाव शुरू किया.पिछले छह विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो यहां किसी भी पार्टी को लगातार दो बार जनादेश नहीं मिला. यह क्षेत्र 24-बेगूसराय लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जिसमें चेरिया बरियारपुर, बछवारा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमल, बेगूसराय और बखरी (एससी) जैसे सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है

बछवारा दरअसल, मिथिला क्षेत्र का हिस्सा होने के कारण गंगा नदी की निकटता संस्कृति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है. इसकी स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, जहां उपजाऊ भूमि पर धान, गेहूं, मक्का जैसी फसलें उगाई जाती हैं. विधानसभा क्षेत्र से बेगूसराय जिला मुख्यालय 35 किमी दूर है, जबकि समस्तीपुर मात्र 12 किमी पर स्थित है. निकटवर्ती शहरों में दलसिंहसराय और मोकामा प्रमुख हैं.

सीट का इतिहास- पिछले छह विधानसभा में एक भी पार्टी को लगातार दो जीत नहीं मिली

यहां आजादी के बाद 1952 से विधायकों का चुनाव हुआ है. अब तक 17 चुनावों में कांग्रेस ने सात बार और सीपीआई ने पांच बार जीत हासिल की. प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, निर्दलीय, राजद और भाजपा ने एक-एक बार सफलता पाई. पिछले छह चुनावों में किसी पार्टी को लगातार दो जीत नहीं मिली, जो मतदाताओं की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाता है.

2020 में इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई

  • बीजेपी के सुरेंद्र मेहता जीते टोटल वोट- 54738
  • विजेता पार्टी का वोट पर्सेंट- 30.2 प्रतिशत
  • दूसरे नंबर पर सीपीआई के अवधेश कुमार राय रहे
  • अवधेश राय को 54254 वोट मिले
  • CPI का वोट पर्सेंट- 29.94% रहा

2020 से बीजेपी विधायक सुरेंद्र मेहता ने इस सीट पर जमा रखा है कब्जा

2020 में भाजपा ने बेगूसराय विधायक सुरेंद्र मेहता को यहां उतारा, जो 484 वोटों के नजदीकी अंतर से सीपीआई के अवधेश राय को हराकर पहली बार जीते. 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे इसलिए भी खास रहे क्योंकि इससे पहले अवधेश राय तीन बार विधायक रह चुके थे और यादव समुदाय से हैं, जो बछवारा में करीब 25 प्रतिशत से अधिक आबादी रखता है. इससे पहले 12 में से 11 चुनावों में यादव उम्मीदवार की ही जीत हुई है.

202514 नवंबर 2025 को नतीजे आएंगे14 नवंबर 2025 को नतीजे आएंगे
2020 सुरेंद्र मेहताबीजेपी
2015 रामदेव रायआईएनसी
2010अबधेश कुमार राय सीपीआई
1990अवधेश रायसीपीआई
1972रामदेव रायआईएनसी

बछवारा के वोटर्स का गणित

चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बछवारा विधानसभा की कुल आबादी 5,20,770 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,73,918 और महिलाओं की संख्या 2,46,852 है. अगर मतदाताओं की बात करें तो विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,13,772 मतदाता हैं. इसमें 1,65,662 पुरुष और 1,48,102 महिला मतदाता हैं, वहीं 8 थर्ड जेंडर के वोटर्स हैं.

बीजेपी के लिए इस बार राह नहीं है आसान

मार्च 2024 से सुरेंद्र मेहता बिहार सरकार में खेल मंत्री हैं, जो धनुक जाति से आते हैं, यह भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि पहले यहां से चुने विधायकों को मंत्री पद नहीं मिला, हालांकि एनडीए को इस बार बछवारा की सीट निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में बेगूसराय से भाजपा के गिरिराज सिंह जीते, लेकिन बछवारा में सीपीआई के अभयेश कुमार राय से 4,516 वोट पीछे रहे. यह भाजपा के लिए चेतावनी है. 2025 विधानसभा चुनाव में बछवारा कांटे की टक्कर का मैदान बन सकता है. भाजपा को जातिगत समीकरण साधने और विकास कार्यों पर फोकस करना होगा. सीपीआई और अन्य दल मजबूती से लौट सकते हैं. प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा ने भी यहां सभाएं कीं, जहां उन्होंने विशेष रूप से नीतीश सरकार पर हमला बोला। मतदाता विकास, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं की अपेक्षा कर रहे हैं. (इनपुट IANS से भी)

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