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बिहार चुनाव में ‘चूड़ा-दही’ भी गिना जाएगा खर्च में! खाने-पीने से लेकर वीडियोग्राफी तक, सबका रेट फिक्स

आयोग ने स्पष्ट किया है कि तय दर से अधिक खर्च करने या खर्च का ब्योरा छिपाने पर उम्मीदवार की उम्मीदवारी तक रद्द हो सकती है. चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत ऐसे मामलों में कड़ी निगरानी रखी जाएगी.

बिहार चुनाव में ‘चूड़ा-दही’ भी गिना जाएगा खर्च में! खाने-पीने से लेकर वीडियोग्राफी तक, सबका रेट फिक्स
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को खर्च का पूरा हिसाब-किताब रखना होगा. आयोग ने रेट लिस्ट जारी की.
  • बिहार चुनाव में प्रचार खर्च के लिए प्रशासन ने चाय, चूड़ा-दही सहित विस्तृत दर तालिका जारी की है.
  • प्रत्याशियों को समर्थकों को दिए गए भोजन के लिए निर्धारित दरों के अनुसार खर्च का बिल रखना अनिवार्य होगा.
  • वीडियोग्राफी और प्रचार वाहनों के उपयोग पर भी निश्चित दरें लागू की गई हैं, जिससे अघोषित खर्च पर रोक लगेगी.
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पटना:

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. चुनाव आयोग ने जहाँ मतदान और मतगणना की तारीख़ों की घोषणा कर दी है, वहीं अब प्रचार-प्रसार के दौरान उम्मीदवारों को कितना खर्च दिखाना होगा, इसका विस्तृत ब्योरा भी सामने आ गया है. जिला प्रशासन ने चुनाव प्रचार में उपयोग होने वाली तमाम वस्तुओं चाय से लेकर चूड़ा-दही और वीडियोग्राफी तक की दर तालिका (रेट लिस्ट) जारी कर दी है.

अब समर्थकों को चाय पिलाने या दही-चूड़ा खिलाने से पहले उम्मीदवारों को सोचना होगा, क्योंकि हर प्लेट और हर कप का हिसाब सीधे चुनाव आयोग के खर्च रजिस्टर में जुड़ने वाला है.

चूड़ा-दही का स्वाद भी अब हिसाब में शामिल

सहरसा जिला प्रशासन की दर तालिका के अनुसार, यदि कोई प्रत्याशी अपने समर्थकों को 100 ग्राम चूड़ा, 200 ग्राम दही और 50 ग्राम चीनी का नाश्ता कराता है, तो उसे 60 रुपये प्रति प्लेट की दर से खर्च दिखाना होगा. यानी अब पारंपरिक चूड़ा-दही की मेहमाननवाज़ी भी चुनावी खर्च में गिनी जाएगी. प्रशासन ने साफ किया है कि उम्मीदवार को इस खर्च का बिल रखना होगा और निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट में शामिल करना होगा.

कचौरी, जलेबी और चाय की भी तय हुई दर

  • कचौरी-सब्जी और जलेबी के नाश्ते के लिए 50 रुपये प्रति प्लेट
  • चटनी के साथ लिट्टी, सत्तू कचौरी या समोसा के लिए 10 रुपये प्रति पीस
  • चाय के लिए 10 रुपये प्रति कप
  • कॉफी के लिए 15 रुपये प्रति कप
  • रसगुल्ला के लिए 15 रुपये प्रति पीस
  • मसालेदार चाट के लिए 40 रुपये प्रति प्लेट तय किए गए हैं.
इसका मतलब यह हुआ कि अब कोई भी उम्मीदवार 50 रुपये से अधिक कीमत वाला नाश्ता अपने समर्थकों को नहीं करा सकेगा. इससे ज़्यादा खर्च दिखाने पर आयोग जांच कर सकता है.

सादा खाना और मटन-चावल के लिए भी फिक्स हुआ रेट

  • सादा खाना (चावल, दाल, सब्जी) के लिए 140 रुपये प्रति प्लेट
  • दो पीस मटन और चावल के साथ 160 रुपये प्रति प्लेट
  • दो पीस मछली और चावल के साथ 150 रुपये प्रति प्लेट

इनके अलावा अन्य पारंपरिक खाद्य सामग्रियों की दरें भी तय की गई हैं.

  • चने का सत्तू: 180 रुपये प्रति किलो
  • भूजा: 160 रुपये प्रति किलो
  • पान: 10 रुपये प्रति खिल्ली
  • पेपर नेपकीन: 60 रुपये प्रति सैकड़ा (100 पीस)

साथ ही, बिस्किट और कोल्ड ड्रिंक के लिए एमआरपी ही मान्य होगा. बोतलबंद पानी की दरें इस प्रकार तय की गई हैं:

  • आधा लीटर: 12 रुपये
  • एक लीटर: 20 रुपये
  • दो लीटर: 30 रुपये

वीडियोग्राफी और प्रचार सामग्री का भी हिसाब

प्रत्याशी यदि प्रचार या सभा की वीडियोग्राफी कराते हैं तो उसका खर्च भी आयोग ने तय कर दिया है.

  • 1 से 12 घंटे की वीडियोग्राफी के लिए 1600 रुपये
  • 24 घंटे की वीडियोग्राफी के लिए 3000 रुपये

यदि वीडियोग्राफर को शहर से बाहर ले जाया जाता है, तो 2200 रुपये प्रति दिन की दर से ऑपरेटर सहित भुगतान दिखाना होगा.

प्रचार वाहन पर भी लगाम, तय हुई किराया दरें

चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में उपयोग होने वाले वाहनों की भी दरें तय की हैं, ताकि कोई प्रत्याशी प्रचार के नाम पर अघोषित खर्च न कर सके.

  • छोटी गाड़ी: ₹1000 प्रति दिन
  • बड़ी गाड़ी (बिना AC): ₹1500 प्रति दिन
  • AC गाड़ी: ₹1200 प्रति दिन

पिकअप या मैजिक वाहन: अलग-अलग तय दरों पर भुगतान इन दरों से अधिक भुगतान करने पर उम्मीदवार को कारण बताना होगा और बिल संलग्न करना अनिवार्य होगा.

सभी खर्चों का पक्का बिल रखना अनिवार्य

प्रशासन ने उम्मीदवारों को सख्त निर्देश दिया है कि चुनाव प्रचार में किया गया प्रत्येक खर्च रसीद सहित दर्ज करना होगा. यह खर्च रजिस्टर निर्वाचन आयोग के जांच अधिकारियों को सौंपा जाएगा. यदि पाया गया कि किसी उम्मीदवार ने तय सीमा से अधिक खर्च किया या बिल प्रस्तुत नहीं किया, तो कार्रवाई की जा सकती है.

जिला निर्वाचन पदाधिकारियों ने कहा है कि यह व्यवस्था पारदर्शिता सुनिश्चित करने और काला धन के प्रयोग को रोकने के लिए लागू की गई है.

मतदान की तारीखें और मतगणना का शेड्यूल

चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तिथियों की घोषणा कर दी थी.

  • पहला चरण: 6 नवंबर 2025
  • दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
  • मतगणना: 14 नवंबर 2025 (बाल दिवस के दिन)

दो चरणों में होने वाले इस चुनाव में इस बार आयोग विशेष रूप से खर्च की मॉनिटरिंग पर ध्यान दे रहा है. प्रत्याशी को प्रचार सामग्री, खान-पान, वाहन, पोस्टर-बैनर और मीडिया विज्ञापन तक का खर्च पूर्वनिर्धारित दरों के अनुसार ही दिखाना होगा.

क्यों जरूरी है दर निर्धारण?

चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव के दौरान खर्च सीमा लागू करने के बावजूद उम्मीदवार अक्सर प्रचार में मनमाना खर्च करते हैं. दर तालिका जारी करने का उद्देश्य है कि उम्मीदवारों के बीच बराबरी का मौका रहे, काले धन का उपयोग रोका जा सके और जनता को भ्रमित करने वाले भव्य प्रचारों पर लगाम लगाई जा सके.

इसी के तहत, हर जिला प्रशासन को अपने क्षेत्र में प्रचलित बाज़ार दरों के आधार पर खर्च सूची तैयार कर आयोग को सौंपनी होती है.

60 रुपये की प्लेट से पारदर्शी चुनाव!

स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, अब यदि कोई प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं को दही-चूड़ा या कचौरी-सब्जी का नाश्ता कराता है, तो उसे पूरा खर्च का सबूत देना होगा. बिल न होने पर अनुमानित खर्च जोड़कर भी आयोग रिपोर्ट में शामिल करेगा. एक अधिकारी ने मज़ाकिया लहजे में कहा कि अब चुनाव में न केवल नारे और नारियल टूटेंगे, बल्कि दही-चूड़ा की प्लेट भी गिनी जाएगी!

निर्देशों के उल्लंघन पर कार्रवाई

आयोग ने स्पष्ट किया है कि तय दर से अधिक खर्च करने या खर्च का ब्योरा छिपाने पर उम्मीदवार की उम्मीदवारी तक रद्द हो सकती है. चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत ऐसे मामलों में कड़ी निगरानी रखी जाएगी. प्रत्याशी को सलाह दी गई है कि वे अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट या एजेंट से पूरा खर्च रजिस्टर तैयार कराएं और समय-समय पर आयोग के पास जमा करें.

संक्षेप में तय प्रमुख दरें (प्रशासनिक सूची अनुसार):

वस्तु/सेवा निर्धारित दर

  • चूड़ा-दही-चीनी (नाश्ता) ₹60 प्रति प्लेट
  • कचौरी-सब्जी-जलेबी ₹50 प्रति प्लेट
  • लिट्टी/सत्तू कचौड़ी/समोसा ₹10 प्रति पीस
  • चाय ₹10 प्रति कप
  • कॉफी ₹15 प्रति कप
  • रसगुल्ला ₹15 प्रति पीस
  • मसालेदार चाट ₹40 प्रति प्लेट
  • सादा खाना ₹140 प्रति प्लेट
  • मटन-चावल ₹160 प्रति प्लेट
  • मछली-चावल ₹150 प्रति प्लेट
  • सत्तू ₹180 प्रति किलो
  • भूजा ₹160 प्रति किलो
  • पान ₹10 प्रति खिल्ली
  • पेपर नेपकीन ₹60 प्रति सैकड़ा
  • वीडियोग्राफी (12 घंटे तक) ₹1600
  • वीडियोग्राफी (24 घंटे तक) ₹3000
  • बोतलबंद पानी (1 लीटर) ₹20

खर्च पर सख्ती, पारदर्शिता पर फोकस

बिहार में अब चुनावी खर्च पर पूरी निगरानी रखी जाएगी. प्रशासन की यह दर सूची दिखाती है कि इस बार हर रुपया गिना जाएगा चाहे वह दही-चूड़ा की प्लेट का हो या मटन-चावल की थाली का. उम्मीदवारों को अब पारदर्शिता के साथ प्रचार करना होगा, क्योंकि खाने-पीने से लेकर गाड़ी चलाने तक, हर गतिविधि पर निर्वाचन आयोग की नज़र है.

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