बिहार का ब्रम्हपुर विधानसभा क्षेत्र बक्सर जिला के चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इसमें ब्रह्मपुर, सिमरी और चक्की प्रखंड शामिल हैं. यह सीट वर्तमान में कांटे की टक्कर वाली मानी जा रही है, जिसका मुख्य कारण यहां की भूमिहार बहुल संरचना है और भूमिहार नेता हुलास पांडे (LJP R) की मजबूत दावेदारी है, जिन्होंने इसे एक हॉट सीट बना दिया है.
धार्मिक पहचान: बाबा परमेश्वर नाथ मंदिर
ब्रम्हपुर की पहचान एक धार्मिक नगरी के रूप में है. यहां का प्रसिद्ध बाबा परमेश्वर नाथ मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसका निर्माण स्वयं ब्रह्मा ने किया था. मंदिर से जुड़ा एक महत्वपूर्ण चमत्कार यह है कि मध्यकालीन आक्रमणकारी मोहम्मद गजनवी जब मंदिर तोड़ने आया था, तो ग्रामीणों के शिव प्रकोप से बचने की चेतावनी के बाद, रातों-रात मंदिर का दरवाजा पूर्वमुखी से पश्चिममुखी हो गया. इस चमत्कार को देखकर गजनवी पीछे हट गया, जिससे इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था सदियों से बनी हुई है.
राजनीतिक गतिशीलता और चुनावी इतिहास
ब्रम्हपुर एक भूमिहार बहुल इलाका है, लेकिन राजनीतिक इतिहास में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का प्रभुत्व रहा है. 1951 से हुए 17 चुनावों में, RJD और कांग्रेस दोनों ने 5-5 बार यह सीट जीती है. 2000 के बाद से, यह सीट RJD का गढ़ बन गई है, जिसने पिछले 6 विधानसभा चुनावों में से 5 बार जीत दर्ज की. एकमात्र अपवाद 2010 था, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रत्याशी दिल मनी देवी ने जीत हासिल की थी.
2020 चुनाव का परिणाम
2020 के चुनाव में, NDA के सहयोगी VIP के उम्मीदवार जयराज चौधरी के मुकाबले, LJP के हुलास पांडे ने मैदान में उतरकर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था. RJD के शंभू नाथ यादव ने 51,041 वोट पाकर हुलास पांडे (39,035 वोट) को भारी अंतर से हराया, जबकि VIP के जयराज चौधरी 34,082 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. हुलास पांडे ने NDA के वोटों में सेंध लगाकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी.
वर्तमान चुनावी समीकरण और टक्कर
इस बार ब्रम्हपुर का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया है. लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) अब NDA का हिस्सा है, और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई है.
जातीय समीकरण
यह सीट भूमिहार बहुल है, जहां 46% मतदाता भूमिहार हैं, जबकि यादव मतदाता 26% के साथ RJD की मुख्य ताकत हैं. पिछली बार भूमिहार वोट बंटने से RJD को लाभ हुआ था. इस बार LJP (R V) के हुलास पांडे के NDA के साथ होने से, राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भूमिहार मतों का बिखराव कम हो सकता है. इसी कारण, RJD और LJP (R V) के बीच इस बार कांटे की टक्कर की प्रबल संभावना बनी हुई है.
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