- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में भूमिहार समुदाय की भूमिका निर्णायक रही
- एनडीए ने इस चुनाव में 32 भूमिहार उम्मीदवारों को टिकट दिया जबकि महागठबंधन ने 15 टिकट दिए थे
- भूमिहार वोटर्स का प्रभाव चनपटिया, चकाई, केसरिया, मोतिहारी, सुरसंड, बाजपट्टी सहित दर्जनों सीट पर है
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA की सूनामी ने महागठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया. नीतीश-BJP की जोड़ी को 200 पार कराने में भूमिहार बहुल सीटों का भी हाथ रहा. जातिवार देखें तो भूमिहारों का वोट NDA को छप्परफाड़ मिला. भूमिहार बहुल 46 में से 34 सीटें एनडीए के खाते में आईं. उसे 9 सीटों का फायदा हुआ. भूमिहार समुदाय पर दोनों प्रमुख गठबंधनों एनडीए और महागठबंधन ने जमकर दांव खेला था. भूमिहार वोटर्स बिहार की राजनीति में लंबे समय से प्रभावशाली रहे हैं और इस बार उनकी भूमिका निर्णायक मानी जा रही था.
भूमिहार सीटों का सीन
| गठबंधन | बढ़त/जीत | नफा नुकसान |
| NDA | 34 | +9 |
| महागठबंधन | 12 | -8 |
भूमिहार बहुल सभी 46 सीटों के नतीजे देखे
भूमिहार वोटर्स का दबदबा
बिहार के कई इलाकों में भूमिहार वोटर्स की संख्या इतनी है कि वे जीत-हार का फैसला कर सकते हैं. चनपटिया से लेकर चकाई तक इनका मजबूत प्रभाव देखा गया है. पारंपरिक रूप से एनडीए के साथ जुड़े रहने वाले इस समुदाय को साधने के लिए महागठबंधन ने भी पूरी ताकत झोंकी है. यही वजह है कि उम्मीदवारों के चयन में दोनों गठबंधनों ने भूमिहार नेताओं को प्राथमिकता दी.
गठबंधनों की रणनीति
एनडीए ने इस चुनाव में 32 भूमिहार उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि महागठबंधन ने 15 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. यह आंकड़ा बताता है कि दोनों पक्षों ने भूमिहार वोट बैंक को लेकर कितनी गंभीर रणनीति बनाई है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भूमिहार वोटर्स का रुझान कई सीटों पर जीत-हार तय कर सकता है.
बिहार में कई ऐसी सीटें हैं जहां भूमिहार वोटर्स है निर्णायक
बिहार में कई ऐसी सीटें हैं जहां भूमिहार वोटर्स का दबदबा है. इनमें केसरिया, मोतिहारी, सुरसंड, बाजपट्टी, बिस्फी, जाले, सिवान, एकमा, बेगूसराय, मोकामा, बिक्रम, गोह और चकाई जैसी सीटें शामिल हैं. इन इलाकों में भूमिहार समुदाय की संख्या इतनी है कि उनका समर्थन किसी भी उम्मीदवार के लिए जीत की कुंजी साबित हो सकता है.
राजनीतिक समीकरण और असर
एनडीए के लिए भूमिहार वोटर्स परंपरागत समर्थन का आधार रहे हैं. हालांकि, महागठबंधन ने इस बार जातीय समीकरण को साधने के लिए भूमिहार नेताओं को आगे कर अपनी रणनीति को मजबूत किया है. चुनावी मैदान में यह मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
| सीट | आगे | पीछे | जीत |
| चनपटिया | उमाकांत सिंह (बीजेपी) | अभिषेक रंजन (कांग्रेस) | |
| रक्सौल | प्रमोद सिन्हा (बीजेपी) | श्याम बिहारी प्रसाद (कांग्रेस) | प्रमोद सिन्हा (बीजेपी) |
| केसरिया | शालिनी मिश्रा (जेडीयू) | वरुण विजय विकासशील इंसान पार्टी | शालिनी मिश्रा (जेडीयू) |
| कल्याणपुर | महेश्वर हजारी (जेडीयू) | रंजीत कुमार राम (सीपीआई एम-एल) | महेश्वर हजारी (जेडीयू) |
| पिपरा | श्यामबाबू प्रसाद (बीजेपी) | सीपीआई (एम) | श्यामबाबू प्रसाद (बीजेपी) |
| मोतिहारी | प्रमोद कुमार (बीजेपी) | देवा गुप्ता (आरजेडी) | प्रमोद कुमार (बीजेपी) |
| चिरैया | लाल बाबू प्रसाद (बीजेपी) | लक्ष्मीनारायण प्रसाद (आरजेडी) | लाल बाबू प्रसाद (बीजेपी) |
| सुरसंड | नगेंद्र राउत (जेडीयू) | सैयद अबु दोजाना (आरजेडी) | नगेंद्र राउत (जेडीयू) |
| बाजपट्टी | रामेश्वर कुमार महतो (आरएलएम) | मुकेश कुमार यादव (आरजेडी) | रामेश्वर कुमार महतो (आरएलएम) |
| रून्नीसैदपुर | पंकज कुमार (जेडीयू) | चंदन कुमार (आरजेडी) | पंकज कुमार (जेडीयू) |
| हरलाखी | सुधांशु शेखर (जेडीयू) | राकेश कुमार पांडे (सीपीआई) | सुधांशु शेखर (जेडीयू) |
| बिस्फी | आसिफ अहमद (आरजेडी) | हरिभूषण ठाकुर (बीजेपी) | आसिफ अहमद (आरजेडी) |
| महिषी | गौतम कृष्णा (आरजेडी) | गुंजेश्वर साह (जेडीयू) | गौतम कृष्णा (आरजेडी) |
| जाले | जिबेश कुमार (बीजेपी) | ऋषि मिश्रा (कांग्रेस) | जिबेश कुमार (बीजेपी) |
| मुजफ्फरपुर | रंजन कुमार (बीजेपी) | बिजेंद्र चौधरी (कांग्रेस) | रंजन कुमार (बीजेपी) |
| कांटी | अजीत कुमार (जेडीयू) | मो इजरायल (आरजेडी) | अजीत कुमार (जेडीयू) |
| पारू | शंकर प्रसाद (आरजेडी) | मदन चौधरी (आरएलएम) | शंकर प्रसाद (आरजेडी) |
| सिवान | मंगल पांडे (बीजेपी) | अवध बिहार चौधरी (आरजेडी) | मंगल पांडे (बीजेपी) |
| गोरियाकोठी | देवेश कांत सिंह (बीजेपी) | अनवरूल हक (आरजेडी) | |
| एकमा | मनोरंजन सिंह (जेडीयू) | श्रीकांत यादव (आरजेडी) | मनोरंजन सिंह (जेडीयू) |
| बनियापुर | केदार नाथ सिंह (बीजेपी) | चांदनी सिंह (आरजेडी) | केदार नाथ सिंह (बीजेपी) |
| मढ़ौरा | जीतेंद्र कुमार राय (आरजेडी) | नवीन कुमार (जनसुराज) | जीतेंद्र कुमार राय (आरजेडी |
| लालगंज | संजय कुमार सिंह (बीजेपी) | शिवानी शुक्ला (आरजेडी) | संजय कुमार सिंह (बीजेपी) |
| वैशाली | सिद्धार्थ पटेल (जेडीयू) | अजय कुमार कुशवाहा (आरजेडी) | सिद्धार्थ पटेल (जेडीयू) |
| सरायरंजन | विजय कुमार (जेडीयू) | अरबिंद कुमार सहनी (आरजेडी) | विजय कुमार (जेडीयू) |
| तेघरा | रजनीश कुमार (बीजेपी) | राम रतन सिंह (सीपीआई) | रजनीश कुमार (बीजेपी) |
| मटिहानी | नरेंद्र कुमार सिंह (आरजेडी) | राजकुमार सिंह (जेडीयू) | नरेंद्र कुमार सिंह (आरजेडी) |
| साहेबपुरकमाल | सत्तानंद उर्फ ललन जी (आरजेडी) | सुरेंद्र कुमार (लोजपा-आर) | सत्तानंद उर्फ ललन जी (आरजेडी) |
| बेगूसराय | जीतेंद्र कुमार राय (आरजेडी) | नवीन कुमार सिंह (जनसुराज) | |
| परबत्ता | बाबूलाल (लोजपा-आर) | डॉ संजीव कुमार (आरजेडी) | |
| बिहपुर | कुमार शैलेंद्र (बीजेपी) | अपर्णा कुमारी | |
| भागलपुर | रोहित पांडे (बीजेपी) | अजीत शर्मा (कांग्रेस) | |
| लखीसराय | विजय कुमार सिन्हा (बीजेपी) | अमरेश कुमार (कांग्रेस) | |
| बरबीघा | डॉ कुमार पुष्पंजय (जेडीयू) | त्रिशूलधारी सिंह (कांग्रेस) | |
| मोकामा | अनंत सिंह (जेडीयू) | वीणा देवी (आरजेडी) | |
| बिक्रम | सिद्धार्थ सौरव (बीजेपी) | अनिल कुमार (कांग्रेस) | सिद्धार्थ सौरव (बीजेपी) |
| तरारी | विशाल प्रशांत (बीजेपी) | मदन सिंह चंद्रवंशी | |
| ब्रह्मपुर | हुलास पांडे (लोजपा-आर) | शंभूनाथ यादव | |
| अरवल | मनोज कुमार (बीजेपी) | महानंद सिंह (सीपीआई एम-एल) | |
| जहानाबाद | राहुल कुमार (आरजेडी) | चंदेश्वर प्रसाद (जेडीयू) | |
| घोसी | रामबली सिंह (सीपीआई एम-एल) | रितुराज कुमार | |
| गोह | अमरेंद्र कुमार (आरजेडी) | रणविजय कुमार (बीजेपी) | |
| टिकारी | अजय कुमार (आरजेडी) | अनिल कुमार (हम सेक्युलर) | |
| हिसुआ | अनिल सिंह (बीजेपी) | नीतू कुमारी (कांग्रेस) | |
| वारसलीगंज | अरुणा देवी (बीजेपी) | अनिता देवी (आरजेडी) | |
| चकाई | सावित्री देवी (आरजेडी) | सुमित कुमार सिंह (जेडीयू) |
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