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This Article is From Jun 04, 2022

पटना में खुदाई के दौरान मिलीं लगभग 2,000 साल पुरानी ईंट की दीवारें, कुषाण युग के होने की संभावना

अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने नई दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को प्राचीन ईंट की दीवारों की खोज के बारे में सूचित किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि ये ईंटें कुषाण युग की हैं."

पटना में खुदाई के दौरान मिलीं लगभग 2,000 साल पुरानी ईंट की दीवारें, कुषाण युग के होने की संभावना
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
पटना:

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पटना शाखा को शहर में संरक्षित कुम्हरार तालाब की खुदाई के दौरान कम से कम 2000 साल पुरानी ईंट की दीवार मिली है. गौरतलब है कि कुम्हरार पटना रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर पूरब में स्थित है, जहां मौर्य कालीन शहर पाटलिपुत्र के पुरातात्विक अवशेष हैं. एएसआई के पटना सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने बताया, ‘‘एएसआई अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को तालाब की खुदाई के दौरान ईंट की दीवारों को सबसे पहले खोजा था. एएसआई केंद्र के मिशन अमृत सरोवर पहल के तहत कुम्हरार तालाब का कायाकल्प कर रहा है. तालाब के अंदर से ईंट की दीवारों की खोज बहुत महत्वपूर्ण है. एएसआई विशेषज्ञों की एक टीम ईंट की दीवारों के पुरातत्व महत्व का विश्लेषण कर रही है.''

उन्होंने बताया, ‘‘हमने नई दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को प्राचीन (लगभग 2000 साल पुरानी) ईंट की दीवारों की खोज के बारे में सूचित किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि ये ईंटें कुषाण युग की हैं. हालांकि, विस्तृत विश्लेषण के बाद ही हम यह निष्कर्ष निकाल पाएंगे कि बरामद प्राचीन ईंटें किस काल की हैं.'' कुषाण काल लगभग 30 ईस्वी से 375 ईस्वी तक माना जाता है.

मौर्य महल (कुम्हरार में) की साइट में मिले अवशेषों में आरोग्य विहार नामक 80 स्तंभों वाला हॉल शामिल है. मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) के पुरातात्विक अवशेष यहां खोजे गए हैं. यहां की खुदाई 600 ईसा पूर्व की है और अजातशत्रु, चंद्रगुप्त और अशोक की प्राचीन राजधानी को चिह्नित करती है. सामूहिक रूप से अवशेष 600 ईसा पूर्व (बीसीई) से 600 सीई तक तक के हैं.

एएसआई, पटना मिशन अमृत सरोवर पहल के तहत बिहार में अपने सभी ग्यारह संरक्षित जल निकायों का कायाकल्प कर रहा है. ये एएसआई संरक्षित जल निकाय पटना में कुम्हरार, चौक शिकारपुर एवं मनेर, रोहतास में सासाराम एवं रोहतासगढ़, नालंदा, पश्चिम चंपारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और सीवान में स्थित हैं. 

भविष्य के लिए जल संरक्षण की दृष्टि से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर नामक एक नई पहल की शुरुआत की. मिशन का उद्देश्य आजादी के उत्सव के एक भाग के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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