पटना:
दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर बिहार चुनावों में विपक्षी दलों द्वारा बीजेपी की आलोचना का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि केंद्र आयात के जरिए संकट को टालने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने जेडीयू की राज्य सरकार से कहा कि लोगों को राहत देने के लिए जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करें।
जेटली ने संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर दाल के उत्पादन में कमी आई है। देश में इस साल दाल के उत्पादन में 50 लाख टन की कमी आई है और जमाखोरों ने संकट और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार कीमतों को काबू में रखने के कदम उठा रही है और इसमें दालों का आयात शामिल है।
जेटली ने कहा कि 12 राज्य सरकारों ने जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की और अवैध रूप से इकट्ठा 50 हजार टन दाल जब्त की है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में जमाखोरों पर कार्रवाई होती तो बिहार को फायदा होता।
वित्त मंत्री ने कहा, अगर बिहार सरकार जमाखोरों पर कार्रवाई करती है तो राज्य के लोगों को फायदा होगा। दालों के 200 रुपये प्रति किलो की दर से बेचे जाने के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले मुद्रास्फीति 12 फीसदी पर थी अब यह तीन से चार फीसदी कम हुई है।
उन्होंने कहा कि डीजल, पेट्रोल, धातु, चीनी और गेहूं जैसी सामग्रियों की कीमतें पूरी दुनिया और देश में कम हुई हैं, लेकिन दाल की कीमतें कम नहीं हुईं। दाल की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
जेटली ने संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर दाल के उत्पादन में कमी आई है। देश में इस साल दाल के उत्पादन में 50 लाख टन की कमी आई है और जमाखोरों ने संकट और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार कीमतों को काबू में रखने के कदम उठा रही है और इसमें दालों का आयात शामिल है।
जेटली ने कहा कि 12 राज्य सरकारों ने जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की और अवैध रूप से इकट्ठा 50 हजार टन दाल जब्त की है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में जमाखोरों पर कार्रवाई होती तो बिहार को फायदा होता।
वित्त मंत्री ने कहा, अगर बिहार सरकार जमाखोरों पर कार्रवाई करती है तो राज्य के लोगों को फायदा होगा। दालों के 200 रुपये प्रति किलो की दर से बेचे जाने के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले मुद्रास्फीति 12 फीसदी पर थी अब यह तीन से चार फीसदी कम हुई है।
उन्होंने कहा कि डीजल, पेट्रोल, धातु, चीनी और गेहूं जैसी सामग्रियों की कीमतें पूरी दुनिया और देश में कम हुई हैं, लेकिन दाल की कीमतें कम नहीं हुईं। दाल की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
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