
गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा है कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी को दावेदार बनाए जाने के मुद्दे पर जल्दी ही बीजेपी का संसदीय बोर्ड फैसला करेगा।
राजनाथ सिंह ने बताया, 'हमारा संसदीय बोर्ड इस बात पर फैसला करेगा कि किसी को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में उतारना चाहिए या नहीं।' जब उनसे पूछा गया कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो गृहमंत्री ने कहा कि गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चाएं जारी हैं और जल्दी ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बिहार में संभावनाओं के बारे में गृहमंत्री ने कहा कि जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के एकजुट होकर बनाए गए गठबंधन की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा हुआ है। उन्होंने कहा, 'लेकिन हमारा एक बेहद विश्वसनीय (बीजेपी, एलजेपी, मांझी और दूसरे का) गठबंधन है।'
हाल ही में सपा यह कहकर महागठबंधन से बाहर हो गई कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर बड़े सहयोगियों द्वारा उसके साथ विचार विमर्श न किए जाने पर वह 'अपमानित' महसूस कर रही है। सपा के नेताओं ने कहा था कि मुलायम को बिहार में उस कांग्रेस के साथ खड़ा दिखना सहज नहीं लग रहा था, जो कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में उसकी प्रतिद्वंद्वी है। वहीं जेडीयू और आरजेडी की उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई विशेष भूमिका ही नहीं है। चुनावी रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ दिखाई देना सपा समर्थकों को अच्छा नहीं लगेगा। सपा कथित तौर पर इस बात को लेकर नाराज थी कि उसे 243 सदस्यीय विधानसभा में बड़े सहयोगियों द्वारा महज पांच ही सीटें दी गई थीं।
एसपी, आरजेडी, जेडीयू, जेडीएस, आईएनएलडी और समाजवादी जनता पार्टी ने इस साल अप्रैल में एक विलय की घोषण की थी। उन्होंने कहा था कि बिहार चुनाव के बाद इसे औपचारिक रूप दे दिया जाएगा।
आपको बता दें कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को पूरा होगा। निर्वाचन आयोग अगले कुछ दिनों में बिहार विधानसभा के बेहद चर्चित चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
10 साल तक राज्य की सत्ता संभाल चुके नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करते हुए तीसरे कार्यकाल की उम्मीद लगाए हुए हैं। जून 2013 में वह बीजेपी के साथ अपने 17 साल पुराने रिश्ते तोड़ते हुए एनडीए से बाहर हो गए थे।
राजनाथ सिंह ने बताया, 'हमारा संसदीय बोर्ड इस बात पर फैसला करेगा कि किसी को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में उतारना चाहिए या नहीं।' जब उनसे पूछा गया कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो गृहमंत्री ने कहा कि गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चाएं जारी हैं और जल्दी ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बिहार में संभावनाओं के बारे में गृहमंत्री ने कहा कि जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के एकजुट होकर बनाए गए गठबंधन की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा हुआ है। उन्होंने कहा, 'लेकिन हमारा एक बेहद विश्वसनीय (बीजेपी, एलजेपी, मांझी और दूसरे का) गठबंधन है।'
हाल ही में सपा यह कहकर महागठबंधन से बाहर हो गई कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर बड़े सहयोगियों द्वारा उसके साथ विचार विमर्श न किए जाने पर वह 'अपमानित' महसूस कर रही है। सपा के नेताओं ने कहा था कि मुलायम को बिहार में उस कांग्रेस के साथ खड़ा दिखना सहज नहीं लग रहा था, जो कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में उसकी प्रतिद्वंद्वी है। वहीं जेडीयू और आरजेडी की उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई विशेष भूमिका ही नहीं है। चुनावी रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ दिखाई देना सपा समर्थकों को अच्छा नहीं लगेगा। सपा कथित तौर पर इस बात को लेकर नाराज थी कि उसे 243 सदस्यीय विधानसभा में बड़े सहयोगियों द्वारा महज पांच ही सीटें दी गई थीं।
एसपी, आरजेडी, जेडीयू, जेडीएस, आईएनएलडी और समाजवादी जनता पार्टी ने इस साल अप्रैल में एक विलय की घोषण की थी। उन्होंने कहा था कि बिहार चुनाव के बाद इसे औपचारिक रूप दे दिया जाएगा।
आपको बता दें कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को पूरा होगा। निर्वाचन आयोग अगले कुछ दिनों में बिहार विधानसभा के बेहद चर्चित चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
10 साल तक राज्य की सत्ता संभाल चुके नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करते हुए तीसरे कार्यकाल की उम्मीद लगाए हुए हैं। जून 2013 में वह बीजेपी के साथ अपने 17 साल पुराने रिश्ते तोड़ते हुए एनडीए से बाहर हो गए थे।
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