कर्नाटक के बेल्लारी जिला अस्पताल, में लगभग एक महीने के भीतर प्रसव के बाद चार मां की मौत हो गई थी. गुरुवार को पांचवीं मौत की सूचना आई. जिन महिलाओं की मौत हुई, उन सभी महिलाओं का सरकारी सुविधा केंद्र में सिजेरियन ऑपरेशन हुआ. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ड्रग कंट्रोलर को निलंबित करने का आदेश दिया था और अस्पताल को घटिया रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन, एक IV सप्लाई करने के आरोप में पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी.
सिजेरियन के बाद ऑर्गन फेलियर
पीड़ित सुमाया को 11 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन उसका सिजेरियन सेक्शन हुआ था. प्रसव के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और उसे अगले दिन विजयनगर आयुर्विज्ञान संस्थान (VIMS) ले जाया गया, जहां वह 24 दिनों तक गहन देखभाल में रही. लेकिन वहां उसकी स्थिति गंभीर बनी रही और कई अंगों के फेल होने के बाद रात 8 बजे के आसपास उसका निधन हो गया. संस्थान के निदेशक गंगाधरगौड़ा ने इस बारे में जानकारी दी.
राज्य सरकार पर लगे लापरवाही के आरोप
गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में सिद्धारमैया ने स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव को एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया. उन्होंने विभाग से ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए पर्याप्त एहतियाती कदम उठाने का भी आग्रह किया. इस बीच, विपक्षी बीजेपी ने लोकायुक्त के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग की गई और मौतों के लिए राज्य सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया.
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