प्रतीकात्मक फोटो
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                बेंगलुरु: 
                                        केंद्र सरकार के कर्मचारियों की ही तरह वेतन भत्ते की मांग को लेकर कर्नाटक के तकरीबन साढ़े पांच लाख सरकारी कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर रहे। राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे हड़ताल पर गए तो उन्हें न सिर्फ गिरफ्तार किया जाएगा बल्कि नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया जाएगा।
सरकारी चेतावनी की परवाह न करते हुए कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर रहे। विधानसभा भवन सूना पड़ा था, दफ्तरों पर ताले लटके रहे थे क्योंकि उन्हें खोलने वाला कोई नहीं था।
पुलिस कॉन्सटेबलों की हड़ताल 4 जुलाई को
राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश के लिए अब चुनौती 4 जून को होने वाली पुलिस कॉन्सटेबलों की हड़ताल है। एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन 40 हजार कॉन्सटेबल 4 जून को हड़ताल पर जाना चाहते हैं। उनकी मांगों में बेहतर वेतन भत्ते के साथ-साथ सफ्ताह में कम से कम एक दिन की छुट्टी शामिल है। वे चाहते हैं कि उनकी 8 घंटे की शिफ्ट पर सख्ती से पालन किया जाए। उन्हें 8 घंटे की बजाय 12 घंटे काम करने को मजबूर किया जाता है।
श्रीधर गिरफ्तार, देशद्रोह का मामला दर्ज
उधर बुधवार को देर रात कर्नाटक पुलिस महासंघ के स्वयंभू अध्यक्ष श्रीधर को पुलिस ने गिरफ्तार करके 16 जून तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। श्रीधर पर अनेक धाराओं के साथ-साथ आईपीसी की धारा 124-A, यानी देशद्रोह का भी मामला दर्ज किया गया है। श्रीधर को 1990 में पुलिस फोर्स से बर्खास्त कर दिया गया था। तब वे पुलिस कान्सटेबल थे। उन्हें पुलिस महासंघ बनाने के जुर्म में बर्खास्त किया गया था। श्रीधर तभी से इस संघ के अध्यक्ष हैं।
केंद्रीय सुरक्षा बल बुलाए
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश ने गुरुवार को दुबारा चेतावनी दी कि अगर कोई भी कान्सटेबल सामूहिक अवकाश पर जाएगा तो उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। हालांकि सरकार एहतियात के तौर पर सेंट्रल फोर्सेज को बुला रही है ताकि अगर जरूरत पड़े तो उनका इस्तेमाल कानून व्यवस्था बनाए रखने में किया जा सके।
                                                                        
                                    
                                सरकारी चेतावनी की परवाह न करते हुए कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर रहे। विधानसभा भवन सूना पड़ा था, दफ्तरों पर ताले लटके रहे थे क्योंकि उन्हें खोलने वाला कोई नहीं था।
पुलिस कॉन्सटेबलों की हड़ताल 4 जुलाई को
राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश के लिए अब चुनौती 4 जून को होने वाली पुलिस कॉन्सटेबलों की हड़ताल है। एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन 40 हजार कॉन्सटेबल 4 जून को हड़ताल पर जाना चाहते हैं। उनकी मांगों में बेहतर वेतन भत्ते के साथ-साथ सफ्ताह में कम से कम एक दिन की छुट्टी शामिल है। वे चाहते हैं कि उनकी 8 घंटे की शिफ्ट पर सख्ती से पालन किया जाए। उन्हें 8 घंटे की बजाय 12 घंटे काम करने को मजबूर किया जाता है।
श्रीधर गिरफ्तार, देशद्रोह का मामला दर्ज
उधर बुधवार को देर रात कर्नाटक पुलिस महासंघ के स्वयंभू अध्यक्ष श्रीधर को पुलिस ने गिरफ्तार करके 16 जून तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। श्रीधर पर अनेक धाराओं के साथ-साथ आईपीसी की धारा 124-A, यानी देशद्रोह का भी मामला दर्ज किया गया है। श्रीधर को 1990 में पुलिस फोर्स से बर्खास्त कर दिया गया था। तब वे पुलिस कान्सटेबल थे। उन्हें पुलिस महासंघ बनाने के जुर्म में बर्खास्त किया गया था। श्रीधर तभी से इस संघ के अध्यक्ष हैं।
केंद्रीय सुरक्षा बल बुलाए
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश ने गुरुवार को दुबारा चेतावनी दी कि अगर कोई भी कान्सटेबल सामूहिक अवकाश पर जाएगा तो उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। हालांकि सरकार एहतियात के तौर पर सेंट्रल फोर्सेज को बुला रही है ताकि अगर जरूरत पड़े तो उनका इस्तेमाल कानून व्यवस्था बनाए रखने में किया जा सके।
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                                        कर्नाटक, सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल, पुलिस कान्सटेबलों की हड़ताल, श्रीधर, कर्नाटक पुलिस महासंघ, Karnataka, Bengluru, Government Employees Strike, Police Constables  Strike, Karnataka Police Mahasangh