खेल जगत में इन 7 खिलाड़‍ियों ने किया तिरंगा बुलंद

यह सही है कि देश में अन्‍य खेलों के मुकाबले क्रिकेट को बहुत ज्‍यादा अहमियत दी जाती है लेकिन क्रिकेट से इतर कई खिलाड़ि‍यों ने अपने प्रदर्शन से खेलप्रेमियों का दिल पर राज किया है.

खेल जगत में इन 7 खिलाड़‍ियों ने किया तिरंगा बुलंद

32 वर्ष की उम्र में ही पंकज आडवाणी बिलियर्ड्स और स्‍नूकर के दिग्‍गज खिलाड़ी बन चुके हैं (फाइल फोटो)

दूसरे क्षेत्रों की तरह खेलों की दुनिया में भी भारतीय खिलाड़‍ियों ने अपने कौशल का लोहा दुनिया से मनवाया है. हालांकि ओलिंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन इसकी आबादी के लिहाज से बेहद निराशाजनक ही है लेकिन हाल के वर्षोंखेलों में भारत की प्रगति की बात से कोई इनकार नहीं कर सकता. बैडमिंटन, कुश्‍ती, टेनिस शतरंज और बॉक्सिंग जैसे खेलों में देश के खिलाड़ि‍यों ने अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है. यह सही है कि देश में अन्‍य खेलों के मुकाबले क्रिकेट को बहुत ज्‍यादा अहमियत दी जाती है लेकिन क्रिकेट से इतर कई खिलाड़ि‍यों ने अपने प्रदर्शन से खेलप्रेमियों का दिल पर राज किया है. नजर डालते हैं ऐसे खास 7 खिलाड़ि‍यों पर..

शतरंज के शातिर विश्‍वनाथन आनंद
विश्‍वनाथन आनंद शतरंज की दुनिया में भारत की नहीं दुनियाभर में बड़ा नाम बन चुके हैं. आनंद पांच बार विश्‍व शतरंज चैंपियन रहे हैं. देश का सबसे बड़ा खेल अवार्ड राजीव गांधी खेल रत्‍न उन्‍हें हासिल हो चुका है. शतरंज की दुनिया में गैरी कास्‍परोव, अनातोली कारपोव के साथ विश्‍वनाथन आनंद का नाम भी सम्‍मान के साथ लिया जाता है. अर्जुन अवॉर्ड, पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण का सम्‍मान भी शतरंज के इस शातिर को दिया गया है.

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टेनिस में लिएंडर पेस का जवाब नहीं
डेविस कप में टीम इंडिया को कई सफलताएं दिला चुके इस खिलाड़ी की टेनिस कोर्ट में चुस्‍ती-फुर्ती देखते ही बनती है. टेनिस के खेल में लिएंडर पेस ने अपने और देश के लिए कई उपलब्धियां हासिल की हैं. ओलिंपिक खेलों में टेनिस की एकल इवेंट का कांस्‍य पदक कोलकाता के इस खिलाड़ी के नाम है. महेश भूपति के साथ उनकी जोड़ी टेनिस के डबल्‍स वर्ग में न केवल नंबर वन रही बल्कि इन दोनों ने कई ग्रैंडस्‍लैम खिताब भी जीते. ग्रैंडस्‍लैम टूर्नामेंट में 44 साल का यह खिलाड़ी मिक्‍स्‍ड डबल्‍स खिताब भी जीत चुका है.

बिलियर्ड्स और स्‍नूकर के बादशाह पंकज आडवाणी
32 वर्ष की उम्र मे ही पंकज आडवाणी बिलियर्ड्स और स्‍नूकर के दुनिया के दिग्‍गज खिलाड़ि‍यों में स्‍थान बना चुके हैं. पंकज ने पहला पेशेवर बिलियर्ड्स विश्व खिताब 2009 में जीता था. इससे पहले वह एमेच्योर विश्व बिलियर्ड्स और स्नूकर चैंपियनशिप जीत चुके थे. यही नहीं, पंकज ने 2006 में दोहा में हुए एशियाई खेलों में देश के लिए स्‍वर्ण पदक भी जीता था.

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कुश्‍ती के मैट पर सुशील कुमार की चमक
सुशील कुमार कुश्‍ती में देश को दो व्‍यक्तिगत ओलिंपिक पदक दिलाने वाले इकलौते भारतीय खिलाड़ी है. कुश्‍तीर के मेट पर पहुंचते ही शांत स्‍वभाव का यह खिलाड़ी बेहद आक्रामक रुख अख्तियार कर लेता है. 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में सुशील ने कांस्‍य पदक जीता था. बाद में उन्‍होंने लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीतते हुए खेलों के महाकुंभ में अपने पदकों की संख्‍या को दो तक पहुंचाया. सुशील राष्‍ट्रमंडल खेलों में भी स्‍वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं.

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निशाना साधने में महारथी अभिनव बिंद्रा
ओलिंपिक खेलों की व्‍यक्तिगत स्‍पर्धा में एकमात्र गोल्‍ड निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने जीता है. चंडीगढ़ के इस खिलाड़ी ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक की 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का स्‍वर्ण पदक अपने नाम किया था. अभिनव बिंद्रा एयर राफल निशानेबाजी में में विश्व चैम्पियन भी रह चुके हैं. करीब 35 साल के अभिनव ने बेहद कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा की चमक दिखानी शुरू कर दी थी. वे इतने सटीक निशाने साधते हैं कि हर कोई देखता ही रह जाता है.

ओलिंपिक में सिंधु ने जीता था रजत पदक
सिंधु ऐसी पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है जो वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने के साथ ही ओलिंपिक खेलों में भी पदक जीत चुकी हैं. रियो ओलिंपिक में उन्‍होंने देश के लिए रजत पदक जीता था. 22 वर्ष की सिंधु की बैडमिंटन प्रतिभा लंबे समय तक एक अन्‍य दिग्‍गज खिलाड़ी साइना नेहवाल की चमक के तले दबी रही, लेकिन इसके बाद पुलेला गोपीचंद की इस शिष्‍या ने अपनी चमक से भारतीय बैडमिंटन जगत को चकाचौंध कर दिया. आज रैंकिंग में भी दुनिया की शीर्ष 10 महिला बैडमिंटन खिलाड़‍ियों में स्‍थान बना चुकी हैं.

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ओलिंपिक में पदक जीता, पेशेवर बॉक्सिंग में भी सफल विजेंदर
बॉक्‍सिंग की दुनिया में विजेंदर सिंह को खासी शोहरत हासिल की है. बीजिंग ओलिंपिक में देश के लिए कांस्‍य पदक जीतने के बाद हरियाणा के विजेंदर के पेशेवर बॉक्सिंग की ओर रुख किया और अपने तगड़े पंच की दम पर शोहरत बटोरी.

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