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Azaadi Ke 70 Saal

'Azaadi Ke 70 Saal' - 24 News Result(s)
  • जब भारतीय जवानों ने दिखाया पराक्रम और बनाए रखी शान

    जब भारतीय जवानों ने दिखाया पराक्रम और बनाए रखी शान

    आजादी के साथ ही भारत को विभाजन की विभीषिका झेलनी पड़ी. पाकिस्तान को काटकर भारत से अलग किया गया. यह दंश दोनों ओर के निवासियों को सालता रहा है. स्थिति यह रही कि जो कटुता तब पनपी वो आज तक कई मौकों पर सरहद के दोनों ओर रह रहे लोगों में मौकों मौकों पर दिखाई देती है. खैर बात जब दोनों से हुई लड़ाई की की जाती है तब यह कहा जा सकता है कि दोनों देशों ने आजादी के बाद से चार युद्ध लड़े. यह अलग बात है कि पाकिस्तान कारगिल युद्ध को स्वीकारता नहीं है. वह इसे कश्मीरी अलगाववादियों और मुजाहिद्दीनों की लड़ाई बताता है जबकि हकीकत यही है कि वह इस युद्ध का जनक रहा है. आजादी के बाद से भारत ने कुल पांच लड़ाइयां लड़ी. एक चीन के साथ और चार पाकिस्तान के साथ. चीन ने भारत को करारी हार दी और पाकिस्तान को भारत ने.

  • भारत को गढ़ने वाले सात जननायक

    भारत को गढ़ने वाले सात जननायक

    आजादी से पहले स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत में राष्ट्र निर्माण की चुनौती को पूरा करने में वेसै तो देश के सैकड़ों नेताओं ने अपना योगदान दिया लेकिन कुछ नेता ऐसे हुए जो न होते तो शायद भारत आज ऐसा नहीं होता जेसा कि आज है. स्वतंत्रता से पहले के गुलाम और पिछड़े भारत को आज के विकसित लोकतंत्र में रूपांतरित करने वाले इन नेताओं में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, इंदिरा गांधी, जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया और अटलबिहारी वाजपेयी के नाम सबसे ऊपर आते हैं. ये वे नेता हैं जो जनता की आशाओं पर खरे उतरे और जिन्होंने देश को मजबूत नेतृत्व दिया.

  • अनाज हो या दूध उत्पादन, कृषि क्षेत्र में भारत का लोहा मानती है पूरी दुनिया

    अनाज हो या दूध उत्पादन, कृषि क्षेत्र में भारत का लोहा मानती है पूरी दुनिया

    हरित क्रांति से शुरू हुए कृषि के विकास का सफर श्वेत क्रांति, नीली, पीली क्रांति की ओर बढ़ता हुआ अग्रसर है. आज शायद ही कृषि का कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां दुनिया हमारा लोहा न मानती हो.

  • सात क्षेत्र, जिनमें हिन्दुस्तान ने लिखी विकास की नई इबारत...

    सात क्षेत्र, जिनमें हिन्दुस्तान ने लिखी विकास की नई इबारत...

    15 अगस्त 1947 के बाद देश ने विकास की अपनी नई इबारत लिखनी शुरू की. देश को आजादी के बाद अपने लिए एकदम नए रास्ते खोजने थे और नए तरीके से देश का समुचित विकास करना था.

  • सात कंपनियां, जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

    सात कंपनियां, जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

    आजादी के बाद देश में बहुत कुछ बदला. तरक्की के नए कीर्तिमान गढ़े गए और देश ने अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त होकर धीरे धीरे अपने पैरों पर न सिर्फ खड़े होना सीखा बल्कि आज वर्तमान में युवाओं के लिए नए उदाहरण भी गढ़ दिए.

  • आज़ादी से अब तक कितनी बदलीं जनता की सवारियां

    आज़ादी से अब तक कितनी बदलीं जनता की सवारियां

    15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ. पूरा देश जश्न के माहौल डूबा और देश ने तरक्की के नए नए पायदान चढ़ना आरंभ कर दिया. तमाम क्षेत्रों में देश ने 1947 से लेकर अब नए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. अगर सवारियों की बात की जाए तब आजादी के समय भारतीय समाज में धीमें धीमें साइकिल का चलन आया. गांव देहात में कुछ एक लोगों के पास ही साइकिल हुआ करती थी.

  • सात भयावह त्रासदियां, जिनसे दहल उठा था देश...

    सात भयावह त्रासदियां, जिनसे दहल उठा था देश...

    आजादी के बाद देश ने काफी तरक्की की है. कृषि, विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष तक अपना प्रभुत्व जमा लिया है, और एक से बढ़कर एक नई तकनीक भी विकसित की हैं, लेकिन कुछ त्रासदियों का भी सामना किया, जिन्होंने हमारी रफ्तार को थामने की कोशिश की.

  • जब हिंदी साहित्य में छलका भारत-पाकिस्तान विभाजन का दर्द

    जब हिंदी साहित्य में छलका भारत-पाकिस्तान विभाजन का दर्द

    भारत और पाकिस्तान बंटवारे पर आधारित हिंदी साहित्य से सात चुनिंदा किताबें और कहानियां...जिन्हें पढ़कर इस विभीषिका को समझा जा सकेगा...

  • 70 साल की 70 उपलब्धियों ने देश का तिरंगा किया बुलंद

    70 साल की 70 उपलब्धियों ने देश का तिरंगा किया बुलंद

    70 सालों में भारत को कभी आपातकाल ने घेरा तो कभी आतंकवाद के खूनी पंजों का सामना करना पड़ा, बावजूद इसके देश ने कई उपलब्धियां हासिल कर अपने तिरंगा को बुलंद किया.

  • इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

    इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

    अब्राह्म लिंकन, जॉन एफ कैनेडी, बेनजीर भुट्टो की हत्या उस समय की गई जब वे राजनीतिक जीवन के शीर्ष दौर में थे. आजादी के बाद भारत ने कई बड़ी राजनीतिक हत्याओं की पीड़ा सही हैं. भारत को आजादी मिले छह महीने भी नहीं हुए थे कि महात्मा गांधी की हत्या ने दुनिया को हिला दिया था. ये क्रम यहीं नहीं रुका और कई अन्य हस्तियों की असामयिक मौत का कारण बना.

  • फ्यूजन फूड की प्रयोगशाला बन गया है किचन

    फ्यूजन फूड की प्रयोगशाला बन गया है किचन

    आज खान-पान अपनी सारी सीमाओं को तोड़ चुका है. यह विदेश से भारत पहुंच रहा है और भारत से विदेश. सात दशक में बदल गया है खानपान का संसार

  • आज़ादी के बाद का साहित्य और 7 यादगार किताबें

    आज़ादी के बाद का साहित्य और 7 यादगार किताबें

    जिस तरह जीवन बदला है, उसी तरह साहित्य भी बदला है. वह भूमंडलीकरण के दौर में आधुनिकता से परे नहीं है, लेकिन कुछ किताबें जो आज भी हमारे जेहन में बसी हैं

  • 7 विज्ञापन, जो बन गए समूचे देश की धड़कन

    7 विज्ञापन, जो बन गए समूचे देश की धड़कन

    भारतीय विज्ञापनों की दुनिया अब सिर्फ मनोरंजन या प्रमोशन से आगे निकल गई है. अब कोशिश अपने उत्पाद को बेचने के साथ ही संदेश देने की भी रही है.

  • दूरदर्शन के 7 शो, जिन्‍हें कभी नहीं भूल पाएंगे आप

    दूरदर्शन के 7 शो, जिन्‍हें कभी नहीं भूल पाएंगे आप

    आजादी के 70 वर्षों में देश में काफी कुछ बदला है. पहले जहां घरों में एंटरटेनमेंट के नाम पर सिर्फ 'दूरदर्शन' ही होता था, वहीं आज हमारे पास हजारों चैनल्‍स हो गए हैं. लेकिन फिर भी दूरदर्शन के जमाने में कुछ ऐसे सीरियल्‍स थे, जिनकी कमी हमें आज भी महसूस होती है.

  • वे 7 फिल्में, जो सिनेमाघर पर चिपकीं, तो उतरने का नाम नहीं लिया

    वे 7 फिल्में, जो सिनेमाघर पर चिपकीं, तो उतरने का नाम नहीं लिया

    आज अगर कोई फिल्म 50 दिन या 100 कर ले तो बड़ा जश्न हो जाता है, लेकिन एक समय था जब फिल्में 25-50 हफ्ते यूं ही कर जाती थीं.

'Azaadi Ke 70 Saal' - 24 News Result(s)
  • जब भारतीय जवानों ने दिखाया पराक्रम और बनाए रखी शान

    जब भारतीय जवानों ने दिखाया पराक्रम और बनाए रखी शान

    आजादी के साथ ही भारत को विभाजन की विभीषिका झेलनी पड़ी. पाकिस्तान को काटकर भारत से अलग किया गया. यह दंश दोनों ओर के निवासियों को सालता रहा है. स्थिति यह रही कि जो कटुता तब पनपी वो आज तक कई मौकों पर सरहद के दोनों ओर रह रहे लोगों में मौकों मौकों पर दिखाई देती है. खैर बात जब दोनों से हुई लड़ाई की की जाती है तब यह कहा जा सकता है कि दोनों देशों ने आजादी के बाद से चार युद्ध लड़े. यह अलग बात है कि पाकिस्तान कारगिल युद्ध को स्वीकारता नहीं है. वह इसे कश्मीरी अलगाववादियों और मुजाहिद्दीनों की लड़ाई बताता है जबकि हकीकत यही है कि वह इस युद्ध का जनक रहा है. आजादी के बाद से भारत ने कुल पांच लड़ाइयां लड़ी. एक चीन के साथ और चार पाकिस्तान के साथ. चीन ने भारत को करारी हार दी और पाकिस्तान को भारत ने.

  • भारत को गढ़ने वाले सात जननायक

    भारत को गढ़ने वाले सात जननायक

    आजादी से पहले स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत में राष्ट्र निर्माण की चुनौती को पूरा करने में वेसै तो देश के सैकड़ों नेताओं ने अपना योगदान दिया लेकिन कुछ नेता ऐसे हुए जो न होते तो शायद भारत आज ऐसा नहीं होता जेसा कि आज है. स्वतंत्रता से पहले के गुलाम और पिछड़े भारत को आज के विकसित लोकतंत्र में रूपांतरित करने वाले इन नेताओं में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, इंदिरा गांधी, जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया और अटलबिहारी वाजपेयी के नाम सबसे ऊपर आते हैं. ये वे नेता हैं जो जनता की आशाओं पर खरे उतरे और जिन्होंने देश को मजबूत नेतृत्व दिया.

  • अनाज हो या दूध उत्पादन, कृषि क्षेत्र में भारत का लोहा मानती है पूरी दुनिया

    अनाज हो या दूध उत्पादन, कृषि क्षेत्र में भारत का लोहा मानती है पूरी दुनिया

    हरित क्रांति से शुरू हुए कृषि के विकास का सफर श्वेत क्रांति, नीली, पीली क्रांति की ओर बढ़ता हुआ अग्रसर है. आज शायद ही कृषि का कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां दुनिया हमारा लोहा न मानती हो.

  • सात क्षेत्र, जिनमें हिन्दुस्तान ने लिखी विकास की नई इबारत...

    सात क्षेत्र, जिनमें हिन्दुस्तान ने लिखी विकास की नई इबारत...

    15 अगस्त 1947 के बाद देश ने विकास की अपनी नई इबारत लिखनी शुरू की. देश को आजादी के बाद अपने लिए एकदम नए रास्ते खोजने थे और नए तरीके से देश का समुचित विकास करना था.

  • सात कंपनियां, जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

    सात कंपनियां, जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

    आजादी के बाद देश में बहुत कुछ बदला. तरक्की के नए कीर्तिमान गढ़े गए और देश ने अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त होकर धीरे धीरे अपने पैरों पर न सिर्फ खड़े होना सीखा बल्कि आज वर्तमान में युवाओं के लिए नए उदाहरण भी गढ़ दिए.

  • आज़ादी से अब तक कितनी बदलीं जनता की सवारियां

    आज़ादी से अब तक कितनी बदलीं जनता की सवारियां

    15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ. पूरा देश जश्न के माहौल डूबा और देश ने तरक्की के नए नए पायदान चढ़ना आरंभ कर दिया. तमाम क्षेत्रों में देश ने 1947 से लेकर अब नए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. अगर सवारियों की बात की जाए तब आजादी के समय भारतीय समाज में धीमें धीमें साइकिल का चलन आया. गांव देहात में कुछ एक लोगों के पास ही साइकिल हुआ करती थी.

  • सात भयावह त्रासदियां, जिनसे दहल उठा था देश...

    सात भयावह त्रासदियां, जिनसे दहल उठा था देश...

    आजादी के बाद देश ने काफी तरक्की की है. कृषि, विज्ञान से लेकर अंतरिक्ष तक अपना प्रभुत्व जमा लिया है, और एक से बढ़कर एक नई तकनीक भी विकसित की हैं, लेकिन कुछ त्रासदियों का भी सामना किया, जिन्होंने हमारी रफ्तार को थामने की कोशिश की.

  • जब हिंदी साहित्य में छलका भारत-पाकिस्तान विभाजन का दर्द

    जब हिंदी साहित्य में छलका भारत-पाकिस्तान विभाजन का दर्द

    भारत और पाकिस्तान बंटवारे पर आधारित हिंदी साहित्य से सात चुनिंदा किताबें और कहानियां...जिन्हें पढ़कर इस विभीषिका को समझा जा सकेगा...

  • 70 साल की 70 उपलब्धियों ने देश का तिरंगा किया बुलंद

    70 साल की 70 उपलब्धियों ने देश का तिरंगा किया बुलंद

    70 सालों में भारत को कभी आपातकाल ने घेरा तो कभी आतंकवाद के खूनी पंजों का सामना करना पड़ा, बावजूद इसके देश ने कई उपलब्धियां हासिल कर अपने तिरंगा को बुलंद किया.

  • इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

    इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

    अब्राह्म लिंकन, जॉन एफ कैनेडी, बेनजीर भुट्टो की हत्या उस समय की गई जब वे राजनीतिक जीवन के शीर्ष दौर में थे. आजादी के बाद भारत ने कई बड़ी राजनीतिक हत्याओं की पीड़ा सही हैं. भारत को आजादी मिले छह महीने भी नहीं हुए थे कि महात्मा गांधी की हत्या ने दुनिया को हिला दिया था. ये क्रम यहीं नहीं रुका और कई अन्य हस्तियों की असामयिक मौत का कारण बना.

  • फ्यूजन फूड की प्रयोगशाला बन गया है किचन

    फ्यूजन फूड की प्रयोगशाला बन गया है किचन

    आज खान-पान अपनी सारी सीमाओं को तोड़ चुका है. यह विदेश से भारत पहुंच रहा है और भारत से विदेश. सात दशक में बदल गया है खानपान का संसार

  • आज़ादी के बाद का साहित्य और 7 यादगार किताबें

    आज़ादी के बाद का साहित्य और 7 यादगार किताबें

    जिस तरह जीवन बदला है, उसी तरह साहित्य भी बदला है. वह भूमंडलीकरण के दौर में आधुनिकता से परे नहीं है, लेकिन कुछ किताबें जो आज भी हमारे जेहन में बसी हैं

  • 7 विज्ञापन, जो बन गए समूचे देश की धड़कन

    7 विज्ञापन, जो बन गए समूचे देश की धड़कन

    भारतीय विज्ञापनों की दुनिया अब सिर्फ मनोरंजन या प्रमोशन से आगे निकल गई है. अब कोशिश अपने उत्पाद को बेचने के साथ ही संदेश देने की भी रही है.

  • दूरदर्शन के 7 शो, जिन्‍हें कभी नहीं भूल पाएंगे आप

    दूरदर्शन के 7 शो, जिन्‍हें कभी नहीं भूल पाएंगे आप

    आजादी के 70 वर्षों में देश में काफी कुछ बदला है. पहले जहां घरों में एंटरटेनमेंट के नाम पर सिर्फ 'दूरदर्शन' ही होता था, वहीं आज हमारे पास हजारों चैनल्‍स हो गए हैं. लेकिन फिर भी दूरदर्शन के जमाने में कुछ ऐसे सीरियल्‍स थे, जिनकी कमी हमें आज भी महसूस होती है.

  • वे 7 फिल्में, जो सिनेमाघर पर चिपकीं, तो उतरने का नाम नहीं लिया

    वे 7 फिल्में, जो सिनेमाघर पर चिपकीं, तो उतरने का नाम नहीं लिया

    आज अगर कोई फिल्म 50 दिन या 100 कर ले तो बड़ा जश्न हो जाता है, लेकिन एक समय था जब फिल्में 25-50 हफ्ते यूं ही कर जाती थीं.