हाल ही में जापान की मैगलेव ट्रेन (Maglev train) ने दुनिया की सबसे तेज़ ट्रेन होने का अपना ही एक सप्ताह पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया, और 603 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़कर दिखाई... इससे पिछले हफ्ते इस ट्रेन ने 590 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़कर नया रिकॉर्ड कायम किया था, और सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि वह रिकॉर्ड भी उसने अपना ही 12 साल पुराना वर्ष 2003 में स्थापित किया 581 किलोमीटर प्रति घंटे का रिकॉर्ड तोड़कर बनाया था...
मैगलेव ट्रेन के बारे में जानने की उत्सुकता सभी के मन में है, सो, हम आपको बता रहे हैं कि इसकी खासियतें क्या है...
- मैगलेव ट्रेन के पहले रूट (टोक्यो से नागोया) की अनुमानित लागत 100 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 6,293 अरब रुपये) होगी, और इसी वजह से कुछ रकम जुटाने की खातिर जापान इसकी हाई-स्पीड तकनीक को कुछ अन्य देशों को बेचने का इरादा बना रहा है... वैसे, जापान में मैगलेव ट्रेन का संचालन वर्ष 2027 में शुरू होगा...
- लगभग 286 किलोमीटर लंबे इस रूट (टोक्यो से नागोया) का 80 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर गुज़रेगा...
- जापान में फिलहाल चलने वाली बुलेट ट्रेन टोक्यो से नागोया पहुंचने में 88 मिनट का समय लेती है, जबकि मैगलेव ट्रेन इस दूरी को 40 मिनट में तय करेगी...
- मैगलेव (मैगनेटिक लेविटेशन का संक्षिप्त रूप) ट्रेन पहियों पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने के बाद चुंबकीय शक्ति के जरिये पटरियों से लगभग 10 सेंटीमीटर ऊपर चलने लगती है...
- दुनिया की सबसे तेज़ चलने वाली प्रोडक्शन कार - हेनेसी वेनम जीटी - की टॉप स्पीड 435.31 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है...
- वर्ष 2005 की कार द्वारा बीएआर-हौण्डा फॉर्मूला 1 टीम ने गैर-आधिकारिक रूप से 413 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की थी...
- धरती का सबसे तेज़ भागने वाला प्राणी - चीता - भी अधिकाधिक 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है...
- अगर थ्योरी के हिसाब से देखें तो मैगलेव ट्रेन 67 घंटे से भी कम समय में पूरी धरती के व्यास का चक्कर लगा सकती है...
- मैगलेव ट्रेन में परंपरागत ट्रेनों जैसा इंजन नहीं होता है...
- मैगलेव ट्रेन इलेक्ट्रो-डायनमिक सस्पेंशन (ईडीएस) प्रणाली का इस्तेमाल कर चलती है...
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