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    वैश्वीकरण और उच्च शिक्षा : वर्तमान सन्दर्भ

    शिक्षा क्षेत्र में सुधारों को यदि यथार्थ के धरातल पर लाने में सफल रहे, तो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के ज़रिये उच्च बौद्धिकता वाले नए भारत को विश्व के सामने लाने से कोई नहीं रोक सकता और तभी पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के शब्द सार्थक हो सकेंगे - सन् 2020 तक या इससे पूर्व विकसित भारत कोई स्वप्न नहीं है, न यह कोरी कल्पना है, बल्कि यह ऐसा ध्येय है, जिसे हम सब को अपनाना चाहिए, हम इसमें अवश्य सफल होंगे.

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