
Trigrahi ypg kya hota hai : ग्रहों का हमारे जीवन के साथ ही देश दुनिया पर भी व्यापक असर देखने को मिलता है. कुंडली में कई बार दो और उससे ज्यादा ग्रह मिलकर विभिन्न योग का निर्माण करते हैं. यह योग कई बार शुभ फलदायी होते हैं, तो कई बार इनके परिणाम अनुकूल नहीं होते हैं. इस महीने लंबे समय बाद तीन शुभ ग्रहों का योग यानी त्रिग्रही योग बनने जा रहा है. 6 जून 2025 को बुध ग्रह अपनी स्वराशि मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं. वहीं, गुरु पहले से ही मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं. इसी तरह 15 जून को सूर्य भी मिथुन राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जो त्रिग्रही योग का निर्माण कर रहा है. त्रिग्रही योग को काफी शुभ माना जाता है. इस योग के प्रभाव से जातक के जीवन में आकस्मिक धनलाभ के योग बन सकते हैं. नौकरी में भी तरक्की हो सकती है. इस योग के प्रभाव से कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है, तो कुछ राशियों को नुकसान हो सकता है.
कैसे बनता है त्रिग्रही योग
कुंडली में त्रिग्रही योग का बनना काफी महत्वपूर्ण संयोग माना जाता है. अगर किसी की कुंडली में एक ही राशि में तीन ग्रह एक साथ आते हैं, तब त्रिग्रही योग का निर्माण होता है. हालांकि, सभी त्रिग्रही योग शुभ नहीं माने जाते. सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कौन-कौन से ग्रह मिलकर त्रिग्रही योग बना रहे हैं. यहां हम बात कर रहे हैं बुध, सूर्य और गुरू के त्रिग्रही योग की. यह योग मिथुन राशि में बन रहा है, जिसे एक शुभ योग माना जाता है.
त्रिग्रही योग के सकारात्मक प्रभाव
गुरु, बुध और सूर्य के त्रिग्रही योग को शुभ योग माना जाता है. इस योग का प्रभाव करीब-करीब सभी राशियों के लिए शुभ ही होता है. इस योग के प्रभाव से जातक के जीवन में समृद्धि आती है. उसे भाग्य का साथ मिलता है. योग के प्रभाव में जातक को जीवन में सफलता हासिल होती है.
त्रिग्रही योग के नकारात्मक प्रभाव
वैसे तो बुध, सूर्य और गुरु के त्रिग्रही योग को शुभ माना जाता है, लेकिन कई मामलों में इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. अगर जातक की कुंडली में पहले से शुभ ग्रह विराजमान हैं, तो परिणाम बेहतर हो सकते हैं, अन्यथा आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इस स्थिति में आपको अपने निर्णय लेने में सावधानी बरतनी होगी. आर्थिक निर्णय लेने में भी सावदानी बरतें.