मित्रता अनुकूलता

जून 21-जुलाई 22

कर्क मित्र

कर्क राशि वाले अपने दोस्तों के प्रति निष्ठावान होते हैं और अपने मित्रों से भी यही अपेक्षा रखते हैं। अगर इन्हे कोई धोखा देता है, तो ये बहुत बुरा महसूस करते हैं और बदला लेना कभी नहीं भूलते हैं। आपकी कठिनाई की घड़ी में ये आधी रात को भी आपकी मदद करने से नहीं हिचकिचाएंगे। समय के साथ-साथ इनकी दोस्ती प्रगाढ़ हो जाती है।


कर्क तथा मेष

गणेशजी की दृष्टि से मेष और कर्क राशि के मित्रों के बीच मित्रता न तो सलाह योग्य है और न दीर्घकालीन । दोनों के बीच के संबंधों में तनाव रहता है और उसका दुःखद अंत आता है ।


कर्क तथा वृषभ

इन दो राशियों के बीच के मित्रता संबंधों में गणेशजी को बहुत अधिक संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। दोनों व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक एक-दूसरे के लिए त्याग और बलिदान देने के लिए तैयार रहेंगे। समय बीतने के साथ-साथ प्रगाढ़ प्रेम विकसित होता जाएगा और एक-दूसरे को बहुत अधिक मदद करेंगे। अतः यह मैत्री संबंध प्रगाढ़, अर्थपूर्ण औऱ अंत तक निभनेवाला बन सकेगा।


कर्क तथा मिथुन

मित्रता के लिए इन दो राशियों के बीच अच्छा मेल रहता है। दोनों साथ मिलकर अच्छे और सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। फिर भी, यदि वे एक-दूसरे के साथ स्पर्धा की भावना रखेंगे तो उनके बीच मनमुटाव और समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। दोनों व्यक्ति अपने आप पर अनिवार्य रूप से नियंत्रण का अनुभव करें तो लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ मुक्त वातावरण का आनंद नहीं उठा सकते। अतः गणेशजी इस संबंध में आगे न बढ़ने की सलाह देते हैं।


कर्क तथा कर्क

जहां संबंधों की बात आती है, वहां दोनों मित्र कर्क राशिवाले हों, तो उनके बीच के संबंध अत्यंत संवेदनशील और नाजुक होते हैं। यदि दोनों में से कोई भी एक मित्र दूसरे के लिए अधिक बलिदान दे, तो दोषारोपण और रोष अभिव्यक्त हो सकता है। अतः दोनों की एक ही राशि होने पर भी उन्हें इस विषय में सावधान रहना पड़ेगा, ऐसा गणेशजी का मानना है।


कर्क तथा सिंह

गणेशजी की दृष्टि से यह युति मैत्री में सफल होने जैसी नहीं लगती, क्योंकि दोनों व्यक्ति परस्पर एक-दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाते रहेंगे। एक-दूसरे के प्रति अधिक अपेक्षा रखेंगे जिससे एक-दूसरे को संभालना कठिन हो जाता है। अतः इन संबंधों में आगे बढ़ना उचित नहीं है।


कर्क तथा कन्या

प्रेम अंधा होता है, यह उक्ति यहां लागू पड़ सकती है, क्योंकि इन दोनों के बीच प्रेम या मैत्रीपूर्ण संबंध बिना सोचे- समझे स्थापित होते हैं और बाद में वे आंख खोलनेवाले एवं वास्तविकता सामने लानेवाले होते हैं। समस्याओं का निराकरण करना हो तब दोनों को ऐसा लगता है कि एक-दूसरे को बचाने में बहुत प्रयास करना पड़ता है। इसके लिए दोनों व्यक्तियों को परिश्रम करने पड़ेंगे और ऐसी संभावना है कि इनमें से एक मित्र बीच में ही दूसरे मित्र को छोड़कर चला जाएगा। अतः गणेशजी इन संबंधों को कामचलाऊ मानकर उसे टालने की सलाह देते है।


कर्क तथा तुला

इन संबंधों में गणेशजी को कोई दम नहीं दिखाई देता। इनमें से एक व्यक्ति अधिक प्रभुत्वशाली और अपेक्षा रखनेवाला होगा, जबकि दूसरा मित्र ऐसी परिस्थितियों से तंग आकर धैर्य खो बैठता है। एक-दूसरे को बार-बार मुंह पर सुनाने की आदत या आमने-सामने होने के कारण उनकी पारस्परिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और मित्रता का दुःखद अंत आता है।


कर्क तथा वृश्चिक

गणेशजी इन दो राशि वाले लोगों के बीच मैत्री संबंध अच्छी तरह विकसित होने की संभावना देख रहे हैं। दोनों के विचारों में समानता और एकरूपता होगी और दोनों व्यक्ति एक-दूसरे की सीमाओं को समझने तथा स्वीकार करने के लिए तैयार होंगे। दोनों व्यक्ति परस्पर समाधान का मार्ग अपनाएंगे। दोनों पक्षों को अत्यधिक सहनशक्ति रखनी पड़ेगी, परंतु उनकी मैत्री टिकी रहेगी ।


कर्क तथा धनु

ये संबंध मध्यम रहते हैं। दोनों व्यक्तियों की भावनात्मक आवश्यकताएं और स्वभाव बहुत ही अलग होते हैं, इस कारण दोनों मित्रों में हताशा और बेचैनी उत्पन्न होती है। इसका एक अच्छा पक्ष देखें तो कर्क राशि वालों को धनु राशि वालों के विनोदप्रिय और आशावादी स्वभाव का लाभ मिल सकता है। उसी प्रकार धनु रशि वाले कर्क राशिवालों जातक की संगत में रहकर उनके पास से आंतरिक भावनाओं को समझना और स्वीकार करना सीख सकते हैं। मैत्री को सफल बनाने के लिए दोनों व्यक्तियों को लक्ष्मण रेखी खींचने की आवश्यकता है।


कर्क तथा मकर

कर्क राशि वाले लोगों को मकर राशि वालों की जड़ता और शुष्कता पर चिढ़ रहती है, फिर भी मकर राशि वालों की शक्ति और भावनात्मक स्थिरता से उसकी तरफ आकर्षित होते हैं। कर्क राशि वालों की भावुकता और आवश्यकताएं बारंबार मकर राशि वालों की भावनात्मक अलिप्तता और शुष्कता के साथ संघर्ष में आती है। गणेशजी को ऐसा लगता है कि भले ही आपकी रुचि और पसंदगी पूर्णतः एक-दूसरे की विरोधी हो, आप एक-दूसरे के साथ प्रगाढ़ प्रेम करेंगे और एक-दूसरे की प्रशंसा करेंगे। गणेशजी कहते हैं कि दोनों व्यक्ति आगे बढ़ने से पहले एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं, अतः यदि दोनों का एक-दूसरे की तरफ गहरा लगाव हो तो कोई समस्या ही नहीं है।


कर्क तथा कुंभ

इन दोनों राशि के मित्रों के व्यवहारिक और भावनात्मक उद्देश्य हमेशा संघर्षमय रहते हैं। इसके बावजूद दोनों के बीच घनिष्ठ मैत्री संबंध हो सकते हैं। कर्क राशि वाले लोग कुंभ राशि वालों के अधिक सापेक्ष (आधिपत्य की भावनावाले) और अक्कड लगेंगे, जबकि कुंभ राशि वालों को कर्क राशि वाले लोग बहुत अधिक भावात्मक और सुनने में कर्कश लगते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए गणेशजी इन संबंधों के टिकने की संभावना बहुत कम देखते हैं।


कर्क तथा मीन

दोनों व्यक्तियों की राशियां भावना प्रधान होने के कारण ये संबंध बहुत जीवंत और उत्साहवर्द्धक होते हैं, परंतु उत्तरदायित्वों को बंटने की बात आने पर दोनों उससे दूर रहते हैं। उत्तयदायित्व और दैनिक प्रवृत्तियां इस संबंध में आयोजनविहीन होती हैं। फिर भी एक-दूसरे के समर्थक और परस्पर जुड़े होते हैं, जिससे इन दो राशियों के बीच की मैत्री लंबे समय तक टिके रहने की अधिक संभावना गणेशजी देख रहे हैं ।

उपरोक्त स्पोंसर्ड कंटेंट गैर-संपादकीय है और थर्ड पार्टी द्वारा उपलब्ध करवाया गया है. एनडीटीवी उपरोक्त किसी भी सामग्री की गारंटी, पुष्टि या समर्थन नहीं करता है, और न ही इसके लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार है.