राजस्थान विधानसभा चुनाव : 7 दिसंबर को मतदान और 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे
जयपुर:
कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को यहां कहा कि वे सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार होंगे. हालांकि पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, इस पर टिप्पणी करने से दोनों नेता बचते नजर आए. कांग्रेस की ओर से ये दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि करते हुए पायलट ने राज्य में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को उखाड़ फेंकने का विश्वास जताया. सत्ता में आने पर कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा? जवाब से बचते हुए पायलट ने कहा, "मैं और गहलोत दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस राज्य की सत्ता में आएगी."
राजस्थान में कांग्रेस की बात उलझी या फिर सुलझी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके पायलट ने गहलोत के साथ मतभेदों की खबरों को खारिज कर दिया. 15वीं लोकसभा में अजमेर का प्रतिनिधित्व कर चुके पायलट ने कहा, "भाजपा के भीतर टिकटों के बंटवारे को लेकर कलह मची हुई है. साथ ही राजे की कार्यप्रणाली से निराश नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं." दो बार के मुख्यमंत्री और फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गहलोत भी मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर रहस्यमय बने रहे. गहलोत ने कहा, "आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी में परंपरा रही है कि वह राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को नाम नहीं देती है. हम उस विरासत को गर्व से आगे ले जा रहे हैं." गहलोत जोधपुर के सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. वह फिलहाल इसी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों में फोन बांटने का खेल क्या है?
गौरतलब है कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच किसी भी तरीके का टकराव टालने के लिए पार्टी ने गहलोत को केंद्रीय संगठन में भेज दिया था. लेकिन गहलोत बीच में अपनी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के चुनाव के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है. नतीजों की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी. राज्य में फिलहाल भाजपा सत्ता में है.
2019 का सेमीफाइनलः राजस्थान में कांग्रेस की बात उलझी या फिर सुलझी
इनपुट : आईएनएस
राजस्थान में कांग्रेस की बात उलझी या फिर सुलझी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके पायलट ने गहलोत के साथ मतभेदों की खबरों को खारिज कर दिया. 15वीं लोकसभा में अजमेर का प्रतिनिधित्व कर चुके पायलट ने कहा, "भाजपा के भीतर टिकटों के बंटवारे को लेकर कलह मची हुई है. साथ ही राजे की कार्यप्रणाली से निराश नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं." दो बार के मुख्यमंत्री और फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गहलोत भी मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर रहस्यमय बने रहे. गहलोत ने कहा, "आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी में परंपरा रही है कि वह राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को नाम नहीं देती है. हम उस विरासत को गर्व से आगे ले जा रहे हैं." गहलोत जोधपुर के सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. वह फिलहाल इसी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों में फोन बांटने का खेल क्या है?
गौरतलब है कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच किसी भी तरीके का टकराव टालने के लिए पार्टी ने गहलोत को केंद्रीय संगठन में भेज दिया था. लेकिन गहलोत बीच में अपनी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के चुनाव के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है. नतीजों की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी. राज्य में फिलहाल भाजपा सत्ता में है.
2019 का सेमीफाइनलः राजस्थान में कांग्रेस की बात उलझी या फिर सुलझी
इनपुट : आईएनएस
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं