
मानवेंद्र सिंह ने सितंबर महीने में भाजपा छोड़ी है.
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वसुंधरा को टक्कर देने उतरे मानवेंद्र सिंह
सितंबर महीने में छोड़ी थी भाजपा
मानवेंद्र के लिए करनी सेना कर रही प्रचार
राजपूत समुदाय का प्रदेश की 200 में से करीब 50 सीटों पर दबदबा है और यह उन्हें प्रभावित कर सकते हैं. राज्य में करीब 11 फीसदी राजपूत समुदाय के वोट हैं. राजपूत मतदाता भाजपा का पारंपरिक वोट बैंक रहा है, लेकिन जसवंत सिंह को टिकट न देने, आनंदपाल का एनकाउंटर और पद्मावत फिल्म पर विवाद के बाद राजपूतों और भाजपा में मन मुटाव की स्थिति देखने को मिली है. इसके साथ ही मानवेंद्र के चुनाव प्रचार में करनी सेना भी उतर गई है. पद्मावत मूवी का सबसे ज्यादा विरोध करनी सेना ने ही किया था. अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस इस स्थिति को भुना पाएगी?
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गौर करने वाली बात यह भी है कि राजपूत वोट बैंक सिर्फ भाजपा ही नहीं कांग्रेस के लिए भी चिंता का विषय है. झालरापाटन से सटे कोटा रियासत के पूर्व राज घराने के सदस्य भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं. कांग्रेस से सांसद रहे इज्येराज सिंह की पत्नी कल्पना भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में राजपूत समुदाय के वोट भाजपा के हिस्से में जाने की संभावना है.
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