बसपा प्रमुख मायावती. (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश में सरकार बनाने की कांग्रेस की राह आसान हो गई है, अब उसे मायावती का साथ मिल गया है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने से पहले उसे फटकार भी लगाई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, 'भाजपा गलत नीतियों की वजह से हारी है. भाजपा से जनता परेशान हो चुकी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन में यहां काफी उपेक्षा हुई है. आजादी के बाद केंद्र और राज्य में ज्यादातर जगह कांग्रेस ने ही राज किया है. मगर कांग्रेस के राज में भी लोगों का भला नहीं हो पाया. अगर कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर के साथ मिलकर विकास का काम सही से किया होता तो बसपा को अलग पार्टी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती.'
इसके बाद मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया. उन्होंने कहा, 'भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए हमारी पार्टी ने यह चुनाव लड़ा था. दुख की बात है कि हमारी पार्टी इसमें उस तरह से कामयाब नहीं हो पाई. भाजपा अभी भी सत्ता में आने के लिए जोर-तोड़ कर रही है. इसलिए हमने कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला किया है. भाजपा को सत्ता से दूर रखने का यही तरीका है. अगर राजस्थान में भी जरूरत हुई, तो वहां भी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए बसपा समर्थन दे सकती है.'
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मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव परिणामों से साफ जाहिर है कि लोग भाजपा और उसकी लोक हित विरोधी नीतियों के खिलाफ थे. ऐसा कोई मजबूत विकल्प नहीं था, जिसकी वजह से कांग्रेस को लोगों ने चुनाव. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी से अच्छा काम किया, साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वोटरों का धन्यवाद दिया.'
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बता दें, मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. कांग्रेस बहुमत से दो सीट दूर रह गई. दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी 109 सीटों के साथ रही. इसके अलावा बसपा को दो, समाजवादी पार्टी को एक और चार अन्यों को सीट मिली हैं.
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इसके बाद मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया. उन्होंने कहा, 'भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए हमारी पार्टी ने यह चुनाव लड़ा था. दुख की बात है कि हमारी पार्टी इसमें उस तरह से कामयाब नहीं हो पाई. भाजपा अभी भी सत्ता में आने के लिए जोर-तोड़ कर रही है. इसलिए हमने कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला किया है. भाजपा को सत्ता से दूर रखने का यही तरीका है. अगर राजस्थान में भी जरूरत हुई, तो वहां भी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए बसपा समर्थन दे सकती है.'
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मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव परिणामों से साफ जाहिर है कि लोग भाजपा और उसकी लोक हित विरोधी नीतियों के खिलाफ थे. ऐसा कोई मजबूत विकल्प नहीं था, जिसकी वजह से कांग्रेस को लोगों ने चुनाव. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी से अच्छा काम किया, साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वोटरों का धन्यवाद दिया.'
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बता दें, मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. कांग्रेस बहुमत से दो सीट दूर रह गई. दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी 109 सीटों के साथ रही. इसके अलावा बसपा को दो, समाजवादी पार्टी को एक और चार अन्यों को सीट मिली हैं.
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