कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही कर्ज माफी पर दस्तखत किए.
नई दिल्ली:
कमलनाथ (Kamal Nath) मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कमलनाथ को पद और गोपनियता की शपथ (Kamal Nath Oath Ceremony) दिलाई. शपथ लेने के तुरंत बाद ही अपने वादे के मुताबिक मध्यप्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी भोपाल में किसानों के कर्ज़ माफ (Loan Waiver) करने वाली फाइल पर दस्तखत कर दिए. बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने से पहले ही कहा कि था कि वे 10 दिनों से पहले ही किसानों का कर्ज माफ करेंगे. एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा था, '10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में ही 2 लाख रुपये तक के कर्जमाफी की घोषणा की थी, जिसे सरकार गठन के तुरंत बाद ही बाद अमल में लाया गया. बता दें कि कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एचडी देवगौड़ा, शरद यादव, राकांपा के शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे. शपथ ग्रहण समारोह जम्बूरी मैदान में हुआ.
शपथग्रह के कुछ ही घंटे बाद मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'मध्यप्रदेश शासन एतद् द्वारा निर्णय लिया जाता है कि मध्यप्रदेश राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्रता अनुसार पाए गए किसानों के 2 लाख रुपये की सीमा तक का दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थित में बकाया फसल ऋण माफ किया जाता है. बता दें कि किसानों की ऋण माफी से मध्यप्रदेश सरकार पर 56 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाकर 51000 रुपये कर दी है.
मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से किसानों की कर्जमाफी की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'मध्यप्रदेश के सीएम ने किसानों का कर्ज माफ किया. '
बता दें कि कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी. इसमें लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा. प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. इसमें 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है. वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपये डूबत कर्ज (एनपीए) है. कर्ज माफी के लिए फिलहाल जिस फॉर्मूले पर मंथन हो रहा है, उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि इससे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार सरकार पर आएगा.
गौरतलब है कि चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि सबसे पहले हमारी प्राथमिकता किसानों की कर्जमाफी की होगी. राहुल गांधी ने कहा था कि यह जीत किसानों की है. युवाओं की है. छोटे दुकानदारों की है. राहुल गांधी ने कहा कि अब बदलाव का समय है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि पीएम मोदी ने किसानों के साथ जो वादा किया था वह भी टूटा है. उन्होंने कहा कि हम जहां जीते हैं, वहां ऐसी सरकार देंगे उसपर लोग गर्व करेंगे. उन्होंने कहा था कि सरकार का गठन होते ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा.
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बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं. यह संख्या साधारण बहुमत, 116 सीट, से दो कम हैं. हालांकि बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है. जिससे कांग्रेस को फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं.
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छत्तीसगढ़ में भी कर्ज माफी की तैयारी शुरू
उधर, छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की जीत के बाद राज्य शासन के अधिकारियों ने किसानों की कर्ज माफी की तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य शासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक सहकारिता विभाग के उपसचिव पीएस सर्पराज ने संचालक संस्थागत वित्त संयोजक, राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी और प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक को पत्र लिखकर किसानों की ऋण माफी योजना को लागू करने के लिए जानकारी मांगी है. बता दें कि कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने के बाद 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: सरकार बनने से पहले ही किसानों की कर्ज माफी की तैयारियां शुरू, राहुल ने किया था 10 दिनों में माफ करने का वादा
पत्र में लिखा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई है. इस घोषणा की पूर्ति के लिए किसानों की ऋण माफी योजना तैयार किया जाना है. अधिकारियों से कहा गया है कि उनके अधीन कार्यरत बैंकों द्वारा किसानों को वितरित कृषि ऋण अवशेष की जानकारी 30 नवंबर की स्थिति के अनुसार उपलब्ध कराएं.
VIDEO: NDTV से बोले कमलनाथ-जनता से किया वादा 10 दिन में पूरा करेंगे
Bhopal: Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath signs on the files for farm loan waiver pic.twitter.com/NspxMA8Z6i
— ANI (@ANI) December 17, 2018
शपथग्रह के कुछ ही घंटे बाद मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'मध्यप्रदेश शासन एतद् द्वारा निर्णय लिया जाता है कि मध्यप्रदेश राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्रता अनुसार पाए गए किसानों के 2 लाख रुपये की सीमा तक का दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थित में बकाया फसल ऋण माफ किया जाता है. बता दें कि किसानों की ऋण माफी से मध्यप्रदेश सरकार पर 56 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाकर 51000 रुपये कर दी है.
मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से किसानों की कर्जमाफी की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'मध्यप्रदेश के सीएम ने किसानों का कर्ज माफ किया. '
CM, Madhya Pradesh, waives farm loans.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2018
1 done.
2 to go.
बता दें कि कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी. इसमें लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा. प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. इसमें 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है. वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपये डूबत कर्ज (एनपीए) है. कर्ज माफी के लिए फिलहाल जिस फॉर्मूले पर मंथन हो रहा है, उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि इससे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार सरकार पर आएगा.
गौरतलब है कि चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि सबसे पहले हमारी प्राथमिकता किसानों की कर्जमाफी की होगी. राहुल गांधी ने कहा था कि यह जीत किसानों की है. युवाओं की है. छोटे दुकानदारों की है. राहुल गांधी ने कहा कि अब बदलाव का समय है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि पीएम मोदी ने किसानों के साथ जो वादा किया था वह भी टूटा है. उन्होंने कहा कि हम जहां जीते हैं, वहां ऐसी सरकार देंगे उसपर लोग गर्व करेंगे. उन्होंने कहा था कि सरकार का गठन होते ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा.
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बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं. यह संख्या साधारण बहुमत, 116 सीट, से दो कम हैं. हालांकि बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है. जिससे कांग्रेस को फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं.
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छत्तीसगढ़ में भी कर्ज माफी की तैयारी शुरू
उधर, छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की जीत के बाद राज्य शासन के अधिकारियों ने किसानों की कर्ज माफी की तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य शासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक सहकारिता विभाग के उपसचिव पीएस सर्पराज ने संचालक संस्थागत वित्त संयोजक, राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी और प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक को पत्र लिखकर किसानों की ऋण माफी योजना को लागू करने के लिए जानकारी मांगी है. बता दें कि कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने के बाद 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा.
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पत्र में लिखा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई है. इस घोषणा की पूर्ति के लिए किसानों की ऋण माफी योजना तैयार किया जाना है. अधिकारियों से कहा गया है कि उनके अधीन कार्यरत बैंकों द्वारा किसानों को वितरित कृषि ऋण अवशेष की जानकारी 30 नवंबर की स्थिति के अनुसार उपलब्ध कराएं.
VIDEO: NDTV से बोले कमलनाथ-जनता से किया वादा 10 दिन में पूरा करेंगे
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