
कांग्रेस से गठबंधन को लेकर बोले अखिलेश यादव
भोपाल:
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) कांग्रेस (Congress) से गठबंधन करने को लेकर एक बार फिर विचार कर सकती है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं. मंगलवार को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि राज्य में अभी चुनाव खत्म नहीं हुए हैं. मैं आपको बताना चाहता हूं कि अभी भी गठबंधन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस बहुजन पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ चुनाव में जाती है तो वह आसानी से 200 या इससे ज्यादा सीटें जीत सकती है . ध्यान हो कि कांग्रेस को चुनाव से पहले ही गठबंधन को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) से निराशा हाथ लगी थी.
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इस महीनें की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कहा था कि कांग्रेस ने उन्हें जरूरत से ज्यादा इंतजार करवाया है. इसके बाद ही उन्होंनें राज्य में अपने छह उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में सक्रिय रहने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ भी सपा का गठबंधन है. ध्यान हो कि पिछले साल यूपी में हुए विधानसभा में कांग्रेस-सपा गठबंधन को मिली जबरदस्त हार के बाद से सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर अपने हाथ पीछे खींच लिए थे.
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मध्यप्रदेश की 230 सीटों के लिए 28 नवंबर को चुनाव होने हैं. कांग्रेस इस चुनाव में अकेले ही उतर रही है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि चुनाव से बसपा ने कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना को नाकार दिया था. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में बसपा से गठबंधन को लेकर कांग्रेस ने कहा था कि बसपा प्रमुख मायावती द्वारा मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनावी गठबंधन से इनकार किए जाने को कांग्रेस ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी. कांग्रेस ने कहा कि मायावती ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी में विश्वास प्रकट किया है और 'सद्भाव एवं प्रेम' के साथ दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लक्ष्य के साथ उतरेगी और इस लड़ाई में अगर कोई दल साथ आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन नहीं आता है तो वह 'स्वस्थ मुकाबले' के लिए तैयार हैं.
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उधर, BJP के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गठबंधन बनाना विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) के डीएनए में नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल गांधी परिवार को ही महत्व देती है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'हम मायावती जी की भावना का सम्मान करते हैं. उन्होंने सोनिया जी और राहुल जी में पूरा विश्चास व्यक्त किया. हम इस भावना का सम्मान करते हैं. अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल जी, हमारी मार्गदर्शक सोनिया जी और मायावती जी के बीच सद्भाव है तो कोई चौथा व्यक्ति व्यवधान नहीं डाल पाएगा.' उन्होंने कहा, 'कहीं अगर कपड़े में सिलवटें हैं तो हम बैठकर सद्भाव और प्रेम से उसे दूर कर देंगे.'सुरजेवाला ने कहा, 'जहां-जहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लगेगा कि किसी दल के साथ गठबंधन कांग्रेस के संगठन और विचारधारा को मजबूत करेगा तो प्रदेश इकाई पार्टी की गठबंधन समिति के साथ बातचीत करके फैसला करेगी.'
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उन्होंने कहा, 'अगर हमें यह लगेगा कि एक विशेष प्रांत में किसी स्थानीय राजनीतिक दल से गठजोड़ या समझौता प्रांत के विकास की गति को तेजी देगा और कांग्रेस की विचारधारा को मजबूत करेगा तो समझौता अवश्य करेंगे. जहां लगेगा कि मेल नहीं हो पा रहा, कहीं दो बिंदु आपस में नहीं मिल पाएंगे, वहां एक स्वस्थ मुकाबला हो जाएगा, इसमें कोई गलत बात नहीं, पहले भी ऐसा होता रहा है.'
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इस महीनें की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कहा था कि कांग्रेस ने उन्हें जरूरत से ज्यादा इंतजार करवाया है. इसके बाद ही उन्होंनें राज्य में अपने छह उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में सक्रिय रहने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ भी सपा का गठबंधन है. ध्यान हो कि पिछले साल यूपी में हुए विधानसभा में कांग्रेस-सपा गठबंधन को मिली जबरदस्त हार के बाद से सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर अपने हाथ पीछे खींच लिए थे.
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मध्यप्रदेश की 230 सीटों के लिए 28 नवंबर को चुनाव होने हैं. कांग्रेस इस चुनाव में अकेले ही उतर रही है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि चुनाव से बसपा ने कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना को नाकार दिया था. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में बसपा से गठबंधन को लेकर कांग्रेस ने कहा था कि बसपा प्रमुख मायावती द्वारा मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनावी गठबंधन से इनकार किए जाने को कांग्रेस ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी. कांग्रेस ने कहा कि मायावती ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी में विश्वास प्रकट किया है और 'सद्भाव एवं प्रेम' के साथ दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लक्ष्य के साथ उतरेगी और इस लड़ाई में अगर कोई दल साथ आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन नहीं आता है तो वह 'स्वस्थ मुकाबले' के लिए तैयार हैं.
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उन्होंने कहा, 'अगर हमें यह लगेगा कि एक विशेष प्रांत में किसी स्थानीय राजनीतिक दल से गठजोड़ या समझौता प्रांत के विकास की गति को तेजी देगा और कांग्रेस की विचारधारा को मजबूत करेगा तो समझौता अवश्य करेंगे. जहां लगेगा कि मेल नहीं हो पा रहा, कहीं दो बिंदु आपस में नहीं मिल पाएंगे, वहां एक स्वस्थ मुकाबला हो जाएगा, इसमें कोई गलत बात नहीं, पहले भी ऐसा होता रहा है.'
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