कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बहस की खबरों का किया खंडन.
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि टिकटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बीच केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में तीखी बहस हो गई. बताया गया है कि यह बहस राहुल गांधी के सामने ही हुई. बात बढ़ने पर बैठक टालनी पड़ी पर तीन वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, वीरप्पा मोइली और अशोक गहलोत की समिति बना दी गई. गौरतलब है कि दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह फिलहाल किनारे कर दिए गए हैं. बीजेपी ने इस पर चुटकी ली है. वहीं दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इन ख़बरों का खंडन किया है.
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बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एमपी में चुनाव होने वाला है. कांग्रेस पार्टी में टिकट के वितरण के विषय में मीटिंग चल रही है. सुनने में आया है घमासान हो रहा है बंद कमरे के अंदर. दिग्विजय सिंह जी और सिंधिया के बीच हाथापाई होने की नौबत है और राहुल जी वहां मौजूद थे. राहुल जी देखते रहे.
दिग्विजय सिंह ने खबरों का खंडन करते हुए कहा कि कोई बहस नहीं हुई थी. उन्होंने ट्वीट किया, 'ये सत्य और तथ्य दोनों से परे है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनकी बहस हुई थी और राहुल गांधी ने बीच बचाव किया था. सच तो यह है कि मध्यप्रदेश में किसी तरह का मतभेद नहीं है, पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. कांग्रेस के सभी नेताओं और सदस्यों का सिर्फ एक ही मकसद है कि बीजेपी को सरकार बनाने से रोका जाए.
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बता दें कि बुधवार देर रात हुई कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच जमकर बहस हुई. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के आवंटन को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आधी रात के बाद तक चली. हालांकि, इस बैठक में बातचीत अधूरी रह गई. सूत्रों ने बताया कि अपने-अपने उम्मीदवारों की वकालत करते हुए सिंधिया और सिंह के बीच गर्मागर्म बहस हो गई. उन्होंने बताया कि इसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं अहमद पटेल, एम वीरप्पा मोईली और अशोक गहलोत से कहा कि वह इन नेताओं के साथ बैठकर उनके मतभेदों को सुलझाएं.
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मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होना है और पार्टी ने अबतक किसी भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. मध्य प्रदेश में शुक्रवार को चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी नेताओ के बीच किसी भी मतभेद की खबरों का खंडन किया और दावा किया कि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व एकजुट है.
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उन्होंने कहा, 'नेताओं के बीच कोई लड़ाई नहीं है जैसा कि मीडिया के एक धड़े में खबर आई है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के सभी नेता एकजुट हैं.' गहलोत ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी हो जाएगी.
(इनपुट: भाषा से भी)
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बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एमपी में चुनाव होने वाला है. कांग्रेस पार्टी में टिकट के वितरण के विषय में मीटिंग चल रही है. सुनने में आया है घमासान हो रहा है बंद कमरे के अंदर. दिग्विजय सिंह जी और सिंधिया के बीच हाथापाई होने की नौबत है और राहुल जी वहां मौजूद थे. राहुल जी देखते रहे.
It is being wrongly reported in press that I and Jyotiraditya Scindhia ji had any arguement and Rahul ji had to intervene. All of us in MP Congress are one and determined to defeat the corrupt BJP Govt in MP.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 1, 2018
दिग्विजय सिंह ने खबरों का खंडन करते हुए कहा कि कोई बहस नहीं हुई थी. उन्होंने ट्वीट किया, 'ये सत्य और तथ्य दोनों से परे है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनकी बहस हुई थी और राहुल गांधी ने बीच बचाव किया था. सच तो यह है कि मध्यप्रदेश में किसी तरह का मतभेद नहीं है, पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. कांग्रेस के सभी नेताओं और सदस्यों का सिर्फ एक ही मकसद है कि बीजेपी को सरकार बनाने से रोका जाए.
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बता दें कि बुधवार देर रात हुई कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच जमकर बहस हुई. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के आवंटन को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आधी रात के बाद तक चली. हालांकि, इस बैठक में बातचीत अधूरी रह गई. सूत्रों ने बताया कि अपने-अपने उम्मीदवारों की वकालत करते हुए सिंधिया और सिंह के बीच गर्मागर्म बहस हो गई. उन्होंने बताया कि इसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं अहमद पटेल, एम वीरप्पा मोईली और अशोक गहलोत से कहा कि वह इन नेताओं के साथ बैठकर उनके मतभेदों को सुलझाएं.
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मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होना है और पार्टी ने अबतक किसी भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. मध्य प्रदेश में शुक्रवार को चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी नेताओ के बीच किसी भी मतभेद की खबरों का खंडन किया और दावा किया कि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व एकजुट है.
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उन्होंने कहा, 'नेताओं के बीच कोई लड़ाई नहीं है जैसा कि मीडिया के एक धड़े में खबर आई है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के सभी नेता एकजुट हैं.' गहलोत ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी हो जाएगी.
(इनपुट: भाषा से भी)
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