राहुल गांधी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अपनी फोटो ट्वीट कर दिए थे संकेत.
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री (CM Of Madhya Pradesh) इसे लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है. कमलनाथ (Kamal Nath) मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे. कांग्रेस ने ट्वीट कर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी. उधर, विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि आम राय से कमलनाथ का चुनाव किया गया. वहीं, एके एंटनी ने कहा कि राहुल गांधी ने कमलनाथ को चुना है. मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मुझे पद की कोई भूख नहीं है. अगला समय काफी चुनौती का है. यह पद मेरे लिए मील का पत्थर है. कमलनाथ ने सिंधिया को भी धन्यवाद दिया.
देर रात भोपाल पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनके समर्थकों ने ‘जय जय कमलनाथ' के नारे से उनका स्वागत किया. वहां से वह विधायक दल के नेता के चयन के वास्ते नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के लिए सीधे पार्टी कार्यालय गये. कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने के समय से ही मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार थे. राज्य में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता में थी. पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे. कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निर्वाचित होने पर उन्हें हमारी शुभकामनाएं. उनकी कमान में राज्य में एक नये युग का सूत्रपात होने जा रहा है.''
कांग्रेस की ओर से नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक ए के एंटनी और भंवर जितेंद्र सिंह ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस विधायक दल ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप वरिष्ठ नेता कमलनाथ को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना है. बुधवार को ही कांग्रेस विधायक दल ने प्रस्ताव पारित कर अपना नेता चुनने के अधिकार राहुल गांधी को सौंप दिए थे. इस मौके पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादितय सिंधिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और अरुण यादव भी उपस्थित थे.
यह भी पढ़ें: Kamal Nath Profile: मध्यप्रदेश के नवनियुक्त सीएम कमलनाथ को तीसरा बेटा मानती थीं इंदिरा गांधी, जानिये उनके बारे में सबकुछ
बता दें कि दिल्ली में राहुल गांधी के घर हुई मैराथन बैठक के बाद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों भोपाल रवाना हुए थे. बता दें कि इन दोनों नेताओं के बीच ही मुख्यमंत्री पद की रेस थी. दोनों ही लोकप्रिय नेता हैं और अपनी अलग पहचान रखते हैं. कमलनाथ मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रमुख हैं, तो सिंधिया प्रचार कमेटी के प्रमुख रहे हैं. कमलनाथ की पहचान एक अनुभवी वार्ताकार की रही है, लेकिन सिंधिया मध्यप्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय चेहरा रहे हैं. कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का भी समर्थन हासिल है तो वहीं, सिंधिया की वजह से कांग्रेस को ग्वालियर, चंबल संभाग में बड़ी जीत मिली है, जिसका उन्होंने दावा भी किया है.
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कमलनाथ को क्यों बनाया मुख्यमंत्री, ये रहे पांच कारण
इससे पहले बैठक के बाद राहुल के घर से जाते समय कमलनाथ ने कहा कि सीएम पद पर फैसला भोपाल में होगा. इसके अलावा वह कुछ भी कहने से बचे. वहीं जब ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल के घर से बाहर आए तो उन्होंने कहा, 'सीएम पद के लिए कोई रेस नहीं है. भोपाल में बैठक के बाद सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा.' सिंधिया ने कहा कि कुर्सी के लिए कोई दौड़ नहीं है और सभी नेता मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों प्रबल दावेदारों कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि 'धैर्य और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा' होते हैं. राहुल गांधी ने यह तस्वीर ट्विटर पर उस वक्त शेयर की है जब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर संशय बना हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष ने दोनों के साथ अपनी तस्वीर शेयर की और महान दार्शनिक लियो टॉलस्टॉय को उद्धत करते हुए कहा, 'धैय और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा हैं.'
'इंदिरा गांधी मानती थी तीसरा बेटा'
मध्यप्रदेश में आठ महीने पहले जब कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था तो पार्टी में कई लोगों को याद आया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं, जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी. 39 साल बाद 72 वर्षीय कमलनाथ ने अब इंदिरा के पोते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में दमदार भूमिका निभाई. जनता के बीच 'मामा' के रूप में अपनी अच्छी छवि बना चुके एवं मध्यप्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार को चौथी बार लगातार सत्ता में आने से रोकने के लिए उन्होंने कड़ी टक्कर दी है.
VIDEO: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने कमलनाथ
देर रात भोपाल पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनके समर्थकों ने ‘जय जय कमलनाथ' के नारे से उनका स्वागत किया. वहां से वह विधायक दल के नेता के चयन के वास्ते नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के लिए सीधे पार्टी कार्यालय गये. कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने के समय से ही मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार थे. राज्य में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता में थी. पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे. कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निर्वाचित होने पर उन्हें हमारी शुभकामनाएं. उनकी कमान में राज्य में एक नये युग का सूत्रपात होने जा रहा है.''
कांग्रेस की ओर से नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक ए के एंटनी और भंवर जितेंद्र सिंह ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस विधायक दल ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप वरिष्ठ नेता कमलनाथ को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना है. बुधवार को ही कांग्रेस विधायक दल ने प्रस्ताव पारित कर अपना नेता चुनने के अधिकार राहुल गांधी को सौंप दिए थे. इस मौके पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादितय सिंधिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और अरुण यादव भी उपस्थित थे.
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बता दें कि दिल्ली में राहुल गांधी के घर हुई मैराथन बैठक के बाद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों भोपाल रवाना हुए थे. बता दें कि इन दोनों नेताओं के बीच ही मुख्यमंत्री पद की रेस थी. दोनों ही लोकप्रिय नेता हैं और अपनी अलग पहचान रखते हैं. कमलनाथ मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रमुख हैं, तो सिंधिया प्रचार कमेटी के प्रमुख रहे हैं. कमलनाथ की पहचान एक अनुभवी वार्ताकार की रही है, लेकिन सिंधिया मध्यप्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय चेहरा रहे हैं. कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का भी समर्थन हासिल है तो वहीं, सिंधिया की वजह से कांग्रेस को ग्वालियर, चंबल संभाग में बड़ी जीत मिली है, जिसका उन्होंने दावा भी किया है.
Our best wishes to Shri @OfficeOfKNath for being elected CM of Madhya Pradesh. An era of change is upon MP with him at the helm. pic.twitter.com/iHJe43AB9v
— Congress (@INCIndia) December 13, 2018
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इससे पहले बैठक के बाद राहुल के घर से जाते समय कमलनाथ ने कहा कि सीएम पद पर फैसला भोपाल में होगा. इसके अलावा वह कुछ भी कहने से बचे. वहीं जब ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल के घर से बाहर आए तो उन्होंने कहा, 'सीएम पद के लिए कोई रेस नहीं है. भोपाल में बैठक के बाद सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा.' सिंधिया ने कहा कि कुर्सी के लिए कोई दौड़ नहीं है और सभी नेता मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं.
The two most powerful warriors are patience and time.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 13, 2018
- Leo Tolstoy pic.twitter.com/MiRq2IlrIg
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों प्रबल दावेदारों कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि 'धैर्य और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा' होते हैं. राहुल गांधी ने यह तस्वीर ट्विटर पर उस वक्त शेयर की है जब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर संशय बना हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष ने दोनों के साथ अपनी तस्वीर शेयर की और महान दार्शनिक लियो टॉलस्टॉय को उद्धत करते हुए कहा, 'धैय और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा हैं.'
विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 : मध्य प्रदेश
'इंदिरा गांधी मानती थी तीसरा बेटा'
मध्यप्रदेश में आठ महीने पहले जब कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था तो पार्टी में कई लोगों को याद आया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं, जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी. 39 साल बाद 72 वर्षीय कमलनाथ ने अब इंदिरा के पोते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में दमदार भूमिका निभाई. जनता के बीच 'मामा' के रूप में अपनी अच्छी छवि बना चुके एवं मध्यप्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार को चौथी बार लगातार सत्ता में आने से रोकने के लिए उन्होंने कड़ी टक्कर दी है.
VIDEO: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने कमलनाथ
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